December 24, 2024

शनिश्चर एवं मौनी अमावस्या के संयोग में शिप्रा में श्रद्धालुओं ने लगाई डूबकी,देर रात से पहुंचे श्रद्धालुओं ने शिप्रा तट पर अलाव के इंतजाम में किए भजन-कीर्तन

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उज्जैन,21 जनवरी (इ खबरटुडे/ब्रजेश परमार)। माघ मास की शनिश्चरी एवं मौनी अमावस्या के संयोग में शनिवार को लाखों श्रद्धालुओं ने शिप्रा के त्रिवेणी संगम के साथ ही विभिन्न घाटों पर आस्था की डूबकी लगाई है।

फव्वारा स्नान के उपरांत श्रद्धालुओं ने आस्था के साथ यहां अपने पूराने वस्त्र,जूते-चप्पल त्याग दिए और नए पहने । त्रिवेणी स्थित शनिदेव के दर्शन किए हैं। प्रशासन ने ठंड को देखते हुए घाटों पर अलाव जलवाए थे जिनकी तपिश में देर रात पहुंचे श्रद्धालुओं ने भजन किर्तनभीकिए ।

धार्मिक मान्यता के अनुसार शनिश्चरी अमावस्या पर शिप्रा के त्रिवेणी संगम पर स्नान और नवग्रह शनि मंदिर में दर्शन-पूजन का विशेष महत्व है। इस बार मौनी अमावस्या के संयोग में शनिश्चरी अमावस्या आने से इसका महत्व और बढ़ गया है। शुक्रवार देर शाम से ही श्रद्धालुओं का स्नान के लिए घाटों पर पहुंचना शुरू हो गया था। ग्रामीण क्षेत्रों से आई कई भजन मंडलियां शाम से ही शिप्रा तट पर पहुंची और रातभर भजन-कीर्तन किए और इसके बाद त्रिवेणी संगम पर फव्वारा स्नान किया।

स्नान करने वालों और नवग्रह शनि मंदिर में दर्शन करने वालों के लिए अलग-अलग बेरिकेडिंग की गई है ताकि सुविधापूर्वक स्नान और दर्शन हो सके। रात्रि में शासकीय पूजन किया गया। इसके बाद स्नान का सिलसिला शुरू हुआ। स्नान के लिए नर्मदा का पानी शिप्रा में छोड़ गया हैं। वहीं घाटों पर फव्वारे लगाए गए थे। महिलाओं के लिए तीन चैजिंग रूम भी बनाए । सर्दी के मौसम में कई जगह पर अलाव भी लगाए गए ।

शनिमंदिर के पूजारी प्रतिनिधि जितेन्द्र पूजारी के अनुसार एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान के साथ मंदिर में तडके से शाम तक भगवान के दर्शन किए। मंदिर प्रबंध समिति के प्रबंधक एवं पटवारी रोहन मांझी के अनुसार श्रद्धालु मोबाइल से दान कर सके इसके लिए मंदिर प्रबंध समिति ने बेरिकेड्स के साथ ही प्रवेश और निर्गम मार्ग पर मंदिर के खाते के क्यूआरकोड लगाए थे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों से यहां निगरानी की । सुरक्षा के लिए शिप्रा के घाटों पर बड़ी संख्या में पुलिस जवानों की तैनाती की गई ।

पहली बार आनलाईन में आया 4874 रूपए का दान-
मंदिर समिति के प्रबंधक रोहन मांझी बताते हैं कि समिति के निर्णय अनुसार पहली बार आनलाईन दान के लिए 20-25 स्थानों पर क्यू आर कोड लगाए गए थे। इसे श्रद्धालुओं ने स्केन कर दान किया है ।पहली बार के इस प्रयोग में 4874 रूपए का दान मंदिर समिति को आनलाईन मिला है। आफ लाईन दान पेटी में आए दान की गणना आगामी दिनों में मंदिर समिति के अध्यक्ष के निर्णय से होगी।

स्नान के बाद कपड़े एवं पनौती छोडी-
शनिश्चरी अमावस्या पर त्रिवेणी संगम पर स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में कपड़े व जूते-चप्पल पनौती के रूप में छोड़े गए हैं।मंदिर प्रबंध समिति आगामी दिनों में इनकी निलामी करेगी। इसके साथ ही शनि मंदिर पर श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए तेल एवं नारियल की भी निलामी की जाएगी। मान्यता है कि इससे शनि पीड़ा से मुक्ति मिलती है। पनौती का ढेर लगा हुआ था।

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