December 26, 2024

प्रत्येक धर्म में समाहित है भगवान महावीर के संदेश – राष्ट्रसन्तश्री

Padmshree ka samman

चातुर्मास आयोजक ने किया पद्मश्री मुजफ्फर हुसैन का सम्मान

रतलाम 27 अगस्त(इ खबरटुडे)।भगवान महावीर ने जो बातें कहीं है वे सभी धर्मों में कही गई है। अहिंसा का संदेश सबने दिया है। मूर्दे में यदि जान नहीं डाल सकते तो किसी का जीवन लेने का भी कोई अधिकार नहीं है । परमात्मा की वाणी का अनुसरण करें और अहिंसक बनें,केवल हिंसा नहीं करना ही अहिंसा नहीं है, दोषमुक्त रहना भी अहिंसा है। हम भाग्यशाली हैं जो भगवान महावीर के शासन में जन्म मिला है। अहिंसक बनकर इसे सार्थक करना चाहिए।

यह बात राष्ट्रसन्तश्री जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा. ने कही। जयन्तसेन धाम में शनिवार को प्रख्यात पत्रकार, पद्मश्री मुजफ्फर हुसैन के सम्मान पश्चात राष्ट्रसन्तश्री ने कहा श्री हुसैन भगवान महावीर की वाणी को आत्मसात कर जन-जन को परमात्मा के संदेशों के प्रति प्रेरित कर रहे हैं। मनुष्य को किसी भी जाति, धर्म, घर-परिवार में जन्म मिले, उसकी पहचान जन्म से नहीं कर्मों से होती है। श्री हुसैन का व्यक्तित्व एवं कृतित्व इसका परिचायक है । चातुर्मास आयोजक एवं विधायक चेतन्य काश्यप ने इससे पूर्व पद्मश्री हुसैन एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अ.भा. सम्पर्क प्रमुख हस्तीमल जैन का शॉल, श्रीफल से सम्मान किया। उन्होंने कहा श्री हुसैन चिन्तक और अच्छे विचारक होकर धार्मिक, सामाजिक समरसता के लिए कार्यरत हैं। शाकाहार को अपना जीवन बनाने के बाद उन्होंने इस्लाम और शाकाहार पुस्तक लिखकर पूरी दुनिया को प्रेरित किया है।

शाकाहार का महत्व कभी कम नहीं होगा-श्री हुसैन

सम्मान से अभिभूत श्री हुसैन ने कहा कि शाकाहार का महत्व कभी कम नहीं होगा। इंसान जहां से चलता है, वहीं पर लौटता है। दुनिया में आज जितने भी दुख हैं, उनकी तह तक जाने की जरुरत है। मनुष्य दूसरों को तो मार सकता है लेकिन अपने अंदर के शैतान को नहीं मार सकता। जैन धर्म अपने अन्दर के आदमी को ही मारने का संदेश देता है। इससे प्रेरित होकर उन्होंने इस्लाम और शाकाहार पुस्तक लिखी थी। इस्लाम का तात्पर्य सलामती व सुरक्षा देने से हैं। श्री हुसैन ने कहा कि उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि खुद के कारण नहीं, अपितु भगवान महावीर के कारण मिली है। वे राष्ट्रसन्तश्री और जैन धर्म को सजदा करते हैं।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के श्री जैन ने कहा कि देश की भाषा, वेशभूषा, संस्कार, आहार और विहार पर वर्तमान में खतरा मण्डरा रहा है। नई पीढ़ी को दुनिया को कुछ देना है तो स्वयं मजबूत होना पड़ेगा। सारी दुनिया आज भारत की ओर देख रही है। भारत में अपार शक्ति है। यदि हम मजबूत होंगे तो ही कुछ दे पाएंगे। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार शरद जोशी भी मंचासीन थे।
परमात्मा की वाणी पर भी भरोसा करें – मुनिराजश्री
मुनिराजश्री निपुणरत्न विजयजी म.सा. ने उत्तराध्ययन सूत्र का वाचन करते हुए परमात्मा की वाणी पर भरोसा करने का आह्नान किया। उन्होंने कहा कि मानव जीवन भी बड़ा विचित्र है, इसमें डॉक्टर कहे तो कुछ भी कर लेते हैं, घर पर कुछ रुपए का ताला लगाने के बाद रक्षा का भरोसा होता हैं लेकिन परमात्मा की वाणी पर भरोसा नहीं करते। यह वाणी जीवन को उन्नत कर मोक्ष मार्ग पर ले जाने वाली है। बीमारी का पता चल जाए तो ही दवा असर करती है, मानव जीवन में विषय, कषाय, राग, द्वेष की बीमारी सबको लगी है और इसका उपचार सिर्फ परमात्मा की वाणी को सुनने और विश्वास करने से हो सकता है। धर्मसभा के अन्त में दादा गुरुदेव की आरती का लाभ नन्दरामजी शांतिलालजी धर्मेन्द्र रांका परिवार ने लिया।

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