रतलाम

भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दे रही है निगम परिषद,अवैध तरीके से स्थापित बोधि स्कूल को राजसात करने की मांग उठाएंगे नेता प्रतिपक्ष शांतिलाल वर्मा

रतलाम,28 मार्च (इ खबरटुडे)। करोडों रुपए का भ्रष्टाचार कर स्थापित किए गए बोधि स्कूल को अगर नगर निगम द्वारा राजसात कर लिया जाता है,तो नगर निगम की खस्ता आर्थिक स्थिति एक झटके में सुधर सकती है। लेकिन निगम परिषद भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दे रही है और बोधि स्कूल को राजसात करने की कार्यवाही को जानबूझकर टाला जा रहा है। नगर निगम के बजट सम्मेलन में इस मामले को जोर शोर से उठाया जाएगा।

यह कहना है कि नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष शांतिलाल वर्मा का। दो दिन पहले भी निगम परिषद के सम्मेलन में श्री वर्मा ने बोधि स्कूल के मामले को उठाया था। इस पर निगमायुक्त हिमांशु भट्ट द्वारा निगम परिषद में यह जानकारी दी गई कि बोधि स्कूल को इस मामले में नोटिस देने की तैयारी की जा रही है।

नेता प्रतिपक्ष शांतिलाल वर्मा का कहना है कि करोडों रुपए कीमत की एक अवैध सम्पत्ति का कब्जा लेनेे के मामले में निगम अधिकारियों द्वारा इस तरह की बहानेबाजी की जाना समझ से परे है। इसका सीधा सा अर्थ यही है कि कुख्यात भूमाफिया के दबाव में निगम अधिकारी इस तरह की बहाने बाजी कर रहे है कि नोटिस देने की तयारी की जा रही है। किसी अवैध कार्य को रोकने के लिए नोटिस करने में क्या कई सालो का समय लगता है ? श्री वर्मा के मुताबिक नोटिस जारी नहीं करने के मामले में सत्ता पक्ष का संरक्षण भी अधिकारियो को हासिल है।

श्री वर्मा ने इ खबरटुडे से चर्चा में बताया कि निगम में प्रस्तुत बजट पर चर्चा के दौरान वे बोधि स्कूल के मामले को जोर शोर से उठाएंगे। निगम की आर्थिक स्थिति खस्ताहाल है ऐसे में करोडों रुपए मूल्य की सम्पत्ति यदि निगम को मिलती है तो निगम के आर्थिक संकट दूर हो सकते है।

उल्लेखनीय है कि लगभग 26 वर्ष पूर्व नगर निगम के तत्कालीन अधिकारियों ने कुख्यात भू माफिया राजेन्द्र पितलिया से सांठ गांठ कर नगर सुधार न्यास की योजना क्र.64 में स्कूल के लिए आरक्षित 34765.56 वर्ग फीट आकार का भूखण्ड क्र.सी -7 सर्वे क्र 167-1,,भू माफिया राजेन्द्र पितलिया को एक ऐसी संस्था न्यू रतलाम पब्लिक स्कूल के नाम पर आवंटित कर दिया जिस संस्था का कोई अस्तित्व ही नहीं था। नगर निगम ने 40 रु. वर्गफीट के भाव की जमीन राजेन्द्र पितलिया को मात्र 10 रु. वर्गफीट के दाम पर आवंटित कर दी थी,जिससे निगम को लाखों रुपए के राजस्व की हानि हुई थी। इतना ही नहीं इस अस्तित्वहीन संस्था न्यू रतलाम पब्लिक स्कूल ने बाद में यह भूमि बोधि स्कूल को किराये पर दे दी,जिसका सर्वेसर्वा भी भू माफिया राजेन्द्र पितलिया ही है। कमाल ये है कि न्यू रतलाम पौब्लिक स्कुल खुद न्यास की किरायेदार थी तो ऐसी स्थिति में कोई किरायेदार किसी दूसरी संस्था किरायेदार कैसे रख सकता है ?

बोधि स्कुल घोटाले के उजागर होने के बाद यह निर्विवाद रूप से स्थापित हो चूका है कि बोधि स्कुल को उक्त भूमि अवैध रूप से आवंटित ऐसी स्थिति में निगम को भूमि अपने कब्जे में लेना चाहिए थी। लगातार ऐसी मांग भी की जाती रही है लेकिन भूमाफिया राजेंद्र पितलिया के दबाव में निगम के अधिकारी इस कार्यवाही करने से बचते रहे है। अगर यह बहुमूल्य भूमि निगम वापस ले लेती है तो इससे निगम की आर्थिक स्थिति सचमुच सुधर सकती है।

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