शास्त्र के शस्त्र से ही बच सकते हैं “लव जिहाद” से,
वैदेही कोठारी
कहते है, फिल्में समाज का आइना होती है। वर्तमान समय में जो समाज में चल रहा होता है, वही फिल्म की स्टोरी बनती है। ऐसी ही अभी रिलीज हुई “केरला स्टोरी” फिल्म। यह फिल्म हमारे समाज में हो रहे “लव जेहाद षड्यंत्र ” की भयावह तस्वीर दिखा रही है. आज किस तरह से नव युवतियों को अपने षड्यंत्र में फंसा कर उनको आतंक की ओर ले जा रही है। आईसिस किस तरह से अपना जाल फैला रही है ? यह इस फिल्म में बहुत ही अच्छी तरह से दिखाया गया है। आइसिस अपना जाल सबसे पहले प्यार से, फिर लालच से, धर्म से, अगर इससे भी ना फंसे तो फिर डरा कर धमका कर अपने जाल में फंसा लेती है, फिर अपने गिरोह में शामिल कर लेते है। आइसिस वाले अधिकतकर उन्ही युवतियों को अपने जाल में फसाते हैं, जो शहर में अपने सपने साकार करने आए होते हैं। यह बहुत ही व्यवहारिक सज्जन भोले बन कर आपसे दोस्ती करेंगे, आपको हर तरह से अपनी बातों से विश्वास दिला देंगे कि आप ही सबसे अच्छे हितेषी दोस्त हैं | आप उन्हें अपना दोस्त मान बैठते है। लेकिन वह तो आप को बर्बाद करने के मकसद से दोस्ती करते हैं। जब आपके जीवन के सुनहरे भविष्य बनाने का समय होता है। तभी ऐसे लोग आपके जीवन में प्रवेश करते हैं, आप भी झूठेेे प्यार मोहब्बत में अपना सुनहरा भविष्य दाव पर लगा देते है। किस तरह उन तीनो लडकियों के सुनहरे भविष्य को आईसिस आग लगा देता है ? किस तरह वे तीनो उनके झांसे में आकर अपनी जिंदगी बर्बाद कर दती है? इस फिल्म में बखुबी दिखाया गया है। आजकल की युवतियां घर से बाहर पढने जाती हैं, कई युवतिया हॉस्टल लाइफ को इंजाय करना चाहती हैं। वह जिस उद्देश्य से शहर आती है,वह भूल जाती है | ऐसी ही युवतियां आतंक व लव जिहाद की शिकार बनती हैं। मां पिता कितने अरमानों के साथ बच्चों को बाहर पढाई करने के लिए भेजते है। किंतु अधिकतर बच्चे अपना जीवन फुल मस्ती और गलत संगत में पड कर अपना जीवन बर्बाद कर लेते है।
केरल स्टोरी फिल्म में एक केरेक्टर बार बार अपने धर्म का अनुसरण करती है। साथ वाली लडकियां उससे प्रभावित हो जाती है। वह अपने धर्म की पूरी जानकारी रखती है। वह अपने धर्म को सर्वश्रेष्ठ बताती है। साथ ही वह अपना धर्म कर्मकांड उन लडकियों को भी करने को कहती है। धीरे धीरे अपने धर्म का ज्ञान तीनो लडकियों देने लगती है। वह भगवान के कर्मकांड शास्त्रों पर तरह तरह की बातें करती है। जैसे ही वे लड्कियां उसकी बातों में आती है, वह हिजाब पहनने के लिए भी प्रेरित करने लगती । वह उनको फुल हॉस्टल लाइफ इंजाय कराती है, नाइट पार्टी में ड्रग नशा ब्वायफ्रेड के साथ मज़ा । उनके ब्वायफ्रेंड भी जेहादी आतंकी ही होते है। धीरे धीरे आइसिस उनको धर्म के साथ साथ ड्रग का भी डोज देने में सफल हो जाते है। कुछ महिने बहुत ही सुन्दर सपने जैसे गुजरते हैं |
आजकल की युवतियां कब ऐसे गिरोह में फस जाती है। उन्हैं खुद पता नही चलता। क्योंकि उनकी आंखो पर झुठे प्यार मोहब्बत का चश्मा इस कदर लगा होता है, कि जो वह बोलेंगे वही सच लगेगा,परिवार वाले तो उनको दुश्मन लगने लगते हैं । ऐसे जेहादी आशिक जल्द से जल्द शादी करना चाहते है। आपको लगता है,शादी कर रहा है, तो हमारा सच्चा प्यार है। शादी प्यार की मंजिल होती है। यह घर परिवार से दूर कर देते हैं | शादी के बाद तकलिफों का पहाड टूटता है | उनका जीवन सरीया दीन के अनुसार चलाया जाने लगता है। बलात्कार, शारीरिक मानसिक प्रताड़ना परिवार से पूरी तरह दूरी बना देते है।
कहते हैं- जब पेड से कोई डाली टूटती है, तो वह सूख कर जलने के लिए हो जाती है। इसी तरह हमारी भारतीय संस्कृति संस्कार वेद पुराण को हम जिस तरह आज छोडते जा रहे है। हमारे संस्कारों से दूर हो रहे हैं। उसका नतीजा यही होगा। आज हमारी हिंदू संस्कृति शास्त्रों का ज्ञान हमारे बच्चों को नही होता है। ऐसी स्थिति में आपको कोई भी झूठ फरेब से अपने धर्म की ओर आकर्षित कर सकता है । क्योंकि आपको आपके धर्म शास्त्रों का ज्ञान तो हे ही नही। ऐसे में आप आराम से किसी भी गलत संगत, गलत धर्म के प्रभाव में आसानी से आ जाएगें । आजकल माता पिता बच्चो को सिर्फ व्यवसायिक शिक्षा देने में लगे है। हमारी संस्कृति, हमारे वेद- पुराणों की शिक्षा तो हम बच्चो को देना ही भूलते जा रहे है। इसके विपरित दूसरे समाज के लोग धर्म का ज्ञान बचपन से ही बच्चों को दे रहे है। लेकिन दुर्भाग्य की बात है। कि हिंदू धर्म शास्त्र वेद पुराण वेज्ञानिक तार्किक होते हुए भी, हम अवमानना कर रहे है। आज हम हमारी ही जड़ से दूर होते जा रहे है। जबकि हमारे वेद पुराण और शास्त्र हर व्यक्ति को इतने सशक्त मानसिक व बौध्दिक रूप से कर सकते है, कि मरने के बाद हमारे साथ क्या होगा, यह सोचने का मुद्दा ही नही आता।