कैंसर से कराहता मध्यप्रदेश का हरसोला गांव, डेढ़ साल में 11 की मौत
इंदौर,02 अगस्त(इ खबरटुडे)।शहर से मात्र 15 किलोमीटर दूर हरसोला गांव…बुधवार सुबह यहां सड़कें सुनसान थीं और गुलाब की मुरझाई पंखुड़ियां बिखरी पड़ी थीं। सन्नाटे के बावजूद यह मंजर सबकुछ कह रहा था कि थोड़ी देर पहले ही यहां कोई जीवन खत्म हुआ है और अंतिम यात्रा निकली है।
यह दृश्य हरसोला गांव के लिए इसलिए आम नहीं है क्योंकि यह शवयात्रा कैंसर से मौत के शिकार 65 वर्षीय हजारीलाल हसोड़ की थी। उनकी मौत मंगलवार शाम को हुई थी। इसी दिन सुबह 60 वर्षीय रमेश पिता हरिराम मोहरिया की मौत हुई थी।
करीब दस हजार की आबादी वाले इस गांव को करीब पांच साल पहले कैंसर ने गिरफ्त में लेना शुरू किया था। 2018 में अब तक पांच-छह और जनवरी 2017 से अब तक 11 लोगों की कैंसर से मौत हो चुकी है। इसके बावजूद गांववासी कतई खौफ में नहीं हैं और इसके कारण की तह तक जाना चाहते हैं।
सक्रिय हुआ स्वास्थ्य विभाग
इतनी मौतों के बाद सरकारी तंत्र सक्रिय हुआ है। स्वास्थ्य विभाग और शासकीय कैंसर अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने पिछले छह दिन में 6404 महिला-पुरुषों की जांच की है। इनमें 21 ऐसे मरीज मिले हैं जिनके मुंह में सफेद छाले पाए गए। तीन ऐसे भी मिले, जिनका मुंह धूम्रपान के चलते पूरा खुल नहीं रहा। यहां मुंह, गले, पेट, गर्भाशय, आमाशय, आहार नली और स्तन कैंसर के मरीज हैं। इनमें महिलाओं और पुरुषों का अनुपात 16 और 9 का है।
अलग-अलग कैंसर
गांव में एक ही तरह का कैंसर नहीं है। अब तक मुंह, आंत, आहार नली, ब्रेस्ट और व पेट के कैंसर के मरीज मिले हैं। इसलिए इसके कारणों पर कोई निष्कर्ष जांच के बाद भी नहीं निकल रहा है।
पानी व मिट्टी के नमूने लिए, पर नहीं आई रिपोर्ट
पीएचई विभाग ने लगभग 15 दिन पहले गांव में छह बोरिंग व तालाब के पानी के सैंपल लिए थे, लेकिन अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं आई है। जानकारों की मानें तो इससे पहले हुई जांच में पानी में कैल्शियम अधिक पाया गया था। मृदा परीक्षण केंद्र ने भी आठ-दस जगह से सैंपल लिए, लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है।