December 24, 2024

काम करना भी नहीं आता और करवाना भी नहीं – कलेक्टर

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सीईओ बाजना का निलम्बन प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश

रतलाम , 29 मई (इ खबरटुडे)। कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने आज ग्राम उदय से भारत उदय अभियान अंतर्गत हितग्राहियों को चिन्हित कर लाभान्वित किये जाने संबंधी गहन समीक्षा की। समीक्षा के दौरान जनपद पंचायत बाजना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निलम्बित करने का प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सोमेश मिश्रा को दिये। बाजना में हितग्राहियों को समुचित प्रकार से लाभान्वित नहीं कर पाने पर कलेक्टर ने जनपद सीईओ के कार्यो पर असंतोष प्रगट करते हुए कहा कि न तो आपको काम करना आता हैं और न ही अपने मातहतो से काम करना। कलेक्टर ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को बाबु से लेकर जनपद के सीईओ तक कम से कम दस लोगों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही प्रस्तुत करने के लिये चौबीस घण्टे का समय दिया है। उन्होने कहा कि हितग्राहियों को लाभान्वित करने के विस्तृत अवसर होने के बाद भी लाभान्वित नहीं किया जाना बहुत ही चिंता का विषय है। इसके लिये सभी जनपदों मंे बाबु से लेकर अधिकारी तक की जिम्मेदारी तय की जाकर कार्यवाही करें।
समीक्षा बैठक में ग्राम उदय अभियान से भारत उदय अभियान के दौरान ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, महिला बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग और राजस्व विभाग के हितग्राहियों को चिन्हाकंन किया जाकर उन्हंे लाभ पत्र वितरित किये जाने थे। ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत में खेल का मैदान, शांतिधाम, कपिलधारा के कूप और वृक्षारोपण कार्यो को अनिवार्य रूप से किया जाना था। बावजुद इसके जनपद पंचायतों की समीक्षा के दौरान वहा पर किये गये कार्यो की संख्या अपेक्षित नहीं पायी जाने पर कलेक्टर ने अप्रसन्नता व्यक्त की। उन्होने कहा कि कार्यो के बारे में स्पष्ट निर्देश होने के बावजुद भी कार्यो का नहीं होना विभागीय अधिकारी, कर्मचारियों की लापरवाही को दर्शाता है। ऐसी स्थिति में वेतन भोगी कर्मचारियो को जनहित के कार्यो में उदासिनता बरतने के लिये दण्डित करना लाजमी हो जाता है। कलेक्टर ने कहा कि ऐसे किसी भी कर्मचारी को बक्षा नहीं जायेगा जिसके कारण लोक हित के कार्यो में अवरोध उत्पन्न हो रहा हैं या कार्यो को अपेक्षित गति नहीं मिल पा रही हैं और उनकी लापरवाही के कारण जनता लाभों से वंचित हो रही है।
डेढ़ महिने कृषि क्रांतिरथ घुमा कर क्या हासिल किया कृषि विभाग ने
कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने जावरा-पिपलौदा और रतलाम विकासखण्ड में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत एक भी आवेदन पत्र प्राप्त नहीं होने पर घोर अप्रसन्नता व्यक्त की। किसान क्रेडिट कार्ड में जिले के चार विकासखण्डों में एक भी व्यक्ति को लाभान्वित नहीं किया गया है। मृदा परीक्षण में पिपलौदा विकासखण्ड में केाई आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुआ। डेढ महिने के कृषि क्रांतिरथ के दौरान मात्र सत्रह सौ आवेदन पत्र प्राप्त हुए उनमंे भी सबसे ज्यादा बीज की मांग संबंधी नौ सौ से अधिक आवेदन पत्र रहें।, 461 आवेदन पत्र मृदा परीक्षण के रहे। शेष योजनाओं मंे बहुसंख्यक विकासखण्डों में एक भी आवेदन पत्र न तो प्राप्त हुआ और न ही एक भी हितग्राही को लाभान्वित किया गया। कलेक्टर ने कृषि विभाग के उप संचालक खपेडि़या से कहा कि डेढ़ महिने के कृषि क्रांतिरथ में आखिरकार किसानों को लाभान्वित करने के लिये कृषि विभाग ने क्या किया। कृषि महोत्सव के दौरान बीस लाख रूपये का व्यय किये जाने के क्या सार्थक परिणाम मिलें।
उप संचालक कृषि और उप संचालक उद्यानिकी के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश
कलेक्टर ने उप संचालक कृषि के.एस.खपेडि़या और उप संचालक उद्यानिकी तोमर के द्वारा ग्राम उदय से भारत उदय अभियान में सौपे गये दायित्वों का ठीक प्रकार से निर्वहन नहीं करने के लिये निलम्बन का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होने संयुक्त संचालक कृषि के विरूद्ध भी प्रमुख सचिव किसान तथा कृषि कल्याण विभाग को कार्यवाही हेतु अर्द्धशासकीय पत्र भेजने के निर्देश अपर कलेक्टर डॉ. कैलाश बुन्देला को दिये। कलेक्टर ने कहा कि ग्राम उदय अभियान से भारत उदय अभियान अंतर्गत सम्पूर्ण अभियान के दौरान संयुक्त संचालक कृषि उज्जैन द्वारा एक भी बार गतिविधियों की समीक्षा नहीं की गई और न ही विभाग की गतिविधियों के बारे में जाना गया। उप संचालक कृषि ने भी बताया कि इस संबंध में संयुक्त संचालक द्वारा न तो मौखिक न तो लिखित कोई पत्राचार किया गया।
कलेक्टर ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सोमेश मिश्रा को निर्देशित किया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के समस्त अमले के साथ जिला पंचायत में बैठ कर पुनः समीक्षा कर पत्रकों मंे अंकित की गई जानकारी को दुरूस्त करवाये। गड़बडि़या परिलक्षित होने पर तत्काल जिम्मेदारियॉ तय की जाकर निलम्बन के साथ ही पद से पृथक्कीकरण जैसी कड़ी कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।

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