अंतिम सफर पर अटलजी: अंत्येष्टि से पहले भाजपा मुख्यालय ले जाया जा गया पार्थिव शरीर, मोदी-अमित शाह मौजूद
नई दिल्ली,18 अगस्त(इ खबरटुडे)। भारत रत्न और तीन बार प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी (93) की पार्थिव देह को सेना की विशेष गाड़ी से भाजपा मुख्यालय ले जाया गया। इस दौरान तीनों सेनाओं की एक संयुक्त टुकड़ी उनके साथ रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह मुख्यालय में मौजूद हैं। यहां एक बजे तक आम लोग अटलजी के आखिरी दर्शन कर सकते हैं। इसके बाद, अंत्येष्टि के लिए अंतिम यात्रा भाजपा मुख्यालय से दीनदयाल उपाध्याय मार्ग (डीडीयू) से होते हुए आईटीओ और वहां से राजघाट के पीछे स्थित राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर पहुंचेगी। भाजपा मुख्यालय से यहां तक की दूरी लगभग पांच किलोमीटर है। दोपहर 4 बजे अटलजी का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
इससे पहले, उनके पार्थिव शरीर को गुरुवार शाम को एम्स से अंतिम दर्शन के लिए कृष्ण मेनन मार्ग स्थित उनके आवास पर रखा गया था। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अटलजी के कृष्ण मेनन मार्ग स्थित उनके आवास पर शुक्रवार सुबह श्रद्धांजलि देने पहुंचे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई नेताओं ने गुरुवार देर रात श्रद्धांजलि दी। अटलजी ने गुरुवार शाम 5.05 बजे एम्स में अंतिम सांस ली थी। वे नौ साल से बीमार थे और 67 दिन से एम्स में भर्ती थे।
12 राज्यों में शासकीय अवकाश: अटलजी के निधन पर 7 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई। शुक्रवार को देश के 12 राज्यों ने राजकीय शोक और अवकाश की घोषणा की। इनमें दिल्ली, उत्तरप्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, ओडिशा, पंजाब, बिहार, झारखंड, हरियाणा, तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक राज्य शामिल हैं। इन राज्यों में सरकारी कार्यालय, स्कूलों और कॉलेजों में अवकाश रखा गया है। सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में भी शुक्रवार को एक बजे तक काम होगा। दिल्ली में व्यापारियों ने भी सभी बाजार बंद रखने का फैसला किया है।
राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर ही बनेगा अटल जी का स्मारक: यमुना किनारे राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर डेढ़ एकड़ जमीन पर अटल बिहारी वाजपेयी का समाधि स्थल बनाया जाएगा। यूपीए सरकार ने नदी के किनारे समाधि स्थल बनाने पर रोक लगा दी थी, लेकिन मोदी सरकार ने इस फैसले को पलटते हुए वहां समाधि स्थल बनाने का फैसला लिया है। इस संबंध में मोदी सरकार जल्द अध्यादेश ला सकती है।
पाक के कानून मंत्री आज दिल्ली आएंगे: भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामगेयाल वांगचुक शुक्रवार सुबह दिल्ली पहुंचे। नेपाल के विदेश मामलों के मंत्री पीके ग्यावाल, श्रीलंका के कार्यकारी विदेशी मंत्री लक्ष्मण किरीला, बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबुल हासन महमूद अली और पाकिस्तान के कानून मंत्री अली जफर अटलजी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आज दिल्ली पहुचेंगे।
अमेरिका, चीन, पाकिस्तान, ब्रिटेन और बांग्लादेश ने दुख जताया: पाकिस्तान तहरीक-इंसाफ के नेता और प्रधानमंत्री बनने जा रहे इमरान खान ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी राजनीति के एक बड़े व्यक्तित्व थे। भारत-पाक संबंधों में सुधार के लिए उनके प्रयासों को हमेशा याद किया जाएगा। चीन के राजदूत लुयो झाओहुई ने ट्वीट किया- “अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से गहरा दुख पहुंचा है।” भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने शासनकाल में अमेरिका के साथ मजबूत रिश्तों पर जोर दिया।” ब्रिटेन और जापान के राजदूत ने कहा कि वे वैश्विक नेताओं में से एक थे। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश के लोगों में भी अटल बिहारी वाजपेयी काफी लोकप्रिय थे।
मोदी ने कहा- पिता का साया उठ गया: नरेंद्र मोदी ने अटलजी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनका जाना सिर से पिता का साया उठने जैसा है। इससे पहले उन्होंने ट्वीट में कहा- ‘‘मैं नि:शब्द हूं, शून्य में हूं, लेकिन भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा है। हम सभी के श्रद्धेय अटलजी हमारे बीच नहीं रहे। यह मेरे लिए निजी क्षति है। अपने जीवन का प्रत्येक पल उन्होंने राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। उनका जाना, एक युग का अंत है।’’