किन्नर अखाड़े का हुआ ध्वज पूजन
गंधर्व घाट पर लक्ष्मीनारायण किन्नर व अनुयायियों ने की पूजा
उज्जैन,22 नवंबर (इ खबरटुडे)। सिंहस्थ 2016 के लिये जहां साधु-संतों की सक्रियता बढ़ रही है और प्रशासन भी नित्य विकास कार्यों की समीक्षा करने सिंहस्थ क्षेत्र व अखाड़ों में दस्तक दे रहा है। परंपरागत रुप से स्नान में शामिल होने वाले 13 अखाड़ों के साधु-संतों के अलावा भी साधु-संतों ने यहां डेरा डालना शुरु कर दिया है। शनिवार को किन्नर अखाड़े का ध्वज पूजन गंधर्व घाट पर हुआ। इसी के सात किन्नर अखाड़े की गतिविधियां भी शुरु हो जायेंगी।
किन्नक अखाड़े के प्रमुख लक्ष्मीनारायण किन्नर, स्वामी अजयदास महाराज सहित अनुयायियों की मौजूदगी में गंधर्व घाट उदासीन अखाड़े के समीप ध्वज पूजन सविधि सम्पन्न हुआ। पं. जोशी और लोटावाला गुरु ने पूजन-रस्म पूर्ण करवाई तथा फिलहाल किन्नर अखाड़े ने सिंहस्थ क्षेत्र में भूमि आवंटन चाहा है किन्तु चिंतामण गणेश के आगे हासामपुरा मार्ग पर स्वामी अजयदास महाराज द्वारा निर्मित काली मंदिर से भी अखाड़े की गतिविधियों का संचालन होगा। बताया जा रहा है कि 2000 से अधिक किन्नर यहां सिंहस्थ में पर्व स्नान करेंगे। पिछले दिनों किन्नर अखाड़े ने सिंहस्थ के लिये ताल ठोंकते हुए कहा था कि किन्नर भी वह सबसे प्राचीन परंपरा के तहत पूजन व्यवस्था से जुड़े हुए उन्हें भी अन्य अखाड़ों तरह पर्व स्नान व पेशवाई का अधिकार है। इधर प्रशासन की चिंता यह है कि 13 अखाड़ों के अलावा अन्य अखाड़ों को समान अधिकार दिये गये तथा इन अखाड़ों के स्नान क्रम से जरा भी छेेड़छाड़ व परिवर्तन का प्रयास किया तो साधु-संत उखाड़ा जायेंगे। किन्नर अखाड़े के अलावा अलग से महिलाओं के लिये परी अखाड़े ने भी प्रशासन से व्यवस्थाओं की गुहार लगाई है।