अंतर्राज्यीय ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के दो सदस्य पुलिस ने पकडे़
उज्जैन,08 फरवरी (इ खबर टुडे/ब्रजेश परमार )। लोगों से ऑनलाइन ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह के दो सदस्यों को उज्जैन पुलिस की सायबर टीम ने पकड़ा है। एएसपी अमरेन्द्र सिंह ने बताया कि पिछले लंबे समय से शहर के अलग-अलग थानों में ऑनलाइन ठगी की शिकायतें दर्ज हो रही थीं। ठगी के सभी मामलों में बदमाशों का तरीका मिलता-जुलता था।
बदमाशों द्वारा लोगों के मोबाइल कॉल कर ओटीपी नंबर के जरिये खातों से रुपये निकाल लिये जाते थे। टीम ने ठगी करने वाले गिरोह की लोकेशन ट्रेस करने के बाद मेरठ, गाजियाबाद व दिल्ली आदि अलग-अलग शहरों में रहने वाले गिरोह के सदस्यों की खोज की। इनमें से दो बदमाशों को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उन्होंने एक व्यक्ति से ऑनलाइन 2 लाख 20 हजार रुपये की धोखाधड़ी करना कबूला है। एएसपी सिंह के अनुसार पकड़ाये बदमाशों के साथियों की तलाश की जा रही है।
हाल ही में की गई ठगी-
श्री सिंह ने बताया कि शुक्रवार 05 फरवरी को फरियादी बैंक मैनेजर बैंक ऑफ इंडिया ने थाना नागझिरी पर रिपोर्ट कि थी कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा रूकमणी मारूती शोरूम मैनेजर के नाम से कॉल कर रुकमणी मोटर्स के खाता की जानकारी लेकर वाहन क्रय करने के नाम पर अन्य खाते में रूकमणी मोटर्स के खाते से 270000/- रूपये का आरटीजीएस करवाया। रूकमणी मोटर्स से जानकारी लेने पर उनके द्वारा इस प्रकार की किसी भी आरटीजीएस से इंकार किया। अज्ञात व्यक्ति द्वारा फोन कर ऑनलाईन धोखाधड़ी करने से थाना नागझिरी पर अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध अपराध क्रमांक 186/2019 धारा 420 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान अज्ञात खाताधारक की जानकारी लेते उक्त खाता जिसमें बैक ऑफ इंडिया से आरटीजीएस कराया गया था।
अज्ञात आरोपियों की पतारसी एवं गिरफ्तारी हेतु एक टीम मेरठ रवाना की गई। जहां संबंधित बैंक से आरोपी की जानकारी प्राप्त करते टीम द्वारा आरोपी के निवास स्थान रामबाग कॉलोनी रोशनपुर डोरली मेरठ उत्तर प्रदेश पर दबिश देते उसे अभिरक्षा में लिया जाकर पुछताछ करते उसके द्वारा एक अन्य आरोपी के साथ मिलकर उक्त अपराध घटित करना बताया ।टीम द्वारा गाजियाबाद जाकर अन्य आरोपी को भी अभिरक्षा में लिया जाकर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया तथा दोनो अरोपियो को अपराध सदर में आरोपी होने से उज्जैन लाया गया।
पुछताछ के दौरान आरोपीगणो द्वारा बताया गया कि वे लोग किसी फर्म या व्यक्ति का मोबाईल नं. मास्क कर लेते है जिससे उनके द्वारा जिस व्यक्ति के साथ धोखाधडी करनी होती है उसके मोबाईल के ट्रू – कॉलर पर उक्त फर्म या चाहे गये व्यक्ति का नाम आता है जिस व्यक्ति के साथ धोखाधडी की जाना है उसे यह विश्वास हो जाता है कि true- कॉलर पर आया नाम वाला ही बात कर रहा है। इस प्रकार धोखाधडी आसानी से हो जाती है। अपराध सदर में आरोपीगणो से पुछताछ कर प्रकरण का मश्रुका जप्त किया जायेगा तथा आरोपीगणो से इस प्रकार किये गये अन्य ऑनलाईन धोखाधडी के अपराधो के संबंध में पुछताछ की जावेगी।