केबल नेटवर्क के प्रावधानों को कड़ाई से पालन होगा-कलेक्टर
रतलाम,03 अक्टूबर(इ खबर टुडे)।विधानसभा निर्वाचन 2018 के तहत राजनीतिक दलों, अभ्यर्थियों एवं इस आशय की अन्य प्रचार सामग्री छापने से पहले प्रिंटिंग प्रेस मुद्रकों, फ्लेक्स एवं पोस्टर मुद्रकों को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों से अवगत होना चाहिए तथा आयोग के निर्देशानुसार प्रकाशन से पूर्व समस्त कार्रवाई सुनिश्चित करना चाहिए। उक्त निर्देश कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती रुचिका चौहान ने जिले के प्रिंटिंग प्रेस, फ्लेक्स, पोस्टर मुद्रकों की बैठक में दिए।
बैठक में उपस्थित केबल नेटवर्क संचालकों को आयोग के निर्देशों से अवगत कराते हुए बताया कि गया कि केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम 1995 के विभिन्न प्रावधानों का कड़ाई से पालन किया जाए तथा प्रतिदिन प्रसारित होने वा ले कार्यक्रमों की (24 घंटे) की सीडी बनाकर जिला स्तरीय एमसीएमसी के सदस्य सचिव को प्रस्तुत करेंगे।
निर्वाचन 2018 के दौरान एमसीएमसी टीम आपके द्वारा प्रसारित होने वाले समाचार/कार्यक्रमों की 24 घंटे निगरानी करेगी। निगरानी के दौरान किसी अभ्यर्थी विशेष के पक्ष में प्रसारित कार्यक्रम/समाचार को पेड न्यूज घोषित किया जा सकता है।
केबल नेटवर्क अधिनियम 1995 की धारा 5 एवं 6 के अन्तर्गत निर्मित विज्ञापन कोड के नियम 3 के तहत ’’कोई ऐसा विज्ञापन अनुज्ञात नहीं किया जायेगा, जिसके उद्देश्य पूर्वतः मुख्यतः धार्मिक या राजनैतिक प्रकृति के है।’’ केबल नेटवर्क अधिनियम 1995 के उपरोक्त नियम के तहत केबल टेलीविजन पर राजनैतिक प्रकार का विज्ञापन प्रसारित नहीं किया जा सकेगा।
विधानसभा निर्वाचन 2018 के दौरान केबल नेटवर्क पर प्रसारित कार्यक्रम /समाचार कटेन्ट को यदि जिला स्तरीय एमसीएमसी द्वारा “पेड न्यूज’’ घोषित किया जाता है तो ऐसी स्थिति में यह विज्ञापन की श्रेणी में आएगा व इसका व्यय अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में जोड़ा जाएगा। प्राधिकृत अधिकारी द्वारा केबल टेलीविजन नेटवर्क के परिचालन के लिए प्रयुक्त होने वाले उपकरण को कब्जे में लेकर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने बताया कि केबल टेलीविजन (विनिमय) अधिनियम 1995 यह प्रावधानित करता है कि ’’कोई भी व्यक्ति केवल सेवा द्वारा किसी विज्ञापन का प्रसारण नहीं करेगा, जब तक कि ऐसे विज्ञापन विहित विज्ञापन संहिता के अनुरूप न हो तथा कोई भी केबल आपरेटर या दूरदर्शन चेनल किसी ऐसे विज्ञापन का प्रसारण नहीं करेगा जो विधि के अनुरूप न हो एवं जो नैतिकता, मर्यादा एवं भावनाओं या विचारों को ठेस पहुंचाता हो अथवा जो घृणित, भड़काऊ एवं दहलाने वाला है।
‘‘ भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार प्रत्येक रजिस्ट्रीकृत और राज्यीय राजनीतिक दल तथा निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी जो टेलीविजन चैनल या केबल नेटवर्क पर जारी करने का प्रस्ताव करता है, उसे ऐसे विज्ञापन प्रसारण प्रारम्भ की प्रस्तावित तिथि से कम से कम 3 दिन पूर्व व अन्य किसी व्यक्ति या अरजिस्ट्रीकृत राजनीतिक दलों के मामले में, उन्हें प्रसार की तारीख से कम से कम 7 दिन पूर्व आवेदन मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मानीटरिंग समिति के समक्ष करना होगा। ऐसे आवेदन के साथ प्रस्तावित विज्ञापन एवं इलेक्ट्रानिकी फार्म में दो प्रतियों के साथ विधिवत रूप से अनुप्रमाणित प्रतिलेखन संलग्न किया जायेगा।
प्रमाणन के लिए आवेदन में विज्ञापन बनाने की लागत, विज्ञापनों के अंतर्वेशनों की संख्या के अंतराल और ऐसे प्रत्येक अंतर्वेशन के लिए प्रसारित की जाने वाली प्रस्तावित दरों के साथ किसी टेलीविजन चैनल या केबल नेटवर्क पर ऐसे विज्ञापन के प्रस्तावित प्रसारण की अनुमानित लागत, इसके साथ यह यह कथन भी संलग्न होगा कि शामिल किया गया विज्ञापन अभ्यर्थी अभ्यर्थियों/दलों के निर्वाचन की संभावनाओं को लाभ पहुंचाने के लिए हैं। इसके साथ ही यदि विज्ञापन किसी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी के अलावा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा जारी किया जाता है, तो उस व्यक्ति को यह शपथ लेनी होगी कि वह किसी राजनीतिक दल या किसी अभ्यर्थी के लाभ के लिए नहीं है तथा यह कि उक्त विज्ञापन किसी राजनीतिक दल या किसी अभ्यर्थी के द्वारा आयोजित या अधिकृत या खरीदा गया नहीं है।केबल टेलीविजन (विनिमय) अधिनियम 1995 की धारा 6 एवं 7 के तहत बनाये जो प्रचार कोड के उल्लंघन में अधिनियम की धारा 11 के अनुसार केबल टेलीविजन नेटवर्क के प्रचलन के लिए केबल ऑपरेटर द्वारा प्रयुक्त उपकरणों को भी उपकरण के अधिगृहण अथवा जब्ती एवं दंड का प्रावधान है। निर्देशों का उल्लंघन पाए जाने पर केबल टेलीविजन (विनिमय) अधिनियम 1995 के प्रावधानों के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
सिनेमा संचालक एवं मोबाइल फोन सेवा प्रदाता भी निर्देशों का पालन करें
बैठक में उपस्थित जिले के सिनेमागृह संचालक एवं मोबाइल फोन सेवा प्रदाता कम्पनी के पदाधिकारियों को भी आयोग के निर्देशों से अवगत कराया गया। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने स्पष्ट निर्देश दिए कि आयोग द्वारा इस सम्बन्ध में किए गए प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करें। सिनेमागृह में निर्वाचन अवधि के दौरान यदि कोई विज्ञापन प्रसारित किया जाता है तो उसका पूर्व प्रमाणन एमसीएमसी द्वारा लिया जाना आवश्यक है। यदि ऐसा नहीं पाया जाता है तो संस्थान के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए उसके उपकरणों को जब्त किया जा सकता है। उन्होंने मोबाइल सेवा कम्पनी प्रदाताओं को भी निर्देश दिए कि बल्क मैसेज एवं राजनीतिक दुर्भावनाओं से संबंधित संदेशों पर आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत कार्रवाई सुनिश्चित करें और इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न बरतें।