चिप लगाकर पेट्रोल कम देने का मामला सामने आने के बाद भी प्रशासन की नहीं खुली नींद
रतलाम जिले के पेट्रोल पंपों की कोई जांच नहीं
रतलाम,30 अप्रैल(इ खबरटुडे)।लखनऊ में पेट्रोल पंप की मशीनों में चिप लगाकर पेट्रोल कम देने का मामला सामने आने के बाद देश व प्रदेश के पेट्रोल पंपो की जांच करवाई जा रही है। लेकिन रतलाम में प्रशासन की ओर से अभी तक किसी भी प्रकार की जांच के आदेश नहीं हुए है.यूपी की राजधानी लखनऊ में छापेमारी के दौरान सामने आया कि पेट्रोल पंपों में नोजल के नीचे चिप लगाई जाती थी, जिसका एक सर्किट मशीन में लगा होता था। चिप रिमोट के जरिए संचालित होती थी।चिप लगाकर पेट्रोल कम देने का मामला सामने आने के बाद प्रदेश के कई जिलों में नापतौल विभाग का अमला पेट्रोल पंपों की जांच करने निकल गया है। लेकिन रतलाम शहर इस विषय को लेकर प्रशासन को कोई भी सख्त रवैया नहीं दिखाई दे रहा है। पूर्व में भी रतलाम जिले के कई पेट्रोल पम्पों पर पेट्रोल कम देने एवं मिलवाटी पेट्रोल देने जैसे कई धोखाधड़ी के मामले सामने आ चुके है बावजूद अभी तक किसी भी पेट्रोल पम्प संचालको पर किसी भी प्रकार कार्यवाही नहीं की गई है।
ऐसे होती है धांधली
पेट्रोल पंप में इस खेल में 2 से 3 लोग शामिल रहते है। एक पेट्रोल डालता था और दूसरा कैश बैग लेकर खड़ा रहता है। बैग लेकर खड़े रहने वाला पैसों के साथ ही रिमोट रखता है। मौका मिलते ही वह रिमोट दबाकर घटतौली कर देता है।
कुछ जगह पर इन दोनों के अलावा तीसरा कर्मचारी जेब में रिमोट लेकर खड़ा रहता है। ये लोग ग्रीन सर्किट में चिप लगाकर खेल करते है। कुछ जगह एमसीबी और कुछ जगह पैनल में सर्किट लगाया गया है। जैसे ही पंप के कर्मचारी रिमोट दबाते है, पाइप से तेल गिरना बंद हो जाता है। लेकिन मशीन की स्क्रीन पर तेल और पैसे का मीटर अपनी रफ्तार से ही चलता रहता है।
इस डिवाइस के जरिए पेट्रोल पंप मालिक हर लीटर पर 6% फ्यूल की चपत लगा सकते है । एक पेट्रोल पंप इस चोरी से रोज एवरेज 40 से 50 हजार रुपए और महीने में 12 से 15 लाख रुपए कमा सकते है । लेकिन प्रशासन का इस कोई ध्यान नहीं है चाहे शहर की जनता की जेब खुले आम कटे।
इससे ये बात सामने आती है कि प्रशासन को पूरा विश्वास है की रतलाम जिले के पेट्रोल पंपो पर किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी नहीं होती है,और यदि धोखाधड़ी होती भी है तो प्रशासन कोई मतलब नहीं है