MP CG में आयकर की बल्ले-बल्ले, 30 हजार से अधिक को नोटिस
भोपाल,08 नवंबर (इ खबरटुडे)। नोटबंदी के साइड अफेक्ट राजनीति और समाज में भले ही कुछ भी रहे हों लेकिन मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में आयकर विभाग कुल मिलाकर फायदे में रहा। एक झटके में ही साढ़े तीन लाख से अधिक करदाता बढ़ गए। अब ‘ऑपरेशन क्लीन मनी” पर आयकर ने अपना फोकस किया है।
जून एवं सितंबर के एडवांस टैक्स की तिमाही में राजस्व बढ़ने के स्पष्ट संकेत हैं। कालाधन स्वीकारो योजना में भी करीब 2600 करोड़ रुपए का खुलासा दोनों राज्यों में हुआ है। बेनामी संपत्ति अधिनियम के तहत करोड़ों रुपए की संपत्ति सामने आ चुकी है।
आयकर विभाग पिछले कई वर्षों से अपने टैक्स का दायरा बढ़ाने में जुटा था लेकिन जो काम नोटबंदी ने किया वैसा पहले कभी नहीं हुआ। जनवरी से मार्च 2017 के बीच दोनों राज्यों में करीब 17 से 20 फीसदी नए करदाता (असेसी) जुड़ गए। विभाग ने दोनों राज्यों में करीब 30 हजार से ज्यादा ऐसे नव धनाढ्यों को नोटिस थमाए हैं।
काली कमाई वालों में दिखी हड़बड़ी
सूत्रों का कहना है कि नोटबंदी के बाद सबसे ज्यादा हड़बड़ी उन लोगों ने दिखाई जिन्हें अपना काली कमाई को सफेद करने की चिंता सता रही थी। नोटबंदी के पहले 2015-16 वित्त वर्ष में ऐसे अमीर जिन्होंने विभाग को आयकर विवरण देने की जहमत भी नहीं उठाई थी वे जनवरी से मार्च 17 के बीच अचानक दोनों वर्षों का रिटर्न दाखिल करने जा पहुंचे। ऐसे लोगों की संख्या हजारों में हैं, छोटे-छोटे कस्बे और दूरस्थ जिलों से ऐसे हजारों धन्नासेठ सामने आ गए जिन्होंने अपने कारोबार में पहली बार करोड़ों की जमा पूंजी दिखाई है। बैंकों में हजारों नए खाते खुले और अरबों रुपए जमा हो गए।
सवा करोड़ पैन नंबर
आयकर अफसरों का कहना है कि मार्च 2016 में देश में साढ़े तीन करोड़ लोगों के पास पैन नंबर था लेकिन एक साल में ही पैन नंबर की संख्या बढ़कर 33 करोड़ तक जा पहुंची।
नोटबंदी के साइड इफेक्ट
22 हजार 173 करोड़ रुपए- टैक्स वसूली टॉरगेट
23 लाख 50 हजार-करदाताओं की संख्या
3 लाख 50 हजार-नोटबंदी के बाद करदाता जुड़े
1 करोड़ 25 लाख- पैन नंबर जारी, मप्र-छग
2600 करोड़ रुपए- आईडीएस में कालेधन का खुलासा
30 हजार -धन्नासेठों को थमाए नोटिस
बढ़ी विभाग की टैक्स वसूली
नोटबंदी से काफी लाभ हुआ, आयकर विभाग में नए करदाताओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। बैंकों में भी भारी-भरकम राशि जमा हुई जिससे निश्चित तौर पर विभाग की भी आय बढ़ेगी। – पतंजलि, प्रधान आयुक्त आयकर विभाग भोपाल