November 18, 2024

मौसमी संक्रमण की चपेट में नौनिहाल, जेपी अस्पताल में दो दिन में 20 से अधिक बच्चे भर्ती, इनमें 70 % निमोनिया से पीड़ित

भोपाल,19 अक्टूबर (इ खबरटुडे)।राजधानी में बदलते मौसम के साथ वायरल संक्रमण के बाद अब बच्चों में निमोनिया का खतरा भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही हैं। अभी तक जो सर्दी-खांसी बच्चों में तीन-चार दिन में ठीक हो जानी चाहिए, वह दो हफ्ते तक खांसते-खांसते उन्हें बेदम किए दे रही है।

हफ्तेभर में ठीक हो जाने वाला संक्रमण अब पखवाड़े भर का मरीज बना रहा है। निमोनिया की चपेट में बड़ी संख्या में बच्चे आ रहे हैं। जेपी और हमीदिया अस्पताल की ओपीडी में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

जेपी अस्पताल की ओपीडी पिछले एक सप्ताह से दो हजार पहुंच रही है। जबकि, हमीदिया अस्पताल का आंकड़ा तीन हजार के करीब है। जिला अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन औसतन एक दर्जन मरीज निमोनिया के आ रहे हैं। इनमें से कुछ को भर्ती करना पड़ रहा है। डाक्टर मौसम में आए बदलाव के साथ लोगों को जीवनशैली में बदलाव करने की सलाह दे रहे हैं। जेपी अस्पताल में बीते दो दिन में 20 से अधिक बच्चे भर्ती हुए हैं, इसमें से 70 प्रतिशत बच्चे निमोनिया से पीड़ित है। हमीदिया में निमोनिया से पीड़ित बच्चों की भरमार है, जिनको मानीटरिंग के लिए डाक्टरों की टीम लगी हुई है।

दो महीने से लेकर पांच साल तक के बच्चे ज्यादा प्रभावित
डाक्टरों के मुताबिक शहर में निमोनिया दो महीनों से लेकर पांच साल तक के बच्चों में फैल रहा है। किसी के खांसने या छींकने पर बैक्टीरिया या वायरस बूंदों के साथ हवा में फैल रहे हैं। पीड़ित द्वारा किसी वस्तु को छूने और फिर उनके मुंह या नाक को छूने से भी निमोनिया हो रहा है। इससे बचने की जरूरत है।

जेपी के बच्चा वार्ड में बेड बढ़े
हमीदिया के पीआइसीयू में करीब 26 गंभीर निमोनिया के बच्चों का उपचार चल रहा है। वहीं अति गंभीर निमोनिया के छह बच्चे वेंटिलेटर पर हैं। जबकि एसएनसीयू में वेंटिलेटर पर करीब 7 बच्चे हैं। इधर, जेपी में बच्चों के लिए आरक्षित 25 बेड को बढ़ाकर 40 कर दिया गया है। सभी बेड 15 दिन से फुल हैं। ओपीडी भी 70 से बढ़कर 150 के पार पहुंच गई है। जिसमें 70 फीसदी के करीब बच्चे वायरल निमोनिया के हैं। अभी आइसीयू में 14 गंभीर निमोनिया के बच्चे भर्ती हैं। इसमें से चार वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं।

जेपी अस्पताल में पीआइसीयू के एसी बंद
जेपी अस्पताल के पीआइसीयू (पीकू) के एसी महीनों से बंद हैं। इसके कारण पीकू में भर्ती होने वाले बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एसी बंद होने से आइसीयू में काफी गर्मी हो रही है, जिसके कारण वार्ड में आपस में बच्चों में संक्रमण फैलने का डर बना हुआ है। हैरानी की बात यह है कि यह एसी यूनिट दो माह से खराब पड़ी हुई है। शिकायतों के बाद भी इसमें कोई सुधार कराने को तैयार नहीं है।

इनका कहना है
सर्वाधिक मामले बच्चों में वायरल संक्रमण और निमोनिया के हैं। बच्चों की ओपीडी 70 से बढ़कर 150 के पार पहुंच गई है। दो माह से पांच साल तक के बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। यह सीजनल बीमारी है। अभिभावकों को सावधानी बरतनी चाहिए।

  • डा. विजय पाटीदार, शिशु रोग विशेषज्ञ, जेपी अस्पताल
    बदलते मौसम में सतर्क रहें। ज्यादा बुखार आने पर तुरंत बच्चों को नजदीक के चिकित्सकों को दिखाएं। गले में खराश, जुकाम, बदन दर्द और बुखार के मामले भी बढ़े हैं। इधर, हमीदिया के पीआइसीयू में निमोनिया के अतिगंभीर बच्चों को मैनेज करने का प्रयास किया जा रहा है।
  • डा. राजेश टिक्कस, शिशु रोग विशेषज्ञ, हमीदिया अस्पताल, भोपाल

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