UPI Payment Free : यूपीआई पेमेंट पर नहीं लगेगा कोई एक्स्ट्रा चार्ज;एनपीसीआई ने साफ की स्थिति, कहा- यह मुफ्त और सुरक्षित बना रहेगा
नई दिल्ली 29 मार्च(इ खबर टुडे)। यूपीआई पेमेंट पर 1 अप्रैल से लगने वाले एक्स्ट्रा चार्ज लगाए जाने की खबरे वायरल होने के बाद भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने रिलीज जारी कर स्थिति साफ कर दी है कि आम ग्राहकों के लिए, जो खातों से खातों में लेनदेन करेंगे उनके लिए यूपीआई मुफ्त बना रहेगा। यूपीआई पेमेंट पर चार्ज लगाए जाने की खबर भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा हाल ही में जारी एक सर्कुलर की वजह से फैली थी जिसमे एनपीसीआई ने सलाह दी है कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) पर होने वाले प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (पीपीआई) पर शुल्क लागू किया जाए। इसी सर्कुलर के चलते इ खबर टुडे सहित कई समाचार माध्यमों ने यूपीआई पेमेंट पर चार्ज लगने की खबर जारी कर दी थी। लेकिन अब ये पूरी तरह साफ़ हो गया है कि यूपीआई पेमेंट पूरी तरह मुफ्त और सुरक्षित रहेंगे।
पीपीआई के तहत होने वाले 2000 से अधिक के लेन-देन पर देना होगा चार्ज
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यूपीआई का संचालन करने वाली संस्था एनसीपीआई ने अपने सर्कुलर में कहा कि 2,000 रुपये से अधिक की राशि के लिए यूपीआई पर पीपीआई का उपयोग करने से लेनदेन मूल्य का 1.1 प्रतिशत शुल्क के रूप में देना पड़ेगा। इंटरचेंज शुल्क आमतौर पर कार्ड भुगतान से जुड़ा होता है और लेनदेन को स्वीकार करने, संसाधित करने और अधिकृत करने की लागत को कवर करने के लिए लगाया जाता है। हालांकि मीडिया में यूपीआई पर शुल्क लगने की खबर के बाद एनपीसीआई ने स्थिति साफ करते हुए कहा है कि यूपीआई के तहत 99.9% लेन-देन एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते के लिए होते हैं। ऐसे लेन-देन प्रस्तावित शुल्क से प्रभावित नहीं होंगे। आम ग्राहकों को किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना पड़ेगा।
पीपीआई से लेन-देन पर 0.5 प्रतिशत से 1.1 प्रतिशत तक चुकाना पड़ सकता है शुल्क
पीपीआई के तहत होने वोले मर्चेंट टू मर्चेंट लेन-देन पर 0.5-1.1 प्रतिशत तक शुल्क वसूले जाने का प्रस्ताव दिया गया है। जिसमें ईंधन के लिए इंटरचेंज 0.5 प्रतिशत, दूरसंचार, उपयोगिताओं/ डाकघर, शिक्षा, कृषि के लिए 0.7 प्रतिशत, सुपरमार्केट के लिए 0.9 प्रतिशत और म्यूचुअल फंड, सरकार, बीमा और रेलवे के लिए 1 प्रतिशत चार्ज लग सकता है।। ये शुल्क 1 अप्रैल, 2023 से लागू होंगे। एनपीसीआई के सर्कुलर में कहा गया है कि 30 सितंबर, 2023 को या उससे पहले वह घोषित मूल्य निर्धारण की समीक्षा करेगा।
एनपीसीआई के सर्कुलर से संकेत मिल रहे हैं कि एक अप्रैल से यूपीआई भुगतान यानी गूगल पे, फोन पे और पेटीएम के माध्यम से अगर पीपीआई का इस्तेमाल करते हुए 2,000 रुपये से ज्यादा का भुगतान किया गया तो इसके लिए आपको अतिरिक्त शुल्क चुकाना पड़ सकता है। हालांकि ऐसे लेनदेन फिलहाल यूपीआई के तहत होने वाले कुल लेन-देन के महज 0.1 प्रतिशत ही हैं, ऐसे में आम ग्राहकों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। बता दें कि पिछले कुछ महीनों में सरकार की ओर से भी कई बार इस बात के संकेत दिए गए थे कि यूपीआई मुफ्त बना रहेगा। यूपीआई से भुगतान भारतीय अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण में अहम भूमिका निभा रहा है। ऐसे में यूपीआई लेनदन पर शुल्क लगने से इस पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
