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पिता की मौत के तीसरे दिन बेटों ने अपनी झोपड़ी में शुरू करवाया स्कूल

बड़वानी,23 सितम्‍बर(ई खबर टुडे)। गांव में स्कूल चलाने के लिए अपनी झोंपड़ी देने वाले कोतवाल बाबा ने जीते जी तो शिक्षा की अलख जगाए रखी ही, उनके इस दुनिया से जाने के बाद उनके बेटों ने भी अपने पिता के नेक इरादों की लौ जस की तस बनाए रखी है।

बड़वानी जिले में पाटी विकासखंड के ग्राम ठेंग्चा के अवाया फलिया में जिन अशिक्षित कोतवाल बाबा ने अपनी झोपड़ी देकर स्कूल शुरू करवाया था, वे अब दुनिया में नहीं रहे। वे अपने बेटों को भी वे शिक्षा का ऐसा महत्व समझाकर गए कि पिता की मौत के बाद तीसरे दिन से ही झोपड़ी में स्कूल की कक्षाएं लगने लगीं और दो दूनी चार के स्वर गूंजने लगे।

कोटवाल बाबा पत्नी और पांच बच्चों के साथ फलिए में रहते थे। गांव में प्राथमिक स्कूल भवन नहीं होने पर उन्होंने अपना झोपड़ा पांच साल से स्कूल संचालित करने के लिए दे रखा था। दिन में झोपड़े में स्कूल चलता था, तब तक बाबा और उनका परिवार खेतों में काम करते थे, स्कूल का समय पूरा होने के बाद वे लौट आते थे। बाबा के शिक्षा प्रेम की खबर नईदुनिया ने 9 अप्रैल 2018 के अंक में प्रथम पृष्ठ पर प्रकाशित की थी।

उल्लेखनीय है कि अवाया फलिया में स्कूल भवन की स्वीकृति 2016-17 में ही मिल गई थी, जून 2016 को भवन निर्माण का काम राजपुर के ठेके दार को सौंप दिया गया। लेकिन वह 2 साल में भी भवन नहीं बना सका। 14 लाख की लागत के स्कूल भवन के लिए 6 लाख रुपए से अधिक राशि का भुगतान किया जा चुका है।

स्कूल के शिक्षक राजाराम जमरे ने बताया कि स्कू ल में अभी 35 बच्चे हैं। भवन का निर्माण जल्दी से जल्दी होना चाहिए। बाबा का सबसे छोटे बेटे पुटा (12) की अच्छी शिक्षा और परवरिश के लिए भी शासन को कुछ करना चाहिए। इस मामले में डीपीसी संजय तोमर ने बताया कि संबंधित निर्माण एजेंसी को निर्देशित किया जाएगा कि जल्द से जल्द स्कूल भवन का निर्माण पूर्ण करवाया जाए।

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