November 14, 2024

Fight with Kidnappers : अपहर्ताओं से संघर्ष कर बालिका को बचाने वाली श्रीमती कारिबाई और दिव्यांग भंवरसिंह का पुलिस अधीक्षक ने किया सम्मान(देखिए लाइव विडियो )

रतलाम,05 मई (इ खबरटुडे)। जिले के ग्राम माननखेडा में चार दिन पूर्व अपहर्ताओं से संघर्ष कर एक नन्ही बालिका को बचाने वाली साहसी महिला श्रीमती कारिबाई तथा दिव्यांग भंवरसिंह का शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में सम्मान किया गया। पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने दोनो साहसी व्यक्तियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए। इस मौके पर शहर के मीडीयाकर्मी मौजूद थे।

उल्लेखनीय है कि विगत 1 मई की सुबह करीब नौ बजे एक दस वर्षीय बालिका दर्शन करने के लिए शिव मन्दिर जा रही थी,कि उसी समय दो बदमाश मोटर साइकिल पर आए और बालिका का अपहरण करके ले जाने का प्रयास करने लगे। अपह्त बालिका द्वारा शोर मचाने पर मन्दिर से दर्शन करके लौट रही गांव की ही श्रीमती कारिबाई पति गोपाल माली 45 वहां पंहुची और अपहर्ताओं से भिड गई। श्रीमती कारिबाई ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए दोनो बदमाशों से संघर्ष किया। इसके साथ ही उन्होने मदद के लिए आवाज भी लगाई। कारीबाई की आवाज सुनकर गांव के ही एक अन्य व्यक्ति भंवरसिंह पिता महादेव सिंह राजपूत 61 वहां पंहुच गए और फिर दोनो ने संघर्ष कर बालिका को अपहर्ताओं के चंगुल से छुडवाया। इसी बीच गांव के अन्य लोग भी वहां पंहुच गए और लोगों ने दोनो बदमाशों को पकड कर पुलिस के हवाले कर दिया।

बाद में नाबालिग बालिका की रिपोर्ट पर माननखेडा पुलिस ने दोनो बदमाशों के विरुद्ध अपहरण और पाक्सो एक्ट का प्रकरण दर्ज कर उन्हे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम संतोष पिता नरवरसिंह राजपूत 23 नि.ग्राम ठगाई थाना पाली जि. ललितपुर (उ.प्र.)तथा सुशील उर्फ सुनील पिता देवीसिंह लोधी 23 नि.झरिया तालुका चौका थाना बेगमगंज जिला रायसेन हालमुकाम मूसाखेडी,आलोक नगर थाना आजाद नगर इन्दौर बताए गए है। इन आरोपियों की मोटर साइकिल को भी जब्त किया गया। मोटर साइकिल पर जहरीली शराब से भरी प्लास्टिक की केन भी बंधी हुई थी। पुलिस ने इस मामले में आबकारी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया है।

अदम्य साहस का परिचय देने वाली श्रीमती कारीबाई मोली और दिव्यांग भंवरसिंह को जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया गया। सम्मान मिलने के बाद मीडीया कर्मियों से चर्चा करते हुए श्रीमती कारीबाई ने बताया कि वह गांव में मनिहारी की दुकान चलाती है। अपहरण की जा रही बालिका उनके गांव की ही है और वह उनकी दुकान पर भी आती रहती थी। जब उन्होने बदमाशों को बालिका के साथ जबर्दस्ती करते देखा तो उन्हे गुस्सा आया और वे जाकर बदमाशों से भिड गई। श्रीमती कारीबाई ने बताया कि उन्होने दोनो बदमाशों की चप्पल से पिटाई की। इसी दौरान भंवरसिंह जी भी वहां आ गए। भंवरसिंह जी दिव्यांग है। भंवरसिंह राजपूत ने बताया कि जब उन्होने कारीबाई को बदमाशों से संघर्ष करते देखा तो वे भी उनकी मदद के लिए पंहुच गए थे। उन्होने बालिका को बदमाशों के चंगुल से छुडवाया और तब तक गांव के अन्य लोग भी वहां पंहुच गए थे।

श्रीमती कारीबाई और भंवरसिंह ने सम्मानित किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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