November 18, 2024

डॉक्टर ने चोटी से धक्का देकर पत्नी की हत्या,ऑनलाइन उसे रखा ‘जिंदा’

गोरखपुर,24 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ)ने गोरखपुर की राजेश्वरी श्रीवास्तव उर्फ राखी हत्याकांड का खुलासा कर दिया है। पुलिस ने बताया कि राखी के पति डॉक्टर धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने नेपाल में एक चोटी से धक्का देकर राखी की हत्या कर दी थी।मामले में पुलिस ने धर्मेंद्र और उसके दो साथियों को गोरखपुर से गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने बताया कि आर्यन अस्पताल के डॉक्टर धर्मेंद्र ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर नेपाल में जून में अपनी प्रेमिका यानि दूसरी पत्नी राजेश्वरी श्रीवास्तव उर्फ राखी की हत्या कर उसके शव को नेपाल के पोखरा में फेक दिया था। इसके बाद भी उसने पुलिस को गुमराह करने के लिए राखी को ऑनलाइन जिंदा रखा।

राखी के सोशल मीडिया एकाउंट से धर्मेंद्र पोस्ट करता था। वह यह दिखाने की कोशिश कर रहा था कि राखी आसाम में रह रही है। वह मामले का खुलासा होने तक राखी के सोशल मीडिया एकाउंट को अपडेट करता रहा। इसी बीच चार जून को वह अचानक लापता हो गई।

राखी की गुमशुदगी/अपहरण का केस 24 जून को शाहपुर थाने में उसके भाई अमर प्रकाश श्रीवास्‍तव ने बिहार के गया निवासी मनीष सिन्हा के खिलाफ दर्ज कराया।

राखी जून में मनीष के साथ नेपाल गई थी, लेकिन वह नेपाल में रुक गई, जबकि मनीष वापस लौट आया था। मगर, जब पुलिस को कुछ हाथ नहीं लगा, तो जांच एसटीएफ को सौंपी गई। एसटीएफ ने सर्विलांस की मदद ली तो राजेश्‍वरी के मोबाइल की आखिरी लोकेशन 4 जून को नेपाल में मिली। इस मामले में डॉक्टर धर्मेंद्र भी जांच के दायरे में थे। उनकी लोकेशन 1 से 4 जून के बीच नेपाल के पोखरा में मिली।

एसटीएफ ने जब स्थानीय पुलिस से संपर्क किया, तो पता चला कि जून के पहले हफ्ते में एक महिला का शव बरामद हुआ था। एसटीएफ ने इस शव को राखी के रूप में पहचाना। इसके बाद ही डॉक्टर धर्मेंद्र प्रमुख संदिग्ध बन गए थे। एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश ने बताया कि आगे की पूछताछ के बाद धर्मेंद्र ने अपना जुर्म कुबूल करते हुए बताया कि राखी उन्हें पैसों और संपत्ति के लिए ब्लैकमेल कर रही थी। इस मामले में एसटीएफ ने धर्मेंद्र और उसके दो साथियों प्रमोद कुमार सिंह और दीपक निषाद को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया था।

हालांकि, राखी की हत्या के बाद भी धर्मेंद्र राखी के मोबाइल से उसके सोशल मीडिया एकाउंट को चला रहा था, ताकि वह पुलिस को गुमराह कर सके। पुलिस ने बताया कि साल 2011 में बिहार के गया की रहने वाली राजेश्‍वरी श्रीवास्‍तव उर्फ राखी अपने पिता का इलाज कराने के लिए डॉक्टर धर्मेन्‍द्र प्रताप सिंह के पास आई थी। तभी दोनों में नजदीकियां बढ़ीं और डॉक्टर सिंह ने उसी साल गोंडा जिले में राखी के साथ शादी कर ली। जबकि, डॉक्टर सिंह पहले से शादीशुदा थे।

राजेश्‍वरी को डॉक्‍टर ने एक मकान भी रहने के लिए खरीदकर दे दिया। लेकिन, दोनों में ज्‍यादा दिन तक रिश्ते अच्छे नहीं रहे। इस बीच धर्मेंद्र की पत्नी को उनकी गुप्त शादी के बारे में पता चल गया और उन्होंने राखी से दूरी बनाने का दबाव बनाया। इस बीच राखी और मनीष के बीच करीबी संबंध बने और दोनों ने फरवरी 2016 में शादी कर ली। हालांकि, वह डॉक्टर धर्मेंद्र के संपर्क में भी रह रही थी। वह धर्मेंद्र से शाहापुर के घर के कागज उसने नाम करने के लिए दबाव बना रही थी।

पोखरा में यात्रा के दौरान राखी को पता चला कि धर्मेंद्र भी नेपाल आ रहे हैं। उसने अपने पति को वापस भेज दिया। इस बीच मौका पाकर डॉक्टर धर्मेंद्र ने राखी की हत्या कर दी। उन्होंने पुलिस को बताया कि वह पहले भी कई बार राखी की हत्या की कोशिश कर चुके थे, लेकिन इस बार पूर्वनियोजित योजना के साथ गए थे और उन्होंने वारदात को अंजाम दे दिया।

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