धर्म का नाम,उज्जैन तहसील में 20 बीघा सरकारी जमीन की हेराफेरी की तैयारी का काम
उज्जैन,28 मार्च (इ खबर टुडे/ ब्रजेश परमार )। धर्म के नाम पर उज्जैन (ग्रामीण ) तहसील अंतर्गत 20 बीघा (4 हेक्टेयर) सरकारी जमीन जो कि औघोगिक क्षेत्र के लिए घोषित की जा चुकी है कि हेराफेरी की तैयारी हो गई है। ग्राम पंचायत ने बगैर हक अधिकार के ही जमीन को लेकर ठहराव प्रस्ताव तैयार कर अनापत्ति तहसीलदार को दी है। मामला इतना गंभीर है कि प्रथम द्ष्टया ही लोकायुक्त स्वसंज्ञान लेकर प्राथमिकी दर्ज कर सकता है।एसडीएम राकेश शर्मा का कहना है कि मामला संज्ञान में आते ही जांच के लिए आदेशित किया गया है।रिपोर्ट मिलते ही कार्रवाई करेंगे।
उज्जैन जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत दुदरसी उज्जैन ग्रामीण तहसील के अंतर्गत आती है।इस पंचायत के अंतर्गत हरन्याखेड़ी गांव भी आता है।ग्राम पंचायत ने 25 जनवरी 2023 को बैठक आयोजित कर ग्राम हरन्याखेडी में शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 279 पर खाटू श्याम अखाड़ा चेरिटेबल ट्रस्ट को अनापत्ति का प्रस्ताव क्रमांक 07 लाया गया । इसके ठहराव में स्पष्ट किया गया कि ग्राम सभा में उपस्थित सदस्यों द्वारा सर्व सहमति से यह प्रस्ताव पारित किया जाता है कि खाटू श्याम अखाड़ा चेरिटेबल ट्रस्ट रजिस्ट्रेशन नं.61/2021 द्वारा ग्राम पंचायत से शासकीय भूमि सर्वे नंबर 279 रकबा 4 हेक्टेयर (20 बीघा)भूमि पर अनापत्ति मांगी गई है।ग्राम सभा यह प्रस्ताव पारित करती है कि उक्त सर्वे नंबर पर संबंधित ट्रस्ट मंदिर निर्माण करता है तो ग्राम पंचायत को कोई आपत्ति नहीं है।प्रस्ताव की प्रतिलिपि तहसीलदार को अग्रेषित कर दी गई ।
जानकार बता रहे हैं कि संबंधित सर्वे क्रमांक 279 की जमीन सरकारी होकर उघोग क्षेत्र के लिए आरक्षित की जा चुकी है। जमीन पर ग्राम पंचायत को एनओसी जारी करने के भी अधिकार नहीं है। ग्राम पंचायत के सदस्यों को शासकीय भूमि पर अनापत्ति की जानकारी हो न हो लेकिन पंचायत सचिव को इसकी जानकारी न हो यह संभव नहीं है ऐसे में पंचायत सचिव की भूमिका पर सवाल खड़ा हो रहा है। सूत्र जानकारी दे रहे हैं कि 19 मार्च को दाउदखेडी से संबंधित एक राजस्व कर्मचारी ने यहां पहुंचकर जमीन की नप्ती भी की थी।सवाल तो यह पैदा हो रहा है कि ट्रस्ट का निर्माण दो वर्ष पूर्व ही किया गया है ऐसे में तीन आडिट भी नहीं हुए हैं और 20 बीघा जमीन देने की तैयारी ग्राम पंचायत ने अनापत्ति देते हुए की है।यही नहीं ट्रस्ट को कैसे जानकारी मिली की यह जमीन शासकीय है।इतने बडे मामले में प्रशासन आंख मूंद कर बैठा हुआ है। ग्रामीण स्तर पर चौकीदार छोटी-छोटी जानकारी पटवारी को देता है ऐसे में 20 बीघा पर निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई और कोई देखने वाला नहीं है। यहां अभी तक अतिक्रमण का केस भी नहीं बनाया गया है।संबंधित ट्रस्ट ने यहां मूर्ति स्थापित करने की तैयारी भी कर ली है।सरकारी भूमि का सर्वे नंबर ट्रस्ट की जानकारी में आने से पूर्व पटवारी की भूमिका भी संदिग्ध बनी हुई है। इस मामले में ग्राम पंचायत के सचिव से सुरेश राठौर से उनके मोबाईल पर चर्चा किए जाने पर उन्होंने कहा कि हमने अनापत्ति के साथ पंचायत का ठहराव तहसीलदार को दिया है।
अनुमति ध्वनि विस्तारक की,काम निर्माण का
मंदिर का निर्माण बाले बाले करने के लिए एसडीएम कार्यालय से अनुमति क्रमांक 75/एसडीएम /2023 दिनांक 21-03-2023 को कथा में ध्वनि विस्तारक यंत्र के नाम पर 22 से 29 मार्च की दोपहर 12 से 04 बजे तक की अनुमति ली गई । इसमें कथा के साथ ही जमीन पर बाकी का काम भी निपटाया जा रहा है। निर्धारित 15 शर्तों के साथ यह अनुमति दी गई लेकिन उसके पीछे की वास्तविकता को लेकर प्रशासन की नजरअंदाजी सवालिया निशान लिए हुए हैं।
बहुत कुछ कह रहा कथा का पोस्टर
जिस कथा के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्र की अनुमति ली गई उसके पोस्टर पर काफी कुछ अंकित है जो कह रहा है कि कुछ भी ठीक नहीं है। इस पोस्टर को अनुमति के आवेदन के साथ भी उपयोग किया गया लेकिन आश्चर्य का विषय तो यह है कि प्रशासनिक तंत्र में किसी ने उसे लेकर एक बारगी विचार करना भी वाजिब नहीं समझा। पोस्टर में साफ तौर पर अंकित किया गया है कि मंदिर निर्माण के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। स्थान भी स्पष्ट करते हुए बताया गया है कि ग्राम दुदर्शी पंचायत के अंतर्गत, हरनियाखेडी के बडले पर गौशाला के सामने ग्राम बोडानी।यह वहीं सर्वे नंबर की जमीन बताई जा रही है जिसे पंचायत ने अनापत्ति देते हुए तहसीलदार को आवेदन किया गया है । प्रशासनिक स्तर पर अभी जमीन को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है।
आखिर 20 बीघा जमीन क्यों ?-
सवाल तो इस बात का उठ रहा है कि धार्मिक भावना के लिए मंदिर का निर्माण करना अच्छी बात है लेकिन 1-2 बीघा जमीन पर ही भव्य मंदिर बन सकता है। एक बीघा जमीन में 22500 वर्ग फीट जमीन होती है जो कि एक मंदिर के लिए बहुत होती है। दो बीघा जमीन में मंदिर और अन्य प्रकल्प सभी सुचारू अंजाम दिए जा सकते हैं 20 बीघा जमीन देने एवं लेने के पीछे का मकसद समझ से परे है।
इनका कहना है
मामला संज्ञान में आने पर सोमवार सुबह ही तहसीलदार एवं पटवारी को जांच के आदेश दिए हैं। जांच रिपोर्ट आते ही कार्रवाई की जाएगी। पंचायत के आवेदन एवं कथा के पोस्टर पर काफी कुछ है।
-राकेश शर्मा ,एसडीएम,उज्जैन (ग्रामीण)