बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने की दिशा में विभाग के साथ चेतन्य काश्यप फाउण्डेशन की सहभागिता प्रेरणादायी केन्द्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत
रतलाम ,05 अगस्त(इ खबरटुडे)।हमारी भावी पीढ़़ी स्वस्थ रहे इसके लिए कुपोषण के विरूद्ध लड़ाई में सबकी सहभागिता जरूरी है। रतलाम में इस दिशा में सराहनीय कार्य किया जा रहा है। विभाग के साथ-साथ बच्चों की कुपोषण मुक्ति में चेतन्य काश्यप फाउण्डेशन की सहभागिता सराहनीय तथा प्रेरणादायी है। यह उदगार केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गेहलोत ने आज रतलाम में आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए।विश्व स्तनपान सप्ताह के अन्तर्गत जिला महिला बालविकास एवं चेतन्य काश्यप फाउण्डेशन द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष तथा विधायक रतलाम चेतन्य काश्यप, विधायक रतलाम ग्रामीण मथुरालाल डामर, विधायक आलोट जितेंद्र गहलोत, महापौर रतलाम डॉक्टर सुनीता यार्दे, पूर्व महापौर द्वय शैलेंद्र डागा, सुश्री आशा मोर्य, कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान, निगम सभापति अशोक पोरवाल, लाहलिंग देवदा, निर्मल कटारिया, जिला महिला बाल विकास अधिकारी सुश्री सुषमा भदौरिया, अतिरिक्त सीईओ जिला पंचायत दिनेश वर्मा आदि उपस्थित थे।
इस कार्यशाला में रतलाम शहर के 2 वर्ष से कम आयु के कुपोषित बच्चों की माताएं तथा महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी सुपरवाइजर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा सहायिकाएं मौजूद थी। केंद्रीय मंत्री गेहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि शिशु मृत्यु दर के लिए कुपोषण बडी हद तक जिम्मेदार है, मध्यप्रदेश में शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए राज्य शासन कृतसंल्पित है। देश में इस दिशा में मध्यप्रदेश, हरियाणा तथा कुछ अन्य राज्यों में विशेष कार्य योजना तैयार कर कार्य किया जा रहा है।
केन्द्रीय मंत्री गेहलोत ने कहा कि केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा अपने कार्यों से अपनी विशिष्ट पहचान देशभर में स्थापित की गई है। बच्चों की पैदाइश के चार छह माह के भीतर यह आवश्यक होता है कि उनकी संपूर्ण जांच करवाई जाए कहीं कोई दिव्यांगता तो नहीं है। इसके लिए सामाजिक न्याय विभाग द्वारा जांच करवाने में मदद की जाती है। यदि बच्चे बोलने सुनने में असमर्थ होते हैं तो केंद्रीय सामाजिक न्याय विभाग अपनी योजना के तहत 6 लाख रुपये अनुदान देकर कॉक्लियर इम्प्लांट करवाता है। इसके बाद स्पीच थेरेपी करवाई जाती है, देश भर में ऐसे 1300 बच्चों को मदद की गई है। इनमें से 1200 बच्चे सुनने लगे तथा 6 हजार से ज्यादा बच्चे बोलने लगे हैं, यह शासन और माता-पिता के लिए बड़ी उपलब्धि है। यदि रतलाम जिले में भी ऐसे बच्चे हो तो उनके आवेदन पहुंचाएं उनको मदद दी जाएगी।
राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष एवं विधायक चेतन्य काश्यप ने अपने उद्बोधन में कहा कि रतलाम शहर में कुपोषण से बच्चों को मुक्त करने के लिए सराहनीय कार्य किया जा रहा है। महिला बाल विकास विभाग की कार्यकर्ताओं ने भी सराहनीय कार्य किया है, इसके अच्छे नतीजे भी सामने आए हैं। अच्छा कार्य करने वाली कार्यकर्ताओं को हम सम्मानित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुपोषण के विरुद्ध कार्य करना सबसे महत्वपूर्ण है, हम इस दिशा में कृतसंकल्पित हैं। जब तक रतलाम शहर में सभी बच्चे कुपोषण से मुक्त नहीं हो जाते हमारा अभियान जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि गरीबी दूर करना कुपोषण से मुक्ति तथा शैक्षणिक विकास के साथ साथ सर्वांगीण विकास हमारा लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि बच्चों के 2 या 3 वर्ष की आयु तक स्वास्थ्य पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। हमने योजना बनाकर ऐसे कम आयु के बच्चों के लिए थर्ड मील की व्यवस्था भी की। हमने देखा कि नाश्ता तथा भोजन के अलावा सुपोषण के लिए थर्ड मील भी बहुत जरूरी है। हम तीसरे समय के भोजन में प्रोटीन युक्त आहार भी बच्चों को उपलब्ध करा रहे हैं। श्री काश्यप ने कहा कि शहर के ऐसे बच्चे जो मुक-बघिर है अथवा बहुत कम बोलते-सुनते है, उनकी जांच हेतु भोपाल के डॉ. जफर तथा उनकी टीम को हमने रतलाम बुलवाया है। टीम शीघ्र आकर जांच तथा उपचार की दिशा में कार्य करेगी।
अच्छा कार्य करने वाली कार्यकर्ता सहायिकाएं पुरस्कृत
कार्यक्रम में उन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं को पुरस्कृत किया गया जिनके द्वारा बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के अभियान में अच्छा कार्य किया गया है। ऐसी 59 कार्यकर्ता सहायिकाएं पुरस्कृत हुई। विधायक श्री काश्यप ने बताया कि प्रत्येक बच्चे के स्वस्थ होने की दिशा में अपग्रेड होने पर आंगनवाड़ी कार्यकता को 500 रुपये तथा सहायिका को 300 रुपये राशि से पुरस्कृत किया जा रहा है। यह क्रम निरंतर चलेगा। कार्यक्रम का संचालन आशीष दशोत्तर ने किया।