मध्य प्रदेश

MP Holi Special: मध्य प्रदेश में रावजी की होली होती है स्पेशल, बंदूक की गोली से होता है होलिका दहन

MP Rao ji Holi: होली रंगों का त्योहार मानी जाती है और पूरे भारत में होली पर्व को मनाने के अलग-अलग परंपराएं है। आज आपको एक ऐसी होली की परंपरा के बारे में बता रहे है, जहां पर होली पर्व पर होलिका का दहन माचिस या मशाल से नहीं बल्कि बंदूक की गोली से किया जाता है।

इसमें होलिका में आग लगाने के लिए बंदूक की गोली से निकले छर्रों से लगाई जाती है। यह पंरपरा मध्यप्रदेश विदिशा जिले का एक छोटा से कस्बे सिरोंज में है। यहां की होली रावजी की होली कहलाती है और यह परंपरा सालों से चली आ रही है।

इसमें होलिका का दहन बंदूक की गरजीत गोली से होता है। बताया जा रहा है कि परंपरा विदिशा जिले में रही टोंक रिसासत से चली आ रही है और अब तक लोग इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे है।

ऐसे तैयार की जाती है रावजी की होली

यहां के स्थानीय परंपरा के अनुसार होलिका को तैयार करने के लिए भी अनोखा तरीका अपनाया जाता है। इसमें होलिका में बंदूक की गोली से निकले छर्रेां से आग लग सके, इसके लिए आसपास के क्षेत्र से सूखी घास व रुई इकट्ठी की जाती है।

इसके बाद सूखी घास व रुई का ढेर बना दिया जाता है। इसमें आग लगाने के लिए फिर बंदूक की गोली से फायर किए जाते हैं और छर्रे के चलते रुई व सूखी घास आग को पकड़ लेती है और इसके बाद होलिका धूं धूकर जलने लगती है।

पूर्वजों की बहादुरी और संकल्प का प्रतीक

टोंक रिसासत के परिवार से संबंध रखने वाले लोग इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे है। महेश माथुर ने कहा कि बंदूक की गोली से होलिका का दहन करना उनकी एक परंपरा नहीं है, बल्कि यह उनके पूर्वजो की बहादुरी और संकल्प का प्रतीक है।

लोगों ने बताया कि सिरोंज पर नवाबी शासक बन गए थे। नवाबी शासको ने होलिका दहन को रोकने का प्रयास किया। इसके लिए नवाबों ने अपने सैनिक भेजकर होलिका को चारों तरफ से घेर लिया था और उसको दहन करने से रोक रहे थे।

इसी दौरान माथुर परिवार के एक बहादुर पूर्वज ने भीड़ के अंदर से ही बंदूक निकालकर होलिका दहन के गोली चला दी।

जहां पर गोली चलते ही होलिका में रखे घास फूस में आग लग गई और होलिका का दहन हो गया। इसके बाद यहां के लोगों ने खुशी मनाई थी। उसके बाद से यह परंपरा लगातार चलती आ रही है।

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