पात्र आवेदक का प्रकरण स्वीकृत न करने पर होगा आपराधिक प्रकरण दर्ज-कलेक्टर
रतलाम ,21 अगस्त(इ खबरटुडे)। बैंकों द्वारा स्वरोजगार योजना संबंधी ऋणों की स्वीकृति एवं वितरण का कार्य मार्च महिने के अंत में ही क्यों किया जाता है। टीएफसी स्वीकृत होने के बाद ऋण प्रदान करने की कार्यवाही तुरन्त नहीं करने पर संबंधित बैंक प्रबंधक, कर्मचारी/जिम्मेदार के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जाकर न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया जायेगा।यह बात कलेक्टर श्रीमती तन्वी सुन्द्रियाल ने समयसीमा की बैठक के दौरान कही। कलेक्टर ने जनपद पंचायत सहित अन्त्यावसायी, पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक कल्याण, खादी ग्रामोद्योग आदि विभागों के जिम्मेदारों से कहा कि अधिक से अधिक मामलों में सेंट्रिग के प्रकरण लगवाये। आवेदकों को ऋण प्रदान करने की कार्यवाही नियमानुसार की जाये ताकि उन्हें रोजगार प्राप्त हो सकें। माह सितम्बर के अंत तक किसी भी स्थिति में लक्ष्य का पचास प्रतिशत भाग पूर्ण कर वितरण की रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
कलेक्टर ने जनपद पंचायतवार पेंशन हितग्राहियों के खातो में सुधार करने के निर्देश दिये। मालूम हो कि समग्र पोर्टल में बाजना में 382, आलोट में 75, जावरा 105, पिपलौदा में 161, सैलाना 201 लोगों के खाता क्रमंाक गलत होने के कारण ऑनलाईन पेंशन भुगतान में कठिनाई हो रही है। कलेक्टर ने मामले में की गई कार्यवाही के विस्तृत प्रतिवेदन नोटसीट पर एक सप्ताह में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सैलाना ने बताया कि सकरावदा और बल्लीखेड़ा के सरपंच और सचिव ग्राम पंचायत भवन बनाने में रूचि नहीं ले रहे है। इसी प्रकार नारायणगढ़ में पंचायत मुख्यालय की जगह अन्यत्र नींव स्तर तक पंचायत भवन बनाने का कार्य किया गया था जिसे रूकवाया गया। कलेक्टर ने संबंधित सरपंच और सचिव को धारा 40 का नोटिस देने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने सेवा से पृथक किये गये, दण्डात्मक कार्यवाही किये गये सचिवों और रोजगार सहायकांे के वर्तमान स्टेट्स की पड़ताल की। कलेक्टर ने कहा कि जिन ग्रामों में भ्रष्टाचार के कारण पंचायत सचिव और ग्राम रोजगार सहायकों की सेवा समाप्त की गई है। वहां के सरपंचों के विरूद्ध भी धारा 40 के अंतर्गत कार्यवाही कर प्रकरण पंजीबद्ध कराये। कलेक्टर ने जनपद पंचायत जावरा को कहा कि विभागीय समस्याओं के बारे में बैठकों में अपने वरिष्ठ अधिकारियों से समन्वय करंे तथा समस्याओं का निराकरण न होने की स्थिति में इस कार्यालय को अवगत करावें।
जनपद पंचायत रतलाम के पीओ मनरेगा को कलेक्टर ने कहा कि आप ने जब तैयारी नहीं की तो बैठक में आये क्यों? पीओ मनरेगा कलेक्टर द्वारा पुछे गये प्रश्नों का जवाब नहीं दे पा रहे थे। कलेक्टर ने सुदूर ग्राम सड़क योजना के नये प्रस्ताव प्रस्तुत करनें, सांसद-विधायक निधी से होने वाले कार्यो में त्वरित निर्माण कार्य करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे समयसीमा की बैठक में संबंधित प्रकरण उस पर की गई कार्यवाही से जुड़े समस्त दस्तावेज साथ लेकर आये।
कलेक्टर ने बच्चों को दिये जाने वाले मिल्क शेसे के वितरण की मॉनीटरिंग पर विस्तार से पड़ताल की। उन्होने पुछा कि बच्चें किस प्रकार का दुध पीने में रूचि ले रहे हैं अथवा नहीं? जनपद पंचायतों में इस प्रकार के दुध वितरण की मॉनीटरिंग के लिये व्यवस्था की जा रही है अथवा नहीं? उन्होने इसके वितरण के लिये अर्द्धशासकीय पत्र जारी करने के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी दिनेश वर्मा को निर्देश दिये। कलेक्टर ने जिला पंचायत के अंतर्गत लम्बित सी.एम.हेल्पलाईन प्रकरणों की जनपदवार समीक्षा की। उन्होने कहा कि सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अपने विकासखण्ड में एसडीएम के साथ जन सुनवाई में सहभागी हो तथा जन सामान्य की समस्या सुनकर वही निराकरण करंे।