January 31, 2025

Vehicle Theft : जिले भर में वाहन चोरों का आतंक,एक हफ्ते में तेरह वाहनों की चोरी,शहर में वाहन चोरी की दो वारदाते सीसीटीवी में रेकार्ड लेकिन नहीं हुई एफआईआर (देखिए चोरी का लाइव विडीयो)

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रतलाम,15 अप्रैल (इ खबरटुडे)। जिले भर में वाहन चोर सक्रिय है। जिले में कोई ऐसा दिन नहीं गुजरता जब वाहनचोरी की वारदात ना होती हो। पिछले एक सप्ताह में अलग अलग स्थानों से कुल तेरह दोपहिया वाहनों की चोरी हुई है। रतलाम में एक ही गली से दो मोटर साइकिलें चुराई गई। इस चोरी की पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में रेकार्ड हो गई। इसके बावजूद पुलिस ने इन मामलो में एफआईआर दर्ज नहीं की है।

जिले में वाहन चोरों की सक्रियता का अंदाजा पुलिस के आंकडों से लगाया जा सकता है। पुलिस की डीएसआर रिपोर्ट के मुताबिक विगत नौ अप्रैल को जिले के आलोट,ताल और नामली में वाहन चोरी की वारदात हुई। इसी तरह अगले दिन यानी 10 अप्रैल को रिंगनोद थानाक्षेत्र के रिछाचान्दा गांव से मोटर साइकिल चुराई गई। 11 अप्रैल को बिलपांक थाने के नौगांवा जागीर गांव से और जावरा शहर से एक एक मोटर साइकिल चुराई गई। 12 अप्रैल को जावरा शहर थाने के तालनाका इलाके में वाहन चोरी की वारदात हुई। 13 अप्रैल को रतलाम शहर के आनन्द कालोनी क्षेत्र में वाहन चोरी हुई। इसी तरह 14 अप्रैल को औद्योगिक क्षेत्र रतलाम के डेलनपुर गांव से एक मोटर साइकिल की चोरी की गई। ये तो उन वारदातों की खबरें है जिनकी एफआईआर अलग अलग थानों पर दर्ज की गई है। लेकिन ज्यादातार वाहन चोरी के मामलों में पुलिस सीधे एफआईआर दर्ज करने की बजाय पहले लिखित आवेदन ले लेती है। लिखित आवेदन वाले मामले डीएसआर में रिपोर्ट नहीं होते। कई मामलों में तो लिखित शिकायत लेने के बाद पुलिस एफआईआर दर्ज ही नहीं करती। यदि संयोग से मोटर साइकिल बरामद हो जाती है,तब फरियादी को बुलाकर उसकी एफआईआर दर्ज की जाती है।

पूरे जिले में वाहन चोर लगातार सक्रिय है। वाहन चोरों के बढते हौंसलों को रतलाम में शुक्रवार रात को हुई वाहन चोरी की वारदातों से समझा जा सकता है। दोनो वाहन दो मुहं की बावडी वाली गली में से एक के बाद एक करके चुराए गए। चोरी की ये पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। सीसीटीवी फुटेज में नई उम्र के दो लडके पहले रैकी करते हुए दिखाई देते है। इसके बाद एक लडका एक मोटर साइकिल लेकर रवाना होता है। दूसरा लडका थोडी देर बाद दूसरी गाडी पर हाथ साफ कर देता है। मजेदार बात यह है कि इन दोनो चोरी की वारदातों में पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की है। पुलिस ने इन दोनो मामलों में फरियादी से लिखित शिकायत ली है,लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की है।

चोरी की वारदात का सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध होने के बावजूद चोरी की एफआईआर दर्ज नहीं करना पुलिस की लचर कार्यप्रणाली का प्रमाण है। यही वजह है कि जिले भर में वाहन चोरों के हौंसले बुलन्द होते जा रहे है और चोरी की वारदातें लगातार बढती जा रही है।

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