काश्यप विद्यापीठ का रजत जयंती समारोह हर्षोल्लास से मना / केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा – शिक्षा और स्वास्थ्य में निजी सहयोग आवश्यक / मंत्री श्री दत्तीगांव ने कहा – गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का केन्द्र है काश्यप विद्यापीठ
रतलाम,1मई(इ खबर टुडे)। किसी भी संस्थान के 25 वर्ष पूर्ण होना ऐतिहासिक एवं स्मरणीय होते है। काश्यप विद्यापीठ के 25 वर्ष स्वर्णिम युग के समान है। काश्यप परिवार ने उद्देश्यपूर्ण शिक्षा और शिक्षार्थियों के लिए सर्वांगीण विकास के साथ नैतिक, बौद्धिक दृष्टिकोण से विद्यापीठ की स्थापना की थी, जो आज रजत जयंती वर्ष में शिखर बन गया है। यह बात अशोक कुमार काश्यप जैन ट्रस्ट द्वारा संचालित काश्यप विद्यापीठ के रजत जयंती समारोह में मुख्य अतिथि केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कही।उन्होंने रजत जयंती के शिलालेख का अनावरण भी किया|
समारोह की अध्यक्षता प्रदेश के औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री श्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने की। राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष राजेश अग्रवाल,भाजपा के धार जिला प्रभारी एवं उज्जैन विकास प्राधिकरण अध्यक्ष श्री श्याम बंसल, रतलाम जिला प्रभारी श्री प्रदीप पाण्डेय, जिलाध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंह लुनेरा, ग्रामीण विधायक श्री दिलीप मकवाना, महापौर प्रहलाद पटेल, खेड़ा सरपंच योगेश मुकाती, ट्रस्ट अध्यक्ष एवं विधायक श्री चेतन्य काश्यप, विद्यापीठ की प्रबंध संचालक श्रीमती नीता काश्यप, काश्यप स्वीटनर्स के कार्यकारी निदेशक राजीव गोरवाड़ा, प्राचार्य श्रीमती नंदा व्यास एवं मातुश्री श्रीमती तेजकुँवर बाई काश्यप मंचासीन रहे।
केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने इस मौके पर कहा कि शिक्षा का क्षेत्र काफी बड़ा है, इसमें केन्द्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर प्रयास करे, तो भी लक्ष्य पूरा नहीं हो सकता। शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों ही क्षेत्रों में निजी सहयोग आवश्यक है। काश्यप विद्यापीठ और सरस्वती शिशु मंदिर संचालित करने वाले सेवा भारती जैसे संगठन आगे नहीं आते तो आज मिशनरी हावी होती। काश्यप विद्यापीठ संस्कारों के साथ शिक्षा देने वाला संस्थान है। श्री तोमर ने केन्द्र सरकार द्वारा कृषि के क्षेत्र में उत्थान के लिए सरकार द्वारा किए गए कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि काश्यप विद्यापीठ जैसी संस्थाए मानवता की सेवा कर रही है। अध्यक्षता कर रहे श्री दत्तीगांव ने कहा कि काश्यप विद्यापीठ आरंभ से ही शिक्षा की गुणवत्ता, नैतिक मूल्यों के साथ बौद्धिक एवं सर्वांगीण विकास पर बल देता आया है। इस संस्थान के कई विद्यार्थी देश-विदेश में प्रतिष्ठित पद प्राप्त कर बदनावर का नाम रोशन कर रहे है। उन्होंने विद्यापीठ प्रबंधन से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के सफर को आगे बढ़ाने और ग्रेज्युएशन तक विद्यापीठ को विस्तारित करने का आग्रह किया। विशेष अतिथि राजेश अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान में काश्यप विद्यापीठ में प्रवेश मिलना ही गौरवपूर्ण हो गया है। उन्होंने विद्यापीठ की क्षमता बढ़ाने पर बल दिया।
आरंभ में संस्थान के चैयरमेन एवं विधायक श्री काश्यप ने स्वागत भाषण देते हुए विद्यापीठ की स्थापना से लेकर अब तक किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला और कहा कि माता-पिता एवं गुरूओं के आशीर्वाद तथा उचित मार्गदर्शन के साथ प्राचार्य, शिक्षकों की मेहनत से यह अवसर आया है। आगामी वर्षों में विद्यापीठ को और विकसित किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदीजी ने कौशल विकास का नारा दिया है और जो नई शिक्षा नीती आई है , उसका समन्वय करते हुए 10 वीं के बाद कौशल विकास करना विधापीठ का संकल्प रहेगा| इसमें कृषि के क्षेत्र को प्राथमिकता दी जाएगी |समारोह में रजत जयंती पर केन्द्रित स्मारिका ‘‘सिल्वर मेमोरिज़ – गोल्डन ड्रीम्स’’ का विमोचन किया गया। इस मौके पर 25 वर्षों की सम्पूर्ण यात्रा का विडीयो फिल्म के माध्यम से प्रदर्शन किया गया, जिसे एस.के. स्टुडियों के संचालक एंव गीतकार सिद्धार्थ काश्यप, निदेशक अंशुल विजयवर्गीय एवं गायिका साक्षी होल्कर ने तैयार किया है।
रजत जयंती समारोह में विद्यार्थियों ने नृत्य, तबला, म्युजिकल उपकरण, स्पोट्स योगा, लघु नाटिका एवं विभिन्न राज्यों की कला संस्कृतियों की रंगारंग प्रस्तुतियों से सबका मन मोह लिया। रजत जयंती समारोह के लिए विद्यालय परिसर को दुल्हन की तरह सजाया गया था। विद्यार्थी विभिन्न स्थानों पर कत्थक, संगीत, आर्ट, मेहंदी, रंगोली, स्पोर्टस एवं योगा प्रदर्शन से आगंतुकों को मंत्रमुग्ध एवं आकर्षित करते नजर आए। समारोह में काश्यप विद्यापीठ के पूर्व विद्यार्थियों हर्ष ठाकुर, राज पगारिया, तनिष्क गुजराती, सचिन सिर्वी, यश गेहलोत, अर्पित जैन एवं सृष्टी सिकरवार, वरिष्ठ शिक्षक राघवेन्द्रसिंह सिकरवार, अम्बिका प्रसाद भारद्वाज एवं यामिनी वर्मा का सम्मान किया गया। संस्थान के राजीव गोरवाड़ा, शांतिलाल भण्डारी एवं पंकज पंड्या को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। अतिथियों को स्मृति चिन्ह श्रवण काश्यप, अमि काश्यप एवं सारांश काश्यप ने भेंट किये। समारोह का संचालन सिद्धार्थ काश्यप एवं शिक्षक रविन्द्र शर्मा ने किया। आभार प्रदर्शन प्राचार्य श्रीमती नंदा व्यास द्वारा किया गया।