एक बार फिर इतिहास दोहराने की कोशिश/जम्मू के प्राचीन मंदिर पर हमला:डोडा के वासुकी नाग मंदिर में रात में तोड़फोड़, गुस्साए लोगों का प्रदर्शन शुरू
जम्मू-कश्मीर,06जून(इ खबर टुडे)।जम्मू-कश्मीर में डोडा जिले के भदरवाह में बने प्राचीन वासुकी नाग मंदिर में तोड़फोड़ का मामला सामने आया है। भदरवाह को भद्रकाशी भी कहा जाता है। यहां रविवार रात वासुकी नाग मंदिर में तोड़फोड़ की गई। सुबह पुजारी के पहुंचने पर घटना का पता चला।
मूर्तियां खंडित हो गई हैं
जब पुजारी मंदिर पहुंचे तो दरवाजे, खिड़कियां टूटे मिले। मूर्तियां खंडित थीं और नीचे पत्थर पड़े थे। खबर फैलते ही मंदिर के बाहर भीड़ जमा हो गई। हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। उन्होंने कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पुलिस का कहना है कि वासुकी नाग मंदिर में तोड़फोड़ की एक फोटो सामने आई है। जांच के लिए पुलिस की विशेष टीम मौके पर भेजी गई है।
पुलिस ने की FIR दर्ज
मंदिर में तोड़फोड़ की कुछ तस्वीरें सामने आने के बाद पुलिस ने FIR दर्ज की है। पुलिस ने बताया कि तथ्यों का पता लगाने के लिए पूरे इलाके में पुलिस की एक टीम पहले ही तैनात कर दी गई है। हमने लोगों से शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने का अनुरोध किया है।
डिप्टी कलेक्टर विकास शर्मा और SSP अब्दुल कयूम के ने लोगों को आश्वासन दिया की मामले की पूरी जांच की जाएगी। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने दुमेल, सरोल बाग, भाला, सेरी बाजार, गुप्त गंगा और भालरा सहित कई जगहों पर बंद सड़कों को खोल दिया और प्रदर्शन रोक दिया, दुकानें भी खोल दी गईं।
इस तरह से पता चली घटना
वासुकी नाग महाराज मंदिर कैलाश कुंड (कबला) 14,700 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। अगस्त सितंबर 2021 के महीने में वार्षिक छड़ी यात्रा के बाद मंदिर को बंद कर दिया गया था। मूर्तियों के साथ हुई बर्बरता तब सामने आई, जब दो दिन पहले ट्रस्ट की एक टीम ने मंदिर का दौरा किया। टीम को दरवाजा और दान पेटी टूटी हुई मिली। मंदिर के त्रिशूल भी यहां-वहां पड़े नजर आए।
इस तोड़फोड़ के विरोध में प्रदर्शन कर रहे पुरुषोत्तम दीदीची ने दोषियों की पहचान करने और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के अलावा पिछली घटनाओं में एक्शन लेने की मांग की है।
हिंदुओं के बाद मंदिरों को बना रहे निशाना
कश्मीर में 32 साल बाद फिर वही नजारा है। आतंकियों ने पहले राहुल भट, रजनी बाला, बैंक मैनेजर विजय कुमार और एक प्रवासी मजदूर की हत्या की। अब मंदिरों पर हमले शुरू कर दिए है। हिंदुओं की टारगेटेड किलिंग से कश्मीरी पंडितों के साथ-साथ कश्मीरी हिंदुओं का पलायन शुरू हो गया है।
अब तक 80 प्रतिशत लोग कश्मीर छोड़कर जम्मू शिफ्ट हो गए हैं। घाटी में प्रधानमंत्री पैकेज और अनुसूचित जाति जैसी श्रेणियों में करीब 5,900 हिंदू कर्मचारी हैं। पाबंदियों के बावजूद निजी आवास और कैंप में रहने वाले कर्मचारियों में से 80 फीसदी कश्मीर छोड़कर जम्मू पहुंच गए हैं।