2022-23 में यूपीआई के जरिए 125 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ
पिछले हफ्ते ही केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने संसद में बताया है कि वित्तीय वषर्र 2022-23 में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए 125 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ है। इस दौरान 95 हजार से ज्यादा लोग धोखाधड़ी के शिकार भी हुए हैं। चिंता की बात ये है कि धोखाधड़ी के शिकार होने वालों की संख्या पिछले तीन साल से बढ़ती जा रही है। आंकड़े बताते हैं कि 2020-21 में 77 हजार और 2021-22 में 84 हजार लोग यूपीआई से लेनदेन के दौरान धोखाधड़ी के शिकार हुए थे। मंत्रालय ने कहा कि भारतीय डिजिटल भुगतान प्रणाली को भी वैश्विक स्वीकृति मिली है। सिंगापुर, यूएई, मॉरीशस, नेपाल और भूटान जैसे देशों ने भी इसे अपना लिया है।
एनपीसीआई ने रिलीज जारी कर कहा- यूपीआई मुफ्त, तेज और सुरक्षित बना रहेगा
यूपीआई लेनदेन पर 1 अप्रैल से शुल्क लगने की खबर पर एनपीसीआई ने बुधवार को रिलीज जारी कर स्थिति साफ की है। एनपीसीआई ने बुधवार को जारी रिलीज में कहा है कि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) मुफ्त, तेज, सुरक्षित और निर्बाध बना रहेगा। इसके माध्यम से हर महीने बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स और कारोबारियों के लिए 8 अरब रुपये से अधिक लेन-देन बिल्कुल मुफ्त में किए जाते हैं। PPI चार्ज वसूला जाएगा। प्रेस रिलीज में कहा गया है कि ग्राहक और मर्चेंट के बीच किया गया बैंक अकाउंट से बैंक अकाउंट ट्रांजैक्शन बिल्कुल फ्री बना रहेगा।
क्या होता है पीपीआई जिसपर लगेगा शुल्क?
पीपीआई एक ऐसा वित्तीय उपकरण है, जिसमें आप पहले से पैसे डालकर भविष्य में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इस स्टोर किए गए पैसे से वस्तु और सेवाएं खरीदी जा सकती हैं। पीपीआई से दोस्त या रिश्तेदार, आदि को पैसे भी भेजे जा सकते हैं। फिलहाल अभी देश में तीन प्रकार के पीपीआई काम कर रहे हैं। ये हैं सेमी क्लोज्ड सिस्टम पीपीआई, क्लोज्ड सिस्टम पीपीआई और ओपन सिस्टम पीपीआई। पीपीआई को कार्ड और मोबाइल वॉलेट के रूप में जारी किया जा सकता है। देश में पेमेंट वॉलेट की सुविधा मुहैया कराने वाली प्रमुख कंपनियां जैसे पेटीएम, फोनपे और गूगल पे जैसी कंपनियां इस तरह के पीपीआई से जुड़ी सेवाएं मुहैया कराती हैं।
कहां से मिलता है पीपीआई कार्ड?
पीपीआई को बैंक और गैर-बैंकिंग इकाइयां जारी करती हैं। आरबीआई प्रावधानों के अनुसार पीपीआई में पैसे भरे जा सकते हैं और इसे कार्ड या इलेक्ट्रानिक रूप में जारी किया जा सकता है। इसे बैंक खातों में पड़े पैसे रिचार्ज किया जा सकेगा। इस पीपीआई का उपयोग वस्तु और सेवाओं की खरीद में किया जा सकेगा। बचे हुए पैसे को को फिर से खाते में ट्रांसफर नहीं किया जा सकेगा।