मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश में अब भर्ती प्रक्रिया नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन के नियमों के आधार पर होगी

मप्र हाई कोर्ट ने हाईस्कूल शिक्षक भर्ती के नियमों को असंवैधानिक घोषित कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अब भर्ती प्रक्रिया नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) के नियमों के आधार पर होगी। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की पीठ ने आदेश दिया कि राज्य सरकार को एनसीटीई के नियमों को बैकडेट से लागू करना होगा। अब सामान्य वर्ग के लिए 50% और आरक्षित वर्ग व दिव्यांगों को 45% अंकों के आधार पर भर्ती होगी।

कोर्ट ने कहा कि 2018 में चयनित उम्मीदवारों को प्रभावित नहीं किया जाएगा। लेकिन 2023 की चयन प्रक्रिया में पूरक चयन होगा। उन उम्मीदवारों को फिर से मौका मिलेगा, जो पुराने नियमों के कारण अपात्र हो गए थे। यह पूरी प्रक्रिया दो महीने में पूरी करनी होगी।

यह हिदायत भी… हाई कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम

कोर्ट के फैसले के अनुसार, राज्य सरकार एनसीटीई के नियमों के विपरीत कोई नियम नहीं बना सकती। हाई स्कूल शिक्षक कक्षा 9 से 12 तक पढ़ाते हैं, इसलिए एनसीटीई के नियम ही लागू होंगे।

पोस्ट ग्रेजुएशन में द्वितीय श्रेणी के कारण बढ़ी समस्या

भिंड निवासी अवनीश त्रिपाठी सहित कई अभ्यर्थियों ने 2018 के भर्ती नियमों को चुनौती दी थी। सरकार ने बीएड के साथ पोस्ट ग्रेजुएशन में द्वितीय श्रेणी की शर्त रखी थी। कुछ विश्वविद्यालयों में 45% अंक द्वितीय श्रेणी माने जाते हैं, तो कुछ में 50%। इससे कई उम्मीदवार अपात्र हो गए थे।

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