उज्जैन में मां शिप्रा शुद्धिकरण का संकल्प ले रहा है मूर्तरूप; 598 करोड की कान्ह डक्ट परियोजना का भूमिपूजन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डा. यादव बोले
उज्जैन ,15 जून (इ खबरटुडे/ ब्रजेश परमार )। शनिवार को 598 करोड की कान्ह डक्ट परियोजना का भूमिपूजन करते हुए मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा है कि आज हमारे कई वर्षों का संकल्प मूर्तरूप लेने जा रहा है। हमने सभी सन्तों के साथ यह संकल्प लिया था कि शिप्रा नदी के जल को निर्मल और स्वच्छ बनायेंगे और कान्ह नदी का पानी शिप्रा में मिलने से रोकेंगे। कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना के माध्यम से अब कान्ह का दूषित जल मां शिप्रा के किसी भी तट पर नहीं मिलेगा।
उन्होंने कहा कि कान्ह का पानी गंभीर नदी के निचले किनारे तक पहुंचाया जायेगा, जिसे भी शुद्धिकरण किया जायेगा और आसपास के किसानों को सिंचाई के लिये पानी मिलेगा। 600 करोड़ रुपये की लागत से आने वाले समय में सेवरखेड़ी में बैराज निर्मित कर शिप्रा का पानी लिफ्ट कर सिलारखेड़ी ले जाया जाएगा और वहां से पुन: शिप्रा में छोड़ा जाएगा। इससे शिप्रा का पानी शिप्रा में ही रहेगा।
मुख्यमंत्री डॉ.यादव आज उज्जैन के ग्राम डेंडिया स्थित शनि मन्दिर के पास आयोजित 817 करोड़ की लागत के भूमिपूजन एवं लोकार्पण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। कान्ह परियोजना के अतिरिक्त लगभग 217 करोड़ के निर्माण कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि 5 हजार करोड़ की लागत से उज्जैन-जावरा फोरलेन व्हाया नागदा का शीघ्र निर्माण पूरा होगा। वहीं 6 हजार करोड के उज्जैन-इन्दौर सिक्सलेन का शीघ्र भूमिपूजन किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पात्रता धारी अपना आयुष्मान कार्ड अवश्य बनवायें, जिससे उन्हें 5 लाख रुपये तक की नि:शुल्क उपचार का लाभ प्राप्त हो सके। एयर एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से आयुष्मान कार्ड धारी गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को कम समय में मुम्बई, दिल्ली जैसे शहरों पर उपचार हेतु पहुंचाया जाएगा। यह सेवा आयुष्मान कार्ड धारियों के लिए पूरी तरह नि:शुल्क रहेगी।
उज्जैन और इन्दौर संभाग सहित प्रदेश के सभी देवस्थानों व सभी धार्मिक पर्यटन स्थलों का विकास किया जायेगा। भगवान राम और कृष्ण के समय के ऐतिहासिक क्षणों के साक्षी रहे स्थलों का विकास किया जायेगा। महाकाल लोक में स्थित सप्तऋषियों की प्रतिमाएं जो क्षतिग्रस्त हो गई थी, उन्हें उज्जैन में ही कलाकारों द्वारा ठोस पत्थर से तराशकर निर्मित किया जा रहा है। उन्हें शीघ्र ही महाकाल लोक में पुनर्स्थापित किया जायेगा। महाकाल लोक की सभी प्रतिमाएं पत्थर की लगाई जाएंगी।
