December 26, 2024

यौन शोषण मामले में डेरा प्रमुख राम रहीम दोषी करार, अगली सुनवाई 28 को

ramrahim

चंडीगढ़,25 अगस्त(इ खबरटुडे)।  एक गुमनाम पत्र पर लिए गए संज्ञान के करीब 15 साल बाद आज पंचकुला सीबीआई कोर्ट ने यौन शोषण मामले में फैसला सुनाते हुए डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम को दोषी करार दिया है। सजा पर अगली सुनवाई 28 अगस्‍त को की जाएगी। सुनवाई के समय कोर्ट में केवल जज राम रहीम और स्‍टाफ मौजूद थे। जज जगदीप सिंह ने पूरा फैसला पढ़ा।

इससे पहले हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर खट्टर ने डेरा समर्थकों से अपील करते हुए कहा, कोर्ट का फैसला हम लागू कराएंगे। उन्‍होंने आगे कहा कि पूरे राज्‍य में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और हालात से निपटने के लिए पूरी तैयारी की गयी है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानून-व्‍यवस्‍था की जानकारी ली। साथ ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दोनों राज्‍यों के मुख्‍यमंत्री से बात की। बता दें कि शुक्रवार सुबह 9.05 बजे राम रहीम सिरसा आश्रम से पंचकुला कोर्ट के लिए रवाना हो गए थे। सिरसा से रवानगी के वक्‍त राम रहीम के साथ 800 गाड़ियों का काफिला चला था।

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का प्रशासन को कड़ा निर्देश

कानून व्‍यवस्‍था पर प्रशासन को कड़ा निर्देश जारी करते हुए पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि किसी तरह की अराजकता बर्दाश्‍त नहीं की जाएगी, जरूरत पड़ने पर बल प्रयोग किया जाए। कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा कि कोई नेता पंचकुला न पहुंच पाए और यदि कोई नेता ऐसा करता भी है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाए। कोर्ट ने आगे कहा कि अदालत की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करायी जाए और ध्‍यान रखा जाए कि राम रहीम की पेशी में किसी तरह की देरी न हो। इसके अलावा कोर्ट ने आत्मदाह की कोशिशों पर नजर रखने को भी कहा है।

हेलीकॉप्टर व ड्रोन से हो रही निगरानी

पंचकुला में भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। हेलीकॉप्‍टरों के जरिए भी निगरानी की जा रही है। अदालत के परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस और प्रशासन को डर है कि इस मामले में अगर फैसला डेरा प्रमुख के खिलाफ आया तो कानून-व्यवस्था के लिये चुनौतीपूर्ण हालात हो सकते हैं। इसे देखते हुये पंजाब और हरियाणा के संवेदनशील इलाकों में 15000 अर्धसैनिक बलों समेत हजारों की संख्या में जवानों को तैनात किया गया है।

डेरा प्रमुख का ट्वीट

एक दिन पहले गुरुवार को डेरा प्रमुख ने ट्वीट कर कहा था कि वे कोर्ट में पेश होंगे। कोर्ट में पेशी उनकी अपनी जिम्मेदारी है, लेकिन सरकार उन्हें हवाई मार्ग के जरिए यहां लाने में मदद कर सकती है। मने सदा कानून का सम्मान किया है। हालांकि हमारी कमर में दर्द है, फिर भी कानून की पालना करते हुए हम कोर्ट जरूर जाएंगे। सभी शांति बनाए रखें। हमें भगवान पर दृढ़ भरोसा है -संत गुरमीत राम रहीम सिंह, डेरा प्रमुख।

समर्थकों से बाबा ने की शांति की अपील

अपने समर्थकों से शांति की अपील करते हुए बाबा राम रहीम ने एक वीडियो जारी किया है। जिसमें समर्थकों को अपने घर में रहने की अपील की है। उन्‍होंने कहा है कि मैं स्‍वर्ग में जाकर फैसला सुनूंगा।

अपील के बावजूद डटे हैं समर्थक

बाबा की गाड़ियां जैसे ही सिरसा से निकलीं, कई समर्थक उनकी गाड़ियों के आगे लेट गए, लोगों ने उन्हें आगे से हटाया। इसके बाद कैथल में राम रहीम के समर्थकों ने करीब 40 मिनट तक काफिले को रोके रखा। वे सड़क पर लेट गए और सुरक्षाकर्मियों को उन्हें हटाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस बीच अंबाला में पुलिस और समर्थकों के बीच बहस हो गयी। दरअसल हाईवे से पुलिस द्वारा समर्थकों को हटाया जा रहा था। इससे पहले काफिले में तीन गाड़ियों के आपस में टकराने की भी खबर मिली थी।

