May 20, 2024

Ramayan Postage Stamp : फिलैटेलिस्ट शैलेन्द्र निगम के डाक टिकट संग्रह में समाई है दशहरे से दीवाली तक पूरी रामायण

Shailendra Nigam

रतलाम,05 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। भारत के सबसे बडे त्यौहार दीपावली की शुरुआत नवरात्रि के साथ हो चुकी है और आज दशहरा अर्थात विजयादशमी का पर्व रावण दहन के साथ मनाया जा रहा है। डाक टिकटों में भी दशहरे से दीपावली तक पूरी रामायण समाई हुई है। सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया के दूसरे देशों ने भी रामायण पर आधारित डाक टिकट प्रकाशित कर प्रभु श्री राम के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की है।

रतलाम के डाक टिकट संग्राहक फिलेटैलिस्ट शैलेन्द्र निगम के संग्रह में दशहरा और रामायण पर आधारित टिकटों का पूरा कलेक्शन मौजूद है,जो उन्होने इ खबर टुडे के माध्यम से साझा किया है।

मैसूर का दशहरा देश ही नहीं विदेशों तक प्रसिद्ध है। भारतीय डाक विभाग ने मैसूर दशहरा पर आधारित डाक टिकट वर्ष 2008 में प्रकाशित किया था,जो कि पांच रु. मूल्य का था। इस टिकट में मैसूर दशहरे की झलक दिखलाई गई है। इसी तरह दशहरे के मौके पर रावण के दस सिरों वाला एक डाक टिकट भी प्रकाशित किया गया है,जो दो रु.मूल्य का है। इस टिकट में रावण के दस सिर दिखाए गए है। ये सभी टिकट श्री निगम के संग्रह में मौजूद है।

डाक टिकटों में है पूरी रामायण

भारतीय डाक विभाग ने पांच दशक पूर्व 14 अक्टूबर 1970 वाल्मिकी रामायण और रामचारित मानस पर आधारित डाक टिकट प्रकाशित किए थे। एक डाक टिकट में रामायण के रचियता महर्षि वाल्मिकी को रामायण की रचना करते हुए दिखाया गया है। इस टिकट का मूल्य 20 पैसे का था ,जबकि रामचरित मानस पर आधारित टिकट में मानस की एक चौपाई दिखाई गई है। यह टिकट पच्चीस पैसे मूल्य का था। भारत ही नहीं विदेशों में भी रामायण को महत्व दिया गया है। इण्डोनेशिया में प्रकाशित एक डाक टिकट पर भगवान राम को सीता माता के आग्रह पर स्वर्णमृग पर तीर चलाते हुए दर्शाया गया है।

First Day Cancellation

भारतीय डाक विभाग ने 22 सितम्बर 2017 को डाक टिकटों की पूरी रामायण सीरीज भी प्रकाशित की है। इस सीरीज में पूरी रामायण को ग्यारह डाक टिकटों में दर्शाया गया है। इन डाक टिकटों में सीता स्वयंवर के समय भगïवान राम द्वारा शिव धनुष तोडा जाना,श्री राम को चौदह वर्ष के वनवास की आज्ञा,भरत द्वारा प्रभु की खडाउ लेकर राज्य चलाने की घोषणा करना,केवट प्रसंग,सीता हरण और जटायु प्रसंग,शबरी के जूठे बैर खाना,अशोक वाटिका में सीता माता से हनुमान की भेंट,लक्ष्मण को शक्ति लगना और हनुमान द्वारा संजीवनी वटी लाना,रावण वध और अंत में अयोध्या में रामजानकी का सिंहासन पर बैठने तक के प्रसंग दर्शाए गए है। इनमें से दस टिकट पांच रु. मूल्य के है,जबकि भगवान राम और सीता का सिंहासनारुढ चित्र वाला टिकट 15 रु. का है। यह डाक टिकट अन्य टिकटों से दुगुने आकार का है। श्री निगम के संग्रह में यह पूरी सीरीज,इसका फस्र्ट डे कवर (प्रथम दिवस आवरण) और फस्र्ट डे कैन्सलेशन( प्रथम दिवस विरुपण भी उपलब्ध है। भारतीय डाक विभाग ने रामायण सीरीज के कवर पर रामायण की रचना करते महर्षि वाल्मिकी को दर्शाया है।

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