December 25, 2024

दिल से नेतृत्व करे , हर सम्भव मदद करेगें – कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल

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समुदाय आधारित स्वच्छता विधि पर पाॅच दिवसीय प्रेरक प्रषिक्षण कार्यशाला का शुभारम्भ हुआ

रतलाम,09सितम्बर(इ खबर टुडे)। जिले को खुले से शौच मुक्त बनाने के लिये कलेक्टर श्रीमती तन्वी सुन्द्रियाल के मार्गदर्षन एवं नेतृत्व में निरंतर प्रयास किये जा रहे है। इसी कड़ी मंे आज ग्रामीण विकास ट्रस्ट धौंसवास में समुदाय आधारित स्वच्छता विधि पर नवीन प्रेरकों की पाॅच दिवसीय प्रषिक्षण कार्यषाला का शुभारम्भ हुआ।
भारत खुले में शौच मुक्त था, जब दुनिया खुले में शौच करती थी – अजय सिन्हा
प्रशिक्षार्थी नवीन प्रेरकों को सम्बोधित करते हुए कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल ने कहा कि सभी जिम्मेदारी पूर्वक दिल से स्वच्छता अभियान का नेतृत्व करें। उन्हें हर सम्भव मदद प्रषासनिक तौर पर दी जायेगी। फीड बैक फाउडेंषन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अजय सिन्हा ने कहा कि हमारा देष हजारों साल पहले जब सारी दुनिया खुले में शौच करती थी तब भी खुले में शौच से मुक्त हुआ करता था। उन्होने अपेक्षा जतायी कि प्रेरक गाॅव में जाकर आमजन को समझायेगें और अपने उद्देष्य में सफल होगें।

जब आम आदमी को स्वच्छता का महत्व समझ में आ जाता हैं तो धीरे-धीरे उसकी आदतों और व्यवहार में स्वतः ही परिवर्तन होने लगता है। यही आगे चलकर सामाजिक परिवर्तन का वाहक बन जाता है। उक्त उदगार कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल ने नवीन प्रेरकों को बेहतर कार्य करने और उद्देष्यों की सफल प्राप्ति हेतु अपनी और से शुभकामनाऐं देते हुए व्यक्त किये।
उन्होने कहा कि प्रेरक पाॅच दिन के प्रषिक्षण में जो सीख कर जायेगें उसे जिम्मेदारी पूर्वक नेतृत्व करते हुए खुले में शौच करने वालों के व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिये ब्रह्मास्त्र के रूप में प्रयोग करेगें। कलेक्टर ने कहा कि गाॅव में अलग-अलग लोगों को अलग-अलग तरीके से बातों को समझाना पड़ेगा कि वे किस प्रकार से जिले को खुले से शौच मुक्त बनाने में अपना योगदान देकर न केवल घर परिवार की महिलाओं के मान सम्मान की रक्षा कर सकते हैं अपितु शौचालय का निर्माण और उसका उपयोग सुनिष्चित करवाकर महिलाआंे को कितने प्रकार की समस्याओं से मुक्ति दिला सकते है। क्योकि कई बार महिलाऐं षिकायत न करते हुए विभिन्न प्रकार की तकलीफे स्वयं सहती रहती है।

कार्यषाला को सम्बोधित करते हुए फीड बैक फाउंडेषन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने संसार की सबसे प्राचीन सभ्यता हड्प्पा एवं मोहनजोदड़ो के अवषेषों में घरों में शौचालय और स्नानागार होने, देश के अतिप्राचीनत्म किलो में भी शौचालय और स्नानागार होने के उदाहरण देते हुए बताया कि प्राचीन समय में जिन घरों में शौचालय नहीं हुआ करते थे वे भी अपने गाॅव को खुले में शौच से मुक्त बनाये रखने के लिये शौच के लिये जाते समय एक हाथ में लोटा और एक हाथ में खुरपा लेकर जाते थे ताकि शौच के पहले गढ्डा करें और शौच के बाद उस गढ्डे को मिट्टी से ढक दे। इस प्रकार से गाॅव में गंदगी से होने वाली बिमारियों का पूर्व से ही रोकथाम के इंतजाम हो सकें।

श्री सिन्हा ने प्रेरकों से कहा कि वे ग्रामीणों को समझाये कि घर परिवारों में शौचालय कितना आवष्यक है। सरकार के द्वारा दी जाने वाले राशि तो मात्र उनके सहयोग के लिये है। जब हम हमारे घर के विभिन्न समारोह और कार्यक्रम बगैर सरकार की सहायता के खुषी -खुषी करते हैं तो शौचालय बनाने के लिये जिसका सीधा संबंध हमारे परिवार की मान सम्मान और परिवार से जुड़ा हुआ हैं। क्यों कर सरकार से सहायता, प्रोत्साहन या सब्सीडी की अपेक्षा रखे।

जिले की प्रथम प्रेरक कलेक्टर हैं – श्री सिन्हा
अजय सिन्हा ने प्रेरकों से कहा कि कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल जिले की प्रथम प्रेरक है। वे आप सभी की मदद से जिले को खुले से शौच मुक्त बनाने के लिये निरंतर प्रयास कर रही है। उनके प्रयासों में अपेक्षित सफलता तभी मिलेगी जब सभी प्रेरक सम्पूर्ण निष्ठा से गाॅव को खुले से शौच मुक्त बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगें।
87 नवीन प्रेरक प्रशिक्षण में हुए सम्मिलित
जिले को खुले से शौच मुक्त बनाने के लिये आज से प्रारम्भ हुई पाॅच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में 87 प्रेरक सम्मिलित हुए है। इन सभी को खुले से शौच मुक्त बनाने के लिये किये जाने वाले प्रयासों, आवष्यकताओं और उससे होने वाले प्रेरणों के संबंध में युनीसेफ की सहयोगी फीड बैक फाउंडेशन के पाॅच सदस्यों के द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। दो दिन के प्रशिक्षण के बाद उन्हें फिल्ड में ले जाकर प्रशिक्षण दिया जायेगा कि किस प्रकार से खुले में शौच करने वालों को शौचालय बनाने और उनका उपयोग सुनिष्चित कराने के लिये प्रोत्साहित करना है। उल्लेखनीय हैं कि जिले में पूर्व से ही लगभग सौ पे्ररक इस दिषा में निरंतर कार्य कर रहे है।

प्रशिक्षण कार्यशाला में अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत दिनेष वर्मा, जिला समन्वयक स्वच्छ भारत मिषन अवधसिंह आहिरवार एवं सभी विकासखण्डों के समन्वयक भी मौजूद थे।

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