Preventive Order :कोविड-सैंपल पॉजिटिव आने पर पूरा परिवार होगा 7 दिन क्वॉरेंटाइन,निजी अस्पताल बिना अनुमति के नहीं कर सकेंगे उपचार
रतलाम 05 जनवरी(इ खबर टुडे)। कोरोना के बढ़ते मामलो को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा कई प्रतिबंधात्मक कदम उठाये जा रहे है। अब यदि किसी व्यक्ति का सेम्पल कोरोना पॉजिटिव आएगा तो उसके पुरे परिवार को सात दिनों तक क्वारंटीन किया जायेगा। इसी के साथ जिले के समस्त को आदेश दिया गया है कि वे किसी भी कोरोना संक्रमित व्यक्ति का उपचार कलेक्टर की अनुमति के बगैर नहीं करेंगे। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी कुमार पुरुषोत्तम ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए इस आशय के प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये है।
जारी किए गए एक आदेश में कहा गया है कि किसी व्यक्ति के कोविड-19 सैंपल पॉजिटिव आने पर पूरे परिवार को 7 दिनों तक क्वॉरेंटाइन किया जाएगा। आदेश में कहा गया है कि जिले की राजस्व सीमा में सभी सेवा प्रदाता संस्थानों के संचालक एवं निजी संस्थानों में कार्यरत व्यक्ति अनिवार्य रूप से मास्क का उपयोग करेंगे तथा आने वाले व्यक्तियों, ग्राहकों को मास्क हेतु प्रेरित करेंगे। समस्त दुकानदार, फल, सब्जी विक्रेता, ठेला गाड़ी, फुटकर विक्रेता अनिवार्य रूप से मास्क का उपयोग करेंगे। समस्त रहवासी मास्क का उपयोग करेंगे तथा संक्रमण से बचने के लिए भीड़भाड़ से दूर रहेंगे।
जिले के संपूर्ण नगरीय क्षेत्रों में कोविड-19 के प्रोटोकाल जैसे फेस मास्क, सेनीटाइजर, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा, मास्क का उपयोग नहीं करने वालों पर नियमानुसार जुर्माना वसूली की कार्रवाई की जाएगी। आदेश के उल्लंघन पर भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 तथा आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा के तहत कार्रवाई की जाएगी।
प्राइवेट अस्पताल बगैर कलेक्टर की अनुमति के कोविड-मरीजों का उपचार नहीं कर सकेंगे
कलेक्टर द्वारा जारी किए गए एक अन्य आदेश के अनुसार जो चिकित्सालय अधिकृत होंगे उनको सेवा शुल्क की सूची सहज दृश्य स्थान पर प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। शासन द्वारा निर्धारित दर से अधिक राशि नहीं लेंगे, निर्धारित प्रपत्र में जिला कलेक्टर से ऑथराइजेशन प्राप्त करना होगा। अधिकृत चिकित्सालय रोगियों को दक्ष चिकित्सकों तथा स्टाफ के माध्यम से आवश्यक वैधानिक एवं उपचारात्मक गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करना अनिवार्य होगा।
अधिकृत चिकित्सालयों को सार्थक पोर्टल पर दिए गए लॉग इन आईडी से कोविड-19 के भर्ती मरीजों की जानकारी को प्रतिदिन अपलोड करना अनिवार्य होगा। आदेश के उल्लंघन पर भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 तथा आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा के तहत कार्रवाई की जाएगी।