November 18, 2024

कोल्ड स्टोरेज से अमोनिया रिसी, 25 बच्चे बेहोश

छिंदवाड़ा,23 अगस्त (इ खबर टुडे )। शहर में संचालित आलू कोल्ड स्टोरेज में बुधवार सुबह 10 बजे अमोनिया गैस के रिसाव से भगदड़ मच गई। कोल्ड स्टोरेज के बगल में स्थित भारत भारती स्कूल के 60 बच्चे गैस रिसने से गंभीर रूप से बीमार हो गए। इनमें से 25 बच्चे मौके पर ही बेहोश हो गए। स्कूल का एक छात्र अभिषेक साहू हड़बड़ी में पहली मंजिल की छत से कूद गया। उसके पैर में फ्रैक्चर हुआ।

जहां वह गिरा, वहां पर पेड़-पौधे लगे थे। इसलिए गनीमत रही कि ज्यादा चोटें नहीं आई। करीब आधा घंटे तक स्कूल परिसर में अफरा-तफरी मची रही। प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने बेहोश छात्रों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया।इधर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि कोल्ड स्टोरेज का लाइसेंस रिन्यू नहीं हुआ था। इसलिए वह अवैध रूप से संचालित हो रहा था।

शहर में नरसिंहपुर रोड पर स्थित भारत भारती स्कूल के पास आलू का कोल्ड स्टोरेज है। निजी स्कूल और कोल्ड स्टोरेज एक ही मालिक अंबिका तुलस्यान का है। कोल्ड स्टोरेज और स्कूल कई सालों से आजू-बाजू में संचालित हैं। हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने कोल्ड स्टोरेज शहर के बाहर संचालित करने की मांग की है। इस घटना में बच्चों को स्कूल से बाहर निकालने के चक्कर में एक शिक्षिका भी बेहोश हो गई।

मालूम हो कि कोल्ड स्टोरेज में अमोनिया गैस का उपयोग वस्तुओं को ठंडा रखने के लिए किया जाता है। बताया जाता है कि सिलेंडर पर दबाव पड़ने के कारण वह फट गया। कलेक्टर जेके जैन ने घटना की जांच करने के आदेश दिए हैं। देर शाम तक सभी बच्चों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। इधर, प्रशासन का कहना है कि अभी मामले की जांच की जा रही है। इसके बाद ही कार्रवाई की जाएगी।

हवा के संपर्क में आने पर ऑक्सीजन की मात्रा कम कर देती है अमोनिया
जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ अजय मोहन वर्मा ने बताया कि अमोनिया गैस हवा के संपर्क में आने पर ऑक्सीजन की मात्रा कम कर देती है। इससे सांस लेने में तकलीफ होती है और व्यक्ति बेहोश भी हो जाता है। इससे आंखों में जलन और आंसू आते हैंं। गले में भी दिक्कत होती है।

जब कहीं भागने को जगह नहीं मिली तो जान बचाने छत से कूद गया
मैं अपने साथियों के साथ क्लास रूम में बैठा था। मैडम पढ़ा रहीं थी, इसी बीच अचानक गैस की बदबू के कारण घबराहट होने लगी। मैडम ने भी क्लास से बाहर जाकर देखा तो कुछ समझ नहीं आया। हम लोग भी क्लास से बाहर निकले। इधर-उधर दौड़ने-भागने लगे। जब भागने को कहीं जगह नहीं मिली तो हम रोने लगे और मम्मी-पापा को बुलाने लगे। मैं अब हिम्मत हार रहा था। घबराहट में मैं पहली मंजिल से कूद गया। मेरा पैर टूट गया है। लेकिन जान बच गई। मैं बहुत डरा हुआ हूं।

मामले की जांच की जाएगी
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिया। प्रभावित बच्चों को अस्पताल पहुंचा दिया गया है। मामले की जांच की जाएगी।

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