December 25, 2024

पीएम मोदी ने महू में किया ग्राम उदय भारत उदय अभियान का आगाज

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महू 14 अप्रैल(इ खबर टुडे)। नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जो महू स्थित अंबेडकर स्मारक स्थल पर जाएंगे। इससे पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी महू आए थे, लेकिन तब स्मारक स्थल नहीं बना था। मोदी ने यहां मप्र में हुए दस साल में विकास कार्यों पर आधारित किताब का विमोचन किया। इसी के साथ उन्‍होंने यहां ग्रामोदय से भारत उदय अभियान का भी आगाज किया। उन्‍होंने अभियान का ध्‍वज भी जारी किया।

 

बाबा साहेब अपमानित होकर भी वंचितों के हक के लिए लड़े – पीएम मोदी
समारोह को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरा सौभाग्‍य है कि यहां आने का मौका मिला। मैं यहां पहले भी आया लेकिन उस समय और अब में अंतर है। बाबा साहब एक व्‍यक्ति नहीं थे, वे संकल्‍प का दूसरा नाम थे।बाबा साहेब जीवन जीते नहीं थे, वे जीवन को संघर्ष में जोत देते थे। वे अपने मान सम्‍मान, मर्यादाओं के लिए नहीं बल्कि समाज के वंचितों, पीडि़तों की बराबरी के लिए अपमानित होकर भी अपने मार्ग से विचलित नहीं होते थे। दलितों के लिए उनके दिल में जो आग थी, उसके लिए उन्‍होंने कई अवसरों को छोड दिया। उन्‍होंने अपने आप को खपा दिया।

 

 

विकास की धारा को गांवों के विकास के लिए ही मोड़ना हैmodi mhu 1
मुझे खुशी है कि गांधी जी ने ग्राम स्‍वराज की जो भावना हमें दी, ये सब अभी भी पूरा होना बाकी है। आजादी के इतने सालों के बाद जिस प्रकार से हमारे गांवों के जीवन में बदलाव आना चाहिए था, ग्रामीण जीवन आगे आना चाहिए था, वह अभी भी नहीं हो पाया है। यह दुख की बात है। भारत का विकास पांच-पचास बडे शहरों या उधोगों से होने वाला नहीं है। अगर हमें सच्‍चे अर्थों में भारत का विकास करना है तो गांवों की नींव को मजबूत करना होगा। आपने बजट में भी देखा होगा कि पूरी तरह इसे किसानों को समर्पित किया गया है। एक लंबे समय तक देश के ग्रामीणों को नई उर्जा, नई ताकत दिए जाने पर बल दिया है। हमें विकास की धारा को गांवों के लिए विकास के लिए ही मोड़ना है।

 

आज भी कुछ ऐसे गांव हैं जहां बिजली नहीं पहुंची है। यह स्थिति तब है जब आजादी के 70 साल होने आए और 18 हजार गांव ऐसे हैं जहां के लोगों ने उजाला नहीं देखा है। 21 वीं सदी के भी 15 साल बीत गए लेकिन उनके नसीब में एक बल्‍ब भी नहीं है। मेरा बैचेन होना स्‍वाभाविक है। ये कैसे हो सकता है। हमें हमारी गति तेज करना होगी। मैंने लाल किले से कहा था कि हम देश ऐसे ही गांवों में बिजली पहुंचाएंगे। जिस काम के लिए सत्‍तर साल लगे, उसके लिए मैंने हजार दिन में काम पूरा करना तय किया है। आंबेडकर ने कहा था कि शिक्षित बनो, संगठित बनो, संघर्ष करो। उनका व्‍यक्तित्‍व गांवों में चेतना जगा सकता है। हमें पंचायत व्‍यवस्‍था को अधिक सक्रिय करना होगा।

 

 

मोदी ने अपने संबोधन में मंच से यह भी जानकारी दी कि एक साल में एक करोड़ गरीब परिवारों को गैस सिलेंडर मिल रहा है। 90 लाख परिवारों ने गैस की सब्सिडी छोड़ी है। उन्‍होंने इंदौर का खुले में शाैच मुक्‍त्‍ जिला होने का भी जिक्र किया। उन्‍होंने कहा कि देश में फिलहाल 25 करोड़ परिवार हैं। तीन साल में पांच करोड़ परिवारों को गैस कनेक्‍शन दिए जाएं

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