दो दिव्यांग बालिकाओं के दुष्कर्मी आश्रम संचालक को उम्रकैद
खंडवा,13 अगस्त(इ खबरटुडे)। दिव्यांग बालिकाओं से दुष्कर्म करने वाले आश्रम संचालक को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। विशेष न्यायाधीश पॉस्को एक्ट तपेश कुमार दुबे ने उस पर 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। मामले की पैरवी लोक अभियोजन अधिकारी चंद्रशेखर हुक्मलवार ने की है।
दिव्यांग बालिकाओं से आश्रम में हुए दुष्कर्म के मामले को लेकर सोमवार को सभी की नजर फैसले पर टिकी रही। सुबह कोर्ट खुलने के बाद से ही पॉस्को एक्ट के मामले की सुनवाई को लेकर बनाई गई विशेष कोर्ट के सामने भीड़ रही। दोपहर को आश्रम संचालक पूनमचंद पिता मुन्नालाल मालवीय (67) निवासी मालवीया कॉलोनी को विशेष न्यायाधीश दुबे के यहां पेश किया।
न्यायाधीश दुबे ने पूनमचंद को मरते दम तक कैद में रहने की सजा दी। मीडिया सेल प्रभारी हरिप्रसाद बांके ने बताया कि पूनमचंद करीब दो साल से अपने आश्रम में रह रही 13 व 14 वर्षीय दो बालिका के साथ दुष्कर्म कर रहा था। 12 नवंबर 2017 को भी उसने बालिका के साथ दुष्कर्म किया। इसकी शिकायत एक बालिका ने कोतवाली में की थी। पुलिस ने पूनमचंद पर केस दर्ज किया था।
सनसनीखेज मामले की सूची था शामिल
दिव्यांग बालिकाओं से दुष्कर्म करने का मामला पुलिस ने सनसनीखेज मामलों में शामिल किया था। जिला अभियोजन अधिकारी राजेश भदौरिया ने बताया कि इसके चलते मामले की सुनवाई त्वरित हो पाई है। करीब 9 माह में ही पूनमचंद को सजा सुना दी गई। उसे सजा तक पहुंचाने में दिव्यांग बालिकाओं की गवाही और डीएनए रिपोर्ट मुख्य रही। रिपोर्ट में बालिकाओं के साथ दुष्कर्म किए जाने की बात साबित हुई।
अवैध रूप से संचालित था आश्रम
जिला पंचायत के पास आरोपित के द्वारा अवैध रूप से निशक्त आश्रम का संचालन किया जा रहा था। आदिवासी कार्यालय की जमीन पर ही यह आश्रम बना रखा था। उसने यहां अतिक्रमण कर लिया था। इसके बाद भी उस पर कार्रवाई नहीं की जा रही थी। आश्रम संचालन के नाम पर वह समाजसेवी संस्थान और विभागों से भी वसूली कर रहा था।
कमरे में मिली थी शक्तिवर्धक गोलियां
कोतवाली पुलिस ने निशक्त आश्रम में स्थित आरोपित के कमरे की तलाशी ली थी। यहां अलमारी के अंदर से शक्तिवर्धक गोलियां, गर्भपात किए जाने संबंधित दवाइयां मिली थी। पुलिस ने इन्हें जब्त कर डॉक्टरों से जांच कराई। डॉक्टरों ने इन दवाइयों को प्रतिबंधित बताया था।