केशलेश भूगतान व्यवस्था के दुरगामी अच्छे परिणाम आएंगे
सहकारी सप्ताह के कार्यक्रम में श्री जोशी ने कहा
रतलाम,18 नवंबर (इ खबरटुडे)।लोक जीवन में सहयोग ही सहकारिता का आधारभूत सिद्धांत है। मनुष्य की सहयोगकारी प्रवृत्ति को बढ़ावा देने में भी सहकारिता की प्रमुख भूमिका है। केंद्र सरकार ने केशलेश भूगतान की जो व्यवस्था की है उसके दुरगामी परिणाम अच्छे आएंगे ऐसा विश्वास है। यही कारण है कि आज सरकारी हो या सहकारी सभी संस्थाओं में केशलेश भूगतान व्यवस्था को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह बात जिला सहकारी संघ तथा सहकार भारती के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सहकारी सप्ताह कार्यक्रम में सहकारी संघ के अध्यक्ष शरद जोशी ने कही। उन्होंने ”तकनीकि जागरूकता एवं कैशलेस भुगतान के माध्यम से वित्तीय समावेशन में सहकारिताओं की भूमिका विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि सहकारिता के साथ ही लोगों में नित नए हो रहे परिवर्तनों पर भी ध्यान देना होगा, तभी हम सहकारिता के माध्यम से सभी क्षेत्रों में प्रगृति कर सकेंगे।
उन्होंने सहकारिता में महिलाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि महिलाओं द्वारा गठित समिति द्वारा लिज्जत पापड़ का निर्माण देशभर में जाना जाता है। कई राज्यों में महिलाओं की समितियां अच्छा काम कर रही है। स्वयं सहायता समूह गठित करके कई महिलाओं को जोड़ा है जो आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपने उत्पादनों के जरिए आर्थिक रुप से सुदृढ़ हुई है।
श्री जोशी ने कहा कि जिला सहकारी संघ समितियां गठित करने में सहयोग करती है। यह सहकारी संस्थाओं की शीर्ष संस्था है, जो सहकारिता का प्रचार-प्रसार कर लोगों को प्रशिक्षित करने का काम करती है ताकि लोग सरकार की विभिन्न योजनाओं से लाभांवित हो सके।
मालवा प्रांत के अध्यक्ष रामचंद्र गोयल ने सहकार भारती द्वारा सहकारिता आंदोलन के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों से अवगत करवाया तथा कहा कि जनवरी में मालवा प्रांत का महिला सम्मेलन यहां आयोजित किया जाएगा, जिसमें महिलाओं से संबंधित विभिन्न शासकीय योजनाओं की जानकारी दी जाएगी ,कई महिला विशेषज्ञ भी इस सम्मेलन में भाग लेगी, जो सहकारिता के संबंध में अच्छा ज्ञान रखती है।
मालवा प्रांत महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डा. उषा भार्गव ने कहा कि महिलाएं सहकारी आंदोलन से जुडऩा चाहती है, लेकिन उन्हें पथप्रदर्शक नहीं मिल रहा है,महिलाओं को जब तक प्रशिक्षण नहीं मिलता और सहकारिता के संबंध में जानकारी नहीं मिलती तब तक वे इस आंदोलन से नहीं जुड़ पा रही है। महिलाएं आज विभिन्न क्षेत्रों में संघर्ष कर रही है, यदि उन्हें सही दिशा दर्शन मिलेगा तो वे अपने परिवार की आर्थिक मदद करने में सक्षम बनेगी। परिवार में सभी की आर्थिक सुदृढ़ता ही सुखी परिवार का आधार है।
सहकार भारती के जिलाध्यक्ष सुभाष मंडवारिया ने संस्था द्वारा जिले में चलाई जा रही गतिविधियों की जानकारी दी और कहा कि हाल ही में मध्यप्रदेश स्तरीय सम्मेलन में संस्था द्वारा अनेक निर्णय लिए गए है, जिसमें मधुमक्खी पालन के माध्यम से मिठी क्रांति का आगाज महत्वपूर्ण है।
महिला आयोग की जिला प्रमुख आशा उपाध्याय ने आयोग की कार्यप्रणाली से अवगत करवाया और कहा कि महिला प्रताडऩा के प्रकरणों में आयोग गंभीर हैै। केवल अखबार की कतरनों पर ही वह संज्ञान लेकर दोषी लोगों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने की सिफारिश करती है। जिला स्तर पर आयोग बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं तथा नशा मुक्ति की दिशा में विचार गोष्ठी आयोजित कर नारी जागरण का काम कर रहा है। नवमनोनीत जिलाध्यक्ष श्रीमती उमा भारद्वाज ने भी संबोधित किया।