December 24, 2024

चेतन्य काश्यप फाउण्डेशन ने किया 3500 से अधिक तीर्थयात्रियों का सम्मान,मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना प्रकोष्ठ भी बना सहभागी

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रतलाम 30 सितम्बर (इ खबर टुडे)।  मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में अब तक विभिन्न तीर्थों की यात्रा करने वाले 3500 से अधिक तीर्थयात्रियों का विधायक सभागृह में चेतन्य काश्यप फाउण्डेशन एवं मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना प्रकोष्ठ ने वृहद् समारोह आयोजित कर सम्मान किया। महामण्डलेश्वर स्वामीश्री चिदम्बरानन्दजी महाराज ने समारोह को निश्रा प्रदान करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने तीर्थ दर्शन योजना के माध्यम से सभी तीर्थों को जोडकर बहुत अच्छा कार्य किया है। तीर्थ का मतलब पवित्र है। तीर्थ दर्शन अर्थात पवित्र दर्शन करने से मन पवित्र हो जाता है। मुख्यमंत्री के इस कार्य ने ’’सबकीं आस्था-सबकी यात्रा’’ का नारा साकार किया है।

स्वामीजी ने इस मौके पर समारोह में द्वारकाधीश, तिरुपति बालाजी, रामेश्वरम्, रामदेवरा, पंढरपुर तीर्थ, कामाख्यादेवी, काशी विश्वनाथ, जगन्नाथपुरी, अजमेर शरीफ एवं वैष्णोदेवी तीर्थ की यात्रा करने वाले यात्रियों को इन तीर्थों के चित्र वाली घड़ी प्रदान कर सम्मानित किया। उनके साथ फाउण्डेशन अध्यक्ष, विधायक, राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष चेतन्य काश्यप, भाजपा जिलाध्यक्ष कान्हसिंह चौहान, महापौर डा. सुनीता यार्दे, ग्रामीण विधायक मथुरालाल डामर, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रमेश मईडा, निगम अध्यक्ष अशोक पोरवाल, जनकल्याण योजना प्रकोष्ठ जिला संयोजक सुनील सारस्वत, पूर्व महापौर शैलेन्द्र डागा, जिला महामंत्री मनोहर पोरवाल, प्रदीप उपाध्याय, जनभागीदारी समिति अध्यक्ष राकेश मिश्रा,  हरिहर सेवा समिति अध्यक्ष मोहनलाल भट्ट, भाजपा नेता रामस्वरुप गुर्जर, दिनेश शर्मा, अनिता कटारिया, सोनू यादव, इब्राहिम शैरानी, नन्दकिशोर तोषावडा, जयवन्त कोठारी, संतोष पोरवाल, देवेन्द्र वाधवा, पवन सोमानी आदि मंचासीन रहे।

स्वामीजी ने कहा कि भारत की संस्कृति आरम्भ से जुड़ने की रही है, हमारे तीर्थ भी इसी का प्रतीक हैं। पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण में स्थित तीर्थों का एक योजना में समागम इसी बात का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में शिवराजसिंह चौहान ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने तीर्थ दर्शन यात्रा शुरू की और प्रदेश में चेतन्यजी काश्यप पहले ऐसे विधायक हैं जो सारे यात्रियों का इस तरह समारोहपूर्वक सम्मान कर रहे हैं। तीर्थयात्रियों के सम्मान की परम्परा अनादिकाल से चली आ रही है, लेकिन यह आयोजन उसका वृहद् रुप है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया। उनके कार्य को देखते हुए प्रधानमंत्री ने जैसे सबका साथ-सबका विकास का नारा दिया है, उसी प्रकार प्रदेश में सबकी आस्था-सबकी यात्रा का नारा फलीभूत हुआ है।

