November 22, 2024

नगर निगम की वेबसाईट पर रिटायर्ड हो चुके झारिया जी है निगम के आयुक्त,महापौर कोई नहीं ; आनलाइन सुविधाओं के नाम पर सिफर है रतलाम नगर निगम

रतलाम,17 मार्च (इ खबरटुडे)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान देश और प्रदेश को डिजीटलाईज करने में जुटे है लेकिन रतलाम की नगर निगम को इससे कोई सरोकार नहीं है। प्रदेश सरकार के निर्देश पर कहने को तो रतलाम नगर निगम ने अपनी कई सेवाएं आनलाईन प्रांरंभ होने की घोषणा कर रखी है,लेकिन असलियत यह है कि कोई भी सेवा आनलाइन नहीं हुई है। हालात ये है कि रतलाम नगर निगम की अधिकारिक वेबसाइट पर रिटायर्ड हो चुके सोमनाथ झारिया ही आयुक्त के रुप में दिखाए जा रहे है,जबकि महापौर अभी कोई नहीं है।

कहने को तो रतलाम नगर निगम अपनी कई सेवाओं को आनलाइन कर चुका है,लेकिन जब कोई नागरिक इन आनलाइन सेवाओं का लाभ लेने के प्रयास करता है,तो सारी सच्चाई सामने आ जाती है। नगर निगम के मुताबिक शहर में भवन निर्माण अनुमति,जल कर और सम्पत्ति कर का भुगतान,विवाह,जन्म और मृत्यु के प्रमाण पत्र इत्यादि आनलाईन आवेदन के माध्यम से बनाए जा रहे है। लेकिन वस्तुस्थिति यह है कि रतलाम नगर निगम की वेबसाइट पर ऐसी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है।

रतलाम नगर निगम की वेबसाइट पर विजीट करने पर आनलाइन सेवाओं वाले सेक्शन में कुल ग्यारह सेवाएं दर्शाई गई है। होना यह चाहिए कि कोई भी नागरिक इन आनलाइन सेवाओं वाले सेक्शन को क्लिक करके सेवाएं प्राप्त कर सके। लेकिन जब इस सेक्शन पर क्लिक किया जाता है,तो इससे कोई लिंक जुडी हुई नहीं मिलती और ऐसी कोई सुविधा प्राप्त नहीं हो पाती।

दरअसल मध्यप्रदेश शासन ने एमपी इ नगरपालिका नाम से तमाम नगर निगम और नगर पालिकाओं के लिए पोर्टल बना रखा है। नगर निगम को किया जाने वाला आनलाइन भुगतान इसी पोर्टल के माध्यम से होता है। रतलाम नगर निगम की वेबसाइट को इस पोर्टल से लिंक होना चाहिए,लेकिन नगर निगम के कम्प्यूटर विशेषज्ञों ने इसे लिंक ही नहीं किया है। इसका कारण यह है कि नगर निगम वाले नहीं चाहते कि नागरिक स्वयं कोई सुविधा हासिल कर सके। वे चाहते है कि बिना उनकी मदद के आनलाइन सुविधाएं भी नागरिकों को प्राप्त नहीं होना चाहिए। यदि नागरिक स्वयं ही आनलाइन सेवाएं प्राप्त कर लेंगे तो नगर निगम कर्मियों की उपरी कमाई का क्या होगा?

सम्पत्ति कर का घालमेल

नगर निगम को सबसे अधिक आय सम्पत्ति कर से प्राप्त होती है। सम्पत्ति कर विभाग से ही बहुत सारी उपर कमाई भी मिलती है। शासन के निर्देशों के मुताबिक सम्पत्ति कर का सारा डेटा काफी समय पहले आनलाइन हो जाना चाहिए था,लेकिन रतलाम नगर निगम का सम्पत्ति कर का डाटा आज तक आनलाइन नहीं हुआ है। सम्पत्ति कर का भुगतान आनलाइन करने के लिए किसी भी व्यक्ति को उसकी सम्पत्ति की प्रापर्टी आईडी का पता होना चाहिए। शहर के अधिकांश नागरिकों को अपनी प्रापर्टी आईडी की जानकारी नहीं है। बिना प्रापर्टी आईडी के कोई व्यक्ति सम्पत्ति कर का भुगतान आनलाइन नहीं कर सकता।

सम्पत्ति कर विभाग की वास्तविकता यह है कि जब भी कोई व्यक्ति सम्पत्ति कर जमा कराने सम्पत्ति कर विभाग में पंहुचता है,तो वहां के कर्मचारी उस व्यक्ति से पिछली बार जमा कराए गए कर की रसीद मांगते है। आमतौर पर लोग रसीद सम्हाल कर नहीं रखते। सम्पत्ति कर विभाग के कर्मचारियों की खासियत यह है कि वे सम्पत्ति कर जमा करते समय रसीद तो दे देते है ,लेकिन नगर निगम के रेकार्ड में इसे दर्ज नहीं करते। इसलिए जब नागरिक रसीद नहीं दिखा पाता,तो कर्मचारी सम्पत्ति कर के नाम पर मुहमांगी रकम मांगने लगते है। घबराया हुई नागरिक ले देकर मामले को सेट करने की मिन्नतें करता है और तब कर्मचारी मोटी रकम लेकर मामले को सैट कर देते है।

यही वजह है कि सम्पत्ति कर विभाग का रेकार्ड तमाम कोशिशों के बावजूद आनलाइन नहीं किया जा रहा है। यदि यह रेकार्ड आनलाइन हो गया,तो कर्मचारियों द्वारा की जाने वाली गडबडियों पर रोक लग जाएगी। यही वजह है कि ना तो लोगों को प्रापर्टी आईडी बताई जाती है,और ना ही रेकार्ड को आनलाइन किया जा रहा है। इसके बावजूद जब कोई व्यक्ति प्रापर्टी टैक्स आनलाइन भरने की इच्छा जाहिर करता है,तो उसे नगर निगम के एजेन्टों के माध्यम से टैक्स जमा कराने को कहा जाता है।

बहरहाल,डिजीटलाईज होते देश और प्रदेश में रतलाम नगर निगम अपनी कछुआ चाल से ही चल रही है। नगर निगम के अधिकारियों को इस बात की कोई चिन्ता भी नहीं है कि डिजीटलाईजेशन के मामले में रतलाम नगर निगम पूरे देश में सबसे पिछडा हुआ हो सकता है।

नगर निगम आयुक्त हिमांशु भट्ट का इस मामले में कहना है कि सम्पत्ति कर के रेकार्ड को आनलाइन कराने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी। उन्होने कहा कि इस काम में कम से कम महीना तो लग ही जाएगा। जब उन्हे यह जानकारी दी गई कि नगर निगम की वेबसाइट पर अब भी आयुक्त के रुप में सोमनाथ झारिया ही दिखाए जा रहे है,उन्होने इस संवाददाता को इस गडबडी की और ध्यान दिलाने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि आनलाइन व्यवस्था को जल्दी ही ठीक किया जाएगा।

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