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संसद भवन के उद्धाटन पर सियासी जंग जारी, केंद्र सरकार को मिला 4 विपक्षी दलों का साथ

नई दिल्ली 25 मई (इ खबर टुडे)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई (रविवार) को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। इस पर जमकर राजनीति हो रही है। विपक्षी दलों का कहना है कि संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए। कई विपक्षी दल इस उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस उद्घाटन समारोह में मोदी सरकार को कौन-गैर एनडीए दल का साथ मिला है।

पंजाब की राजनीतिक पार्टी अकाली दल इस कार्यक्रम में शामिल होगी। इसके अलावा ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल भी समारोह का हिस्सा होगी। जगन मोहन रेड्डी की पार्टी भी इस कार्यक्रम में शामिल होगी। इसके अलावा बसपा भी समारोह का हिस्सा होने वाली है।

जगन मोहन रेड्डी की पार्टी होगी शामिल

आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने ट्वीट कर कहा कि इस भव्य और विशाल संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित करने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को बधाई देता हूं। ऐसे शुभ आयोजन का बहिष्कार करना लोकतंत्र की सच्ची भावना के अनुरूप नहीं है। मैं अनुरोध करता हूं कि सभी राजनीतिक पार्टियां इस आयोजन में शामिल हो। लोकतंत्र की सच्ची भावना में मेरी पार्टी इस कार्यक्रम में शामिल होगी।

इन दलों ने किया उद्घाटन समरोह का बहिष्कार
19 विपक्षीय दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का एलान किया है। इन पार्टियों में कांग्रेस, डीएमके, आम आदमी पार्टी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), समाजवादी पार्टी, भाकपा, झामुओ, केरल कांग्रेस, विदुथलाई चिरुथिगल कच्ची, रालोद, टीएमसी, जदयू, एनसीपी, सीपीआई (एम), आरजेडी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, नेशनल कॉन्फ्रेंस, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और मरुमलार्ची द्रविड़ मुन्नोत्र कड़गम शामिल हैं।

एनडीए ने साधा निशाना
इसके अलावा बीजेपी को समर्थन देने वाले संगठन एनडीए ने कहा कि नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के राजनीतिक दलों के फैसले की निंदा करता है। एनडीए के बयान में कहा गया कि यह फैसला हमारे राष्ट्र के लोकतांत्रिक लोकाचार और संवैधानिक मूल्यों का घोर अपमान है। एनडीए ने कहा, ‘संसद के प्रति इस तरह का अनादर बौद्धिक दिवालिएपन को दर्शाता है। साथ ही लोकतंत्र के सार के लिए परेशानी करने वाली अवमानना है।’

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