भ्रष्टाचार की भेंट चढे तालाब की होगी जांच
जनप्रतिनिधि मिले कलेक्टर से, अधिकारियों ने किया तालाब का निरीक्षण
रतलाम,1 अगस्त (इ खबरटुडे)। नदी घाटी योजना के तहत निर्मित ग्राम धमोतर का तालाब मंगलवार को पहली ही बारिश में फूटने के बाद क्षैत्र में आक्रोश व्याप्त हैं। जहां एक और जनप्रतिनिधि इस संबंध में कलेक्टर से मिले वहीं अधिकारियों ने भी तालाब का निरीक्षण कर जांच दल का गठन कर दिया हैं। भ्रष्टाचार की शिकायत को लेकर पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष ईश्वरलाल पाटीदार एवं जिला पंचायत उपाध्यक्ष दशरथ आंजना के नेतृत्व में बुधवार को प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर राजीव दुबे से भेंट की एवं नदी घाटी योजना विभाग के सहायक सरंक्षण अधिकारी अशोक उपाध्याय को बर्खास्त करने, एवं उस पर आर्थिक अपराध का प्रकरण दर्ज कर मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की हैं।
जिला पंचायत सदस्य श्रीमती निर्मला शंकरलाल पाटीदार ने कलेक्टर को कहा कि तालाब उनके निर्वाचन क्षैत्र में पड़ता हैं। उन्होंने जिला पंचायत की बैठक में ही तालाब निर्माण के दौरान ही भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाया था साथ ही जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री आंजना के माध्यम से भी कमिश्र एवं कृषि विभाग के आयुक्त से शिकायत की थी।
पहले ही था फूटने का अंदेशा
नदी घाटी योजना विभाग के लघुत्तम सिंचाई के तहत 21.58 की लागत से निर्मित तालाब के पहली बारिश में फूटने के कारण जहां शासन का लाखों रूपया पानी में बह गया वहीं प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई। महज तीन माह पूर्व बने इस तालाब को निर्धारित मापदंड पूरे नही होने एवं घटिया निर्माण की शिकायत 23 मई को ही तालाब निर्माण के दौरान संभागायुक्त एवं कृषि विभाग के आयुक्त को की थी। जिला पंचायत उपाध्यक्ष सहित जिला पंचायत सदस्यों ने नदी घाटी योजना के तत्कालीन सहायक सरंक्षण अधिकारी अशोक उपाध्याय पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। बुधवार को कलेक्टर से आरडीए उपाध्यक्ष श्री पाटीदार, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री आंजना, जिला पंचायत सदस्य कैलाश निनामा, हरिराम बागरी, ग्राम पंचायत धमोतर के सरपंच मुकेश जाट आदि ने तालाब में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को बर्खास्त करने एवं तालाब निर्माण की पूरी राशि वसूल करने की मांग की।
जांच दल का हुआ गठन
तालाब फूटने की खबर प्रकाशित होने के बाद कलेक्टर के निर्देश पर डीप्टी कलेक्टर अवधेश शर्मा एवं तहसीलदार वीरेन्द्र कटारे ने तालाब का निरीक्षण कर रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी। कलेक्टर ने तकनीकी जांच के लिए जांचदल के गठन की बात कहीं है वहीं कृषि विभाग ने विभागीय जांच दल का गठन कर दिया हैं। कृषि विभाग उपसंचालक सीके जैन ने विभाग के अधिकारियों के साथ तालाब का निरीक्षण किया। श्री जैन ने बताया कि तालाब की पाल बीच में से बह गई हैं। पूरी पाल 220 मीटर की हैं। जिसमे से 15 मीटर से यादा हिस्सा टूट गया हैं। वरिष्ठ कार्यालय को इसकी सूचना दे दी गई हैं। वहीं विभागीय जांच के लिए सहायक संरक्षण अधिकारी आलोक शर्मा एवं वरिष्ठ कृषि अधिकारी भीका वास्के का दो सदस्यीय जांच दल बनाया गया हैं। जांच दल तालाब फूटने के कारणों का पता लगाकर जांच प्रतिवेदन विभाग को सौंपेगा।
इनका कहना
तालाब फूटने पर कोई जनधन की हानि नही हुई हैं। तालाब के फूटने के कारणों का पता लगाने के लिए जांच दल का गठन किया जा रहा हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।
राजीव दुबे, कलेक्टर