विशेष रुप से उपस्थित जिलाध्यक्ष कान्हसिंह चौहान ने कहा कि देश में सरकारें बहुत बनी हैं, लेकिन किसी ने तीर्थ कराने का नहीं सोचा। शिवराजसिंह चौहान ऐसे पहले अनोखे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने सोचा कि वे तो अपने माता-पिता को तीर्थ करवा सकते हैं लेकिन प्रदेश में कई लोग यह कार्य नहीं कर पाते। उनकी योजना से बिना भेदभाव के सारे लोगों को अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण पडाव पूरा करने का अवसर मिला है। चेतन्य काश्यप फाउण्डेशन तीर्थयात्रियों का सम्मान कर भारतीय संस्कृति को समृद्ध कर रहा है। महापौर डा. सुनीता यार्दे ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति की भावना होती है, लेकिन सब तीर्थ पर नहीं जा पाते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी वर्गों का ध्यान रखकर ऐसी योजना बनाई है, जिससे हर व्यक्ति की भावना पूरी हो रही है। ग्रामीण विधायक मथुरालाल डामर ने कहा कि तीर्थ दर्शन योजना बनाकर मुख्यमंत्री ने कलियुग में श्रवण कुमार जैसा कार्य किया। उन्होंने ऐसे मुख्यमंत्री को बार-बार आशीर्वाद देने का आह्नान किया।

आरम्भ में चेतन्य काश्यप फाउण्डेशन के समन्वयक मनोहर पोरवाल, मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना प्रकोष्ठ के सुनील सारस्वत ने स्वागत भाषण दिया। अतिथियों का स्वागत फाउण्डेशन अध्यक्ष श्री काश्यप, श्री सारस्वत, विवेक शर्मा, महेन्द्र शर्मा, विपीन पोरवाल, दिशा चौहान, करणधीर बड़गोत्या, लक्ष्मीनारायण गेहलोत, राजेश बैरागी, असीम व्यास, राकेश व्यास आदि ने किया। इससे पूर्व तीर्थदर्शन यात्रा केन्द्रीत लघु नाटिका का मंचन भी हुआ। समारोह में स्वामी श्री चिदम्बरानन्दजी महाराज ने तीर्थयात्रियों के सम्मान का वृहद् आयोजन करने पर विधायक श्री काश्यप का अभिनन्दन किया। नगर की कई संस्थाओं ने भी स्वामीजी एवं श्री काश्यप का अभिनन्दन किया। संचालन अब्दुल सलाम खोकर ने किया।

तीर्थ दर्शन की दुआओं ने किया प्रदेश व रतलाम का विकास – काश्यप

समारोह में फाउण्डेशन अध्यक्ष, विधायक, राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष चेतन्य काश्यप ने कहा कि संविधान में जिस कल्याणकारी राज्य की अवधारणा है, उसे 70 वर्ष के इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने पूरा किया है। तीर्थ दर्शन योजना के माध्यम से हजारों लोगों ने तीर्थों की यात्रा और दर्शन पर जो दुआएं की और आशीर्वाद दिए हैं, उससे मध्यप्रदेश विकासशील श्रेणी में आ गया है। रतलाम में भी यात्रियों के तीर्थ दर्शन के फलस्वरुप विकास हुआ है। भाजपा हमेशा संस्कृति एवं समरसता के प्रति प्रतिबद्ध रही है। उसने कभी कोई भेदभाव नहीं किया। वर्तमान समय में सामाजिक समरसता को तोड़ने के प्रयास हो रहे हैं, जिनके प्रति सबको सजग रहना होगा। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों का सम्मान उनके परिवार के लिए सौभाग्य का प्रतीक है। तीर्थ और तीर्थ यात्री दोनों ही भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण अंग हैं। तीर्थों से एकता और अखण्डता का स्वरुप मिलता है। आदि शंकराचार्यजी ने देश में चार तीर्थों की स्थापना की थी। कुंभ मेला भी समरसता का प्रतीक है। देश में कभी भेदभाव का चलन नहीं रहा और आज इसी एकता और अखण्डता को बनाए रखने की जरूरत है।

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