उज्जैन में प्रतिमाएं बनाने का कारखाना स्थापित किया जाएगा। यहां बनी प्रतिमाएं प्रदेश और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगी। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही पीतल से भी यहां प्रतिमाएं बनाई जायेंगी। पूजा-पाठ सामग्री, भगवान की पोशाक, पूजा के पात्र भी प्रदेश में बनवाकर देश के कोने-कोने में उपलब्ध कराये जायेंगे। कार्यक्रम को जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट,सांसद अनिल फिरोजिया ने भी संबोधित किया। इससे पूर्व उज्जैन आगमन पर मुख्यमंत्री ने हेलीपेड के पास पुलिस लाईन के तालाब गहरीकरण कार्य में हिस्सा लेकर श्रमदान किया। उन्होंने सभी को गंगा दशहरा पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में पाम का पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इसके बाद उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम के पास इंडियन कॉफी हाउस का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने सवा 3 करोड से अधिक लागत की 20 बंदी क्षमता की खुली जेल कॉलोनी भैरवगढ़ का लोकार्पण किया।
ये है कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना-
इंदौर तथा सांवेर के सीवेज युक्त जल को कान्ह नदी के माध्यम से क्षिप्रा नदी में मिलने से रोकने के लिए जमालपुरा ग्राम के समीप कान्ह नदी पर बैराज का निर्माण करते हुए क्लोज डक्ट के माध्यम से जल का गंभीर नदी में गंभीर बांध के डाउन स्ट्रीम में डायवर्ट किया जायेगा। साथ ही आगामी सिंहस्थ को दृष्टिगत रखते हुए प्रावधानों के अनुसार जल प्रवाह 40 क्यूसेक जल बहाव क्षमता के रूपांकन कार्य किया गया है। जिसमें इंदौर शहर तथा सांवेर शहरी क्षेत्र की अनुमानित जनसंख्या से आने वाले सीवेज एवं सांवेर जल उद्वहन परियोजना के कमाण्ड क्षेत्र मे होने वाली सिंचाई से जल के रि-जनरेशन, देवास एसटीपी से आने वाले जल को पंप कर कान्ह नदी में छोड़ते हुए डक्ट के माध्यम से व्यपवर्तित किया जाएगा। उक्त परियोजना में 100 मीटर लम्बाई में एप्रोच चैनल 28.650 कि.मी. लम्बाई में 4.50 मीटर के डी-आकार में भूमिगत बाक्स तथा अंतिम 100 मीटर लम्बाई में ओपन चैनल निर्माण का कार्य प्रस्तावित है। परियोजना में निर्माण कार्य की समय-सीमा 42 माह रखी गई है, जिसमें 15 वर्षों का संचालन तथा रखरखाव का प्रावधान किया गया है। डक्ट में शुरुआती तथा अंतिम छोर के अतिरिक्त 4 संख्या में पहुंच मार्ग प्रस्तावित हैं, जिसकी चौड़ाई डक्ट के समान ही 4.5 मी. रखी गई हैं। जिसके माध्यम से डक्ट के अंदर सफाई कार्य जाने हेतु हैवी मशीनरी का भी प्रवेश सुनिश्चित किया जायेगा।
शिप्रा तीर्थ परिक्रमा का शुभारंभ-
मुख्यमंत्री ने उज्जैन के पावन रामघाट पर दो दिवसीय मां शिप्रा तीर्थ परिक्रमा के शुभारंभ किया। उन्होंने रामघाट पर शिप्रा की पूजा-अर्चना अभिषेक व आरती की और ध्वज का पूजन किया। सन्तजनों की उपस्थिति में रामघाट पर शिप्रा तीर्थ परिक्रमा के ध्वज लहराकर परिक्रमा का शुभारंभ किया और संतों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ पैदल चलकर शिप्रा तीर्थ परिक्रमा में भाग लिया। उन्होंने मध्य प्रदेश की नदियों, जल संरचनाओं के संरक्षण, संवर्धन एवं पुनरुद्धार को समर्पित जलाभिषेक अभियान का उपस्थित जनों और प्रदेशवासियों को संकल्प दिलाकर शिप्रा तीर्थ परिक्रमा का शुभारंभ किया और जनप्रतिनिधियों एवं हजारों श्रद्धालुओं के साथ शिप्रा तीर्थ परिक्रमा में शामिल हुए।