Amit Shah : गलती पर किसी को माफ नहीं किया जाना चाहिए, अदाणी मामले में पहली बार बोले अमित शाह
नई दिल्ली,18मार्च(इ खबर टुडे)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अदाणी-हिंडनबर्ग विवाद की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की विपक्ष की मांग पर शुक्रवार को अपनी चुप्पी तोड़ी। एक कार्यक्रम में बोलते हुए शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही मामले का संज्ञान लिया है और एक जांच समिति का गठन किया है।
अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से गौतम अदाणी के नेतृत्व वाले समूह के खिलाफ धोखाधड़ी लेनदेन और शेयर मूल्य में हेरफेर सहित कई आरोप लगाए जाने के बाद अदाणी समूह के शेयरों में गिरावट आई थी, हालांकि समूह ने अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा बताते हुए खारिज कर दिया था। इस मामले में अदाणी समूह ने कहा है कि वह सभी कानूनों और नियामकीय जरूरतों का पालन करता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘हमारी सरकार को इस मामले में कोई भ्रम नहीं है। हमारा कहना है कि उच्चतम न्यायालय ने इसकी जांच के लिए एक समिति गठित की है और लोगों को न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा करना चाहिए।’
शाह ने कहा कि अगर किसी के पास सबूत है तो उसे उच्चतम न्यायालय की समिति के समक्ष पेश करना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि अगर कुछ गलत हुआ है तो किसी को भी बख्शा नहीं जाना चाहिए और सभी को न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘फिर भी, अगर आपको लगता है कि रिपोर्ट सही नहीं है, तो किसी को इस मामले को उठाना चाहिए या इसका विरोध करना चाहिए। सेबी और उच्चतम न्यायालय दोनों समानांतर जांच करेंगे और सेबी पहले ही उच्चतम न्यायालय को बता चुका है कि वह मामले की जांच कर रहा है। शाह ने कहा कि अगर विपक्ष बातचीत के लिए आता है तो संसद में मौजूदा गतिरोध को दूर किया जा सकता है और अगर विपक्ष दो कदम आगे बढ़ता है तो सरकार भी ‘दो कदम आगे’ बढ़ेगी।
शाह ने यह भी कहा कि कुछ मुद्दे राजनीति से ऊपर हैं और यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी विदेशी जमीन पर घरेलू राजनीति पर चर्चा करने से इनकार कर दिया था।