पल्स पोलियो अभियान की जिला टास्क फार्स की बैठक संपन्न
रतलाम,13 जनवरी (इ खबर टुडे) । रतलाम के कलेक्टोरेट सभाकक्ष में कलेक्टर श्रीमती रूचिका चौहान की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. प्रभाकर ननावरे ने बताया कि 19 जनवरी को शून्य से पांच साल तक के शत-प्रतिशत बच्चों को पोलियो दवा की खुराक पिलाई जाना है।
कार्यक्रम का प्रस्तुतीकरण करते हुए डब्ल्यूएचओ की सर्विलेंस मेडिकल आफिसर डा.स्वाति मित्तल ने बताया कि भारत में पोलियो का अंतिम प्रकरण 2011 में कलकत्ता के हावडा में देखा गया था किंतु पाकिस्तान, अफगानिस्तान और अन्य पडोसी देशों में प्रकरण मिलने के कारण बच्चों को पोलियो की दवा पिलवाना आवश्यक है।
कलेक्टर श्रीमती रूचिका चौहान ने निर्देशित किया कि अधिक से अधिक बच्चों को 19 जनवरी को ही प्रतिरक्षित किया जाए तथा पहुंचविहीन एवं दुर्गम क्षेत्रों में टीकाकरण के लिए माईक्रोप्लान बनाकर दवा पिलाई जाए। कार्यक्रम के पहले स्कूली बच्चों की रैली एवं पंचायत विभाग से समन्वय स्थापित करके ग्रामों में संदेश दिया जाए ताकि लोगों को कार्यक्रम की जानकारी हो सके और शत-प्रतिशत बच्चों को टीकाकृत किया जा सके।
कार्यक्रम का शुभारंभ ग्रामीण क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों एवं शहरी क्षेत्रों में स्वयंसेवी सेस्थाओं जैसे लायंस क्लब, रोटरी क्लब आदि के प्रतिनिधियों से समन्वय कर किया जाए। पल्स पोलियो के लिए वैक्सीन पाईंट की जानकारी विद्युत विभाग को दी जाए ताकि निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके एवं वैक्सीन की गुणवत्ता बनी रहें।
डा. स्वाति मित्तल ने बताया कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत मीजल्स निगरानी कार्यक्रम के अंतर्गत रतलाम जिला मध्यप्रदेश के सबसे कम प्रभावित 5 जिलों में एक जिले के रूप में चिन्हित हुआ है। पल्स पोलियो के नये संदिग्ध मामलों का पता लगाने के लिए एएफपी सर्विलेंस कार्यक्रम का चलाया जा रहा है, इसके अंतर्गत 0 से 15 साल तक के बच्चों में अचानक शरीर में लुंजपन या विकृति आने की दशा में अस्पताल में दिखाना चाहिए ताकि पल्स पोलियो की आशंका का समाधान किया जा सके। सविलेंस कार्यक्रम के अंतर्गत निरंतर निगरानी रखी जा रही है। कार्यक्रम के लिए कलेक्टर ने बाजना और सैलाना में विशेष फोकस कर कार्य करने के निर्देश दिए।