रतलाम/ शिव महापुराण कथा की तैयारियां पूरी,लेकिन नगर निगम की तैयारियां अधूरी,जर्जर सड़क मार्ग से गुजरने वाली जनता होगी परेशान,शहर की यातायात व्यवस्था बिगाड़ने का काम करेगा निगम
रतलाम,21 अप्रैल(इ खबर टुडे)।सीहोर वाले प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के मुखारविंद से 23 से 29 अप्रैल तक मथुरी-हरथली फंटे पर होने वाली शिव महापुराण कथा की तैयारियां पूरी होने को है। कार्यक्रम को लेकर विशिष्ट लोगों को आमंत्रण भी दिए जा रहे हैं। लेकिन नगर निगम इस बार फिर जनता को परेशान करने की तैयारी में दिखाई दे रहा है।
जानकारी के अनुसार देश व प्रदेश के कथा प्रेमीयो के प्रिय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा शनिवार को शिव महापुराण कथा के लिए रतलाम पधार रहे है। जहा पंडित जी मथुरी-हरथली फंटे पर कथा का वाचन करेंगे। वही पुलिस प्रशासन और जनप्रतिनिधियो द्वारा इस कथा की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। लेकिन नगर निगम के सुस्त रवैये के चलते कथा में पहुंचने वाली आमजनता परेशान होगी।
जिसका कारण टाटा नगर ,दीनदयाल नगर ,डोंगरे नगर ,लक्क्ड़ पीठा ,राजेंद्र नगर ,गोशाला रोड क्षेत्र की जनता को बाजना बस स्टेण्ड से शुरू होने वाली जर्जर सड़क से होते हुए अमृतसागर तालाब किनारे होते हुए कथा पंडाल में पहुंचेगी। ये सड़क मार्ग पिछली बारिश में पूरी तरह से ख़त्म हो चूका है। जहा त्रिवेदी मेले के आयोजन के दौरान भी इस सड़क की हालत जर्जर ही थी ,उस दौरान भी निगम द्वारा कोई पेचवर्क का कार्य नहीं किया गया था। वही इस कथा के चलते ये मार्ग फिर आवाजाही का प्रमुख मार्ग रहेगा। बावजूद निगम द्वारा इसके सुधार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।
क्षेत्रवासी धूल से परेशान
बाजना बस स्टेण्ड और अमृत सागर कॉलोनी के रहवासी इस जर्जर सड़क से उड़ने वाली धूल से कई महीनो से परेशान है। वही धूल के चलते मार्ग से गुजरने वाले राहगीर भी परेशान है। इस जर्जर सड़क पर प्रतिदिन सड़क दुर्घटना भी घटित होती है। लेकिन निगम के जिम्मेदार अधिकारी का राहगीरों और श्रद्धालुओं की परेशानी की ओर कोई ध्यान नहीं है।
बिगड़ेगी यातायात व्यवस्था
कथा के दौरान पंडाल में पहुंचने वाले अधिकांश वाहन चालक श्रद्धालु चांदनी चौक त्रिपोलिया गेट और त्रिवेणी रोड का उपयोग करेंगे। वही बाजना बस स्टेण्ड मार्ग जर्जर होने के चलते इस मार्ग से आने जाने वाले श्रद्धालु कम रहेंगे। जिसका सीधा असर बाजार की यातायात व्यवस्था पर पड़ेगा। बाजना बस स्टेण्ड और अमृत सागर के बीच पेचवर्क का कार्य पूरा होने पर ही इस समस्या का हल संभव है। अन्यथा निगम को कोई फर्क पड़ें ना पड़े लेकिन शहर की भोलीभाली जनता को कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।