डीजीपी का बयान

हरियाणा के डीजीपी ने कहा, हम पर विश्‍वास रखें, कानून क्षेत्र में शांति है और कानून-व्‍यवस्‍था बनी हुई है। सीआरपीएफ डीजी राजीव भटनागर ने बताया कि सेना को तैयार रहने को कहा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कानून व्‍यवस्‍था की जानकारी ली है। इससे पहले गुरुवार को हाई कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब के एडवोकेट जनरल तथा पुलिस अधिकारियों से पूछा है कि धारा 144 लागू होने के बाद भी लाखों की भीड़ क्यों एकत्र हुई। कहा कि राज्य में जमा हो रहे लोगों को तुरंत उनके घर वापस भेजा जाए। साथ ही अधिक फोर्स तैनात करने के निर्देश दिए। कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि हरियाणा के डीजीपी मामले से निपटने में पूरी तरह फेल साबित हो रहे हैं। हाई कोर्ट उन्हें डिसमिस करने का आदेश जारी कर सकता है।

सिरसा में कर्फ्यू

फैसला आने से पहले पंजाब और हरियाणा सरकार ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना को रिजर्व में रखा है। हरियाणा-पंजाब में 64 हजार सैनिकों को तैनात किया गया है और हरियाणा के सिरसा में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू है। पंचकुला और सिरसा में डेरा समर्थकों की भारी तादाद देखते हुए सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। पंजाब और हरियाणा में शुक्रवार को स्कूल और कॉलेज व चंडीगढ़ के तमाम दफ्तरों को बंद कर दिया गया है।

पंचकुला के लिए बस- रेल सेवा बंद

अधिकारियों ने पंचकुला के लिये बस और रेल सेवा भी रोक दी है। रेल विभाग ने पंजाब और हरियाणा जाने वालीं 29 ट्रेनों को आज से चार दिन के लिए रद्द कर दिया है। पंजाब जाने वाली 22 और हरियाणा जाने वाली सात ट्रेनें रद्द की गई हैं। परिचालन की स्थिति में चार दिनों ये ट्रेनें कुल 74 चक्कर लगातीं। डेरा प्रमुख के प्रशंसक पंचकुला, चंडीगढ़ और आस-पास के क्षेत्रों में इकट्ठा हो रहे हैं। पंचकुला, सिरसा, हिसार और कई दूसरे स्थानों पर सुरक्षा बलों द्वारा फ्लैग मार्च निकाला गया और कई अस्पतालों को सुरक्षात्मक उपायों के मद्देनजर हाई अलर्ट पर रखा गया है।

इंटरनेट और मोबाइल डाटा सेवाएं बंद

हरियाणा-पंजाब व चंडीगढ़ में तत्काल प्रभाव से इंटरनेट और मोबाइल डाटा सेवाएं बंद हैं। पंजाब सरकार ने हरियाणा के अलावा राजस्थान की सीमा भी सील करने के आदेश दिए हैं। केंद्र ने हालात से निपटने के लिए पंजाब को अर्धसैनिक बलों की 10 और कंपनियां दी हैं। हरियाणा में अर्धसैनिक बलों की 50 से अधिक कंपनियों ने मोर्चा संभाल लिया है। उत्तर रेलवे ने हरियाणा जाने वाली ट्रेनों में सुरक्षा बढ़ाने के साथ कई ट्रेनें रद कर दी हैं। गुरुवार को भी कई ट्रेनें नहीं चलीं।

2002 में यौन शोषण का मामला दर्ज

डेरा प्रमुख के खिलाफ सीबीआई ने 2002 में यौन शोषण का मामला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर दर्ज किया था। इससे पहले दो महिला अनुयायियों के कथित यौन शोषण के बारे में पर्चे बांटे गए थे। सिंह पर हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा परिसर के भीतर दुष्‍कर्म का आरोप है।

यह है मामला : गुमनाम पत्र में लगाए गए थे संगीन आरोप

गुमनाम पत्र के माध्यम से एक साध्वी ने डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम पर यौन शोषण सहित कई अन्य संगीन आरोप लगाए थे। यह पत्र तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को लिखा गया था। साथ ही इसकी प्रति पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को भेजी गई थी। पत्र में आरोप लगाए गए थे कि पीडि़ता पंजाब की रहने वाली है और सिरसा के डेरा सच्चा सौदा में 5 साल से एक साध्वी के रूप में रह रही है। आरोप लगाया गया कि साध्वियों का शोषण किया जा रहा है। अपनी आपबीती भी बताई गई थी, जिसमें डेरामुखी गुरमीत राम रहीम पर यौन शोषण के आरोप लगे थे। घटना 1999 की है और पत्र 2001 में लिखा गया। प्राथमिकी 2002 में दर्ज की गई। तब उच्च न्यायालय ने पत्र का संज्ञान लेते हुए सितंबर 2002 को मामले की सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे। सीबीआइ ने जांच में उक्त तथ्यों को सही पाया और डेरा प्रमुख के खिलाफ विशेष अदालत के समक्ष 31 जुलाई 2007 में आरोप पत्र दाखिल कर दिया।

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