Suggestion : सृजन भारत के अनिल झालानी ने भी तीन वर्ष पहले दे दिया था दो हजार के नोट बन्द करने का सुझाव
रतलाम,24 मई (इ खबरटुडे)। भारतीय रिजर्व बैैंक द्वारा दो हजार रु. का नोट बन्द करने की घोषणा के बाद मंगलवार से बैैंको ने नोट बदलना भी प्रारंभ कर दिया है। दो हजार रु. के नोट बन्द करने का सुझाव सृजन भारत के अनिल झालानी ने तत्कालीन परिस्थितियों में पूर्वानुमान कर आज से करीब तीन साल पहले ही दे दिया था।
सृजन भारत के अनिल झालानी ने 31 जुलाई 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर सुझाव दिया था कि दो हजार रु. के नोट बन्द करके गिनती और लेनदेन में जटिलता पैदा करने वाले नोटों अब आगे छपने से रोककर,एक हजार रु. के नोट फिर से चालू किए जाने चाहिए। श्री झालानी ने अपने पत्र में कहा था कि नोटबंदी के समय एक हजार रु के नोट बन्द करके दो हजार रु. के नोट प्रारंभ किए गए थे। लेकिन नोटबंदी के तीन साल गुजरने के बाद दो हजार के अधिकांश नोट चलन से बाहर हो गए थे। इस बात की पूरी संभावना है कि ये दो हजार रु. के नोट काले धन का रुप ले चुके है। श्री झालानी ने सुझाव दिया था कि एक हजार रु. के नोट छापने के बाद किसी भी समय दो हजार रु.के नोट बन्द किए जाने का अल्टीमेटम दिया जाना चाहिए जिससे कि बैैंको में दो हजार के नोटो की आवक हो जाएगी और काला धन भी बाहर निकल सकेगा।
श्री झालानी ने अपने इस सुझाव पत्र के करीब एक वर्ष बाद 16 फरवरी 2021 को पुन: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इसी आशय का स्मरण पत्र प्रेषित किया था। इस पत्र की प्रतिलिपि उन्होने भारतीय रिजर्व बैैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास को भी प्रेषित की थी।
रिजर्व बैैंक द्वारा दो हजार रु.के नोट प्रचलन से बाहर करने की घोषणा में श्री झालानी की भी छोटी सी भूमिका रही ऐसा मानते हुए श्री झालानी ने इसे अपने “स्वांतः सुखाय अभियान” से जोड़ा है। हांलाकि वित्तीय एवं मुद्रा विशेषज्ञों की डिजिटल व ऑनलाइन भुगतान प्रोत्साहन करने की नीति के कारण रिजर्व बैैंक ने एक हजार रु. के नए नोट छापने के सम्बन्ध में फिलहाल कोई फैसला नहीं किया है। जिसकी श्री झालानी को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस पर भी निर्णय भी लिया जाएगा।