November 16, 2024

इस स्वतंत्रता दिवस, प्लास्टिक के झंडे नहीं खरीद रहे दिल्ली वाले

Members of ABVP and other students of Govt College Sector 1 Panchkula to protest against JNU issue, organised Tiranga Yatra in Panchkula on Friday, February 19 2016. Express Photo by Kamleshwar Singh *** Local Caption *** Members of ABVP and other students of Govt College Sector 1 Panchkula to protest against JNU issue, organised Tiranga Yatra in Panchkula on Friday, February 19 2016. Express Photo by Kamleshwar Singh

नई दिल्ली ,13 अगस्त(इ खबरटुडे)। स्वतंत्रता दिवस के एक हफ्ते पहले से ही आप ट्रैफिक सिग्नल और बाजारों में तिरंगे बेचने वालों को देखते होंगे। सारा नजारा पिछले वर्षों की तरह ही है लेकिन एक बड़ा बदलाव नजर आ रहा है। इस बार प्लास्टिक के झंडों की जगह कपड़े के झंडे बेचे जा रहे हैं। प्लास्टिक के झंडे पर किसी तरह का सरकारी प्रतिबंध नहीं है। गृह मंत्रालय ने लोगों से केवल अपील की थी कि प्लास्टिक के बने राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल न किया जाए।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से भी मंत्रालय ने कहा था कि राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े नियमों का पालन किया जाए। मंत्रालय का कहना है कि कागज के झंडे प्रयोग में लाए जा सकते हैं लेकिन प्लास्ट के फ्लैग ठीक नहीं हैं। थोक विक्रेता और अन्य दुकानदार भी इस बार प्लास्टिक के तिरंगे नहीं बेच रहे हैं। उनका कहना है कि जब वे प्लास्टिक के झंडे बेचते हैं तो लोग उन्हें ज्ञान देते हैं। लोगों का कहना है कि प्लास्टिक से पर्यावरण को नुकसान होता है और कुछ लोग सोशल मीडिया पर विडियो भी डाल देते हैं।

‘स्कूल के बच्चे नहीं लेते प्लास्टिक के तिरंगे’
एक विक्रेता ने बताया कि जब उन्होंने प्लास्टिक का तिरंगा बेचने की कोशिश की तो दिल्ली वालों ने बड़े-बड़े लेक्चर दिए। उन्होंने कहा, ‘पहला सवाल ये पूछते हैं कि प्लास्टिक फ्लैग क्यों बेच रहे हो? पिछले साल मैंने प्लास्टिक के फ्लैग रखे थे और जब भी ट्रैफिक सिग्नल पर गाड़ियों में बैठे लोगों को बेचने जाते थे तो लोग फोन निकालकर फोटो लेने लगते थे। इसलिए इसबाार सिर्फ कपड़े वाला झंडा रखा है।’

आईटीओ पर तिरंगे बेचने वाले लोगों से बच्चे भी सवाल कर बैठते हैं। एक विक्रेता सोनू का कहना है, ‘स्कूल के बच्चे प्लास्टिक का झंडा लेने से मना कर देते हैं। कहते हैं कि स्कूल में मना है। मुझे तो बच्चों ने कितनी बार का कि प्लास्टिक के फ्लैग्स बेचना ही बुरा है। इसलिए इसबार अपने पास प्लास्टिक के झंडे रखे ही नहीं। केवल कपड़े के फ्लैग हैं। पेपर वाले बारिश में खराब हो जाते हैं।’

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