July 2, 2024

Cleaning system /लाखों खर्च, लेकिन नहीं सुधर रही रतलाम शहर की सफाई व्यवस्था,सफाई केवल सरकारी कागजो में

रतलाम,18 नवंबर (इ ख़बर टुडे)। सुन्दर शहर बनने का ख्वाब देख रहा रतलाम नगर निगम साफ-सफाई के मामले में कमजोर पड़ता जा रहा है। शहर कूड़ाघर में तब्दील होता जा रहा है। जगह-जगह कचरे के ढेर लगे है तो वहीं नालियाँ भी गन्दगी से बजबजा रही है। स्वच्छता सर्वेक्षण के पूर्व विकराल होती जा रही सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाना नगर निगम के लिये चुनौती बना हुआ है।

केन्द्र की सत्ता में काबिज होते ही प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता पर विशेष जोर दिया है। उनकी मंशा है कि देशवासी स्वस्थ व निरोगी रहे। लिहाजा, स्वच्छ भारत मिशन की शुरूआत की गई। स्वच्छता अभियान के प्रचार-प्रसार पर भी लाखों-करोड़ों रुपया खर्च भी किया जा रहा है।लेकिन आलम यह है कि शहर कचराघर में तब्दील होता जा रहा है। शहर की साफ-सफाई पर हर माह हजारों रुपया खर्च होने के बाद भी जगह-जगह कचरे के ढेर लगे है तो वहीं नालियाँ भी गन्दगी से भरी पड़ी है। कहीं-कहीं तो सुबह से शाम तक कचरे के ढेर लगे रहते है, जिन्हे हटाने वाला कोई नहीं है।

शहर के गौशाला रोड क्षेत्र से गुजरने वाले नाले में पड़ी गंदगी लम्बे समय से सफाई का इंतज़ार कर रही है। लेकिन निगम के जिम्मेदार केवल कागजो में स्वच्छ सर्वेक्षण में पहला स्थान प्राप्त करना चाहते है। जमीनी हकीकत से नहीं।वही इसी क्षेत्र में नालियों की सफाई समय पर ना होने से नालियों का गंदा पानी सड़को पर आने लगा है। जिससे आने-जाने वाले राहगीर परेशान तो होते है ही साथ ही आसपास रहने वाले लोग ज्यादा परेशान है। जहा शहर में मौसमी बुखार से आमलोग परेशान है ही साथ ही गंदी से होने वाली दूसरी बीमारी भी परेशान हो रहे है। वही ऐसी स्थिति शहर के दर्जनों में क्षेत्रों में देखी जा सकती है। लेकिन जिम्मेदार और वरिष्ठ अधिकारी शहर की सफाई कागजो में देख कर ही खुश हो रहे है।

होना तो यह चाहिये कि सर्वेक्षण से पूर्व योजनाबद्ध तरीके से शहर में साफ-सफाई अभियान चलाया जाये ताकि शहर को सुन्दर शहर की कतार में खड़ा किया जा सके, लेकिन साफ-सफाई की वर्तमान रफ्तार को देखते हुये कहा जा सकता है कि स्थिति बहुत ज्यादा संतोषजनक नहीं है।

You may have missed