MP By Election: 28 सीटों पर खत्म हुआ मतदान, ईवीएम में बंद हुई 355 प्रत्याशियों की किस्मत,शाम 5.30 बजे तक प्रदेश में 66.09 प्रतिशत वोटिंग
भोपाल,03 नवंबर(इ खबर टुडे)। एमपी की 28 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग शाम 6 बजे खत्म हो गई। शाम 5.30 बजे तक प्रदेश में 66.09 प्रतिशत वोटिंग हुई। अंतिम आंकड़े आने के बाद इसमें और इजाफा होने की उम्मीद है। ग्वालियर-चंबल के कुछ हिस्सों को छोड़कर अधिकांश सीटों पर मतदान शांतिपूर्ण हुआ। भिंड के मेहगांव और मुरैना के सुमावली विधानसभा क्षेत्र में फायरिंग और हिंसक घटनाओं की वजह से मतदान में थोड़ा बहुत खलल पड़ा।
भिंड में 2 और सुमावली में कम से कम 6 जगहों पर फायरिंग की सूचना है। कुछ स्थानों पर ईवीएम मशीनों में खराबी की वजह से भी मतदान कुछ देर के लिए बाधित रहा।
कोरोना के बावजूद ज्यादा वोटिंग
मध्य प्रदेश में पहली बार इतनी ज्यादा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। उपचुनावों में आम तौर पर मतदान का आंकड़ा कम होता है। कोरोना के चलते भी इस बार वोटिंग पर असर पड़ने की आशंका थी, लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला। कोरोना के डर पर मतदान का उत्साह भारी पड़ा। सुबह से ही मतदान केंद्रों पर वोटर्स की कतारें देखने को मिलीं और शाम 5 बजे तक पूरे प्रदेश में मतदान का आंकड़ा 60 फीसदी से ज्यादा हो चुका था। शिवपुरी जिले की दोनों सीटों- पोहरी और करैरा तथा आगर विधानसभा में 5 बजे तक 70 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हो चुकी थी।
28 सीटों पर 355 उम्मीदवार
प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों के लिए कुल 355 उम्मीदवार हैं। अधिकांश सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। ग्वालियर-चंबल संभाग की कुछेक सीटों पर बीएसपी और निर्दलीय प्रत्याशियों के चलते त्रिकोणीय मुकाबला है। वोटों की गिनती 10 नवंबर को होगी। इसके बाद ही सभी प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होगा।
शिवराज का लिटमस टेस्ट
मध्य प्रदेश की विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं और बहुमत के लिए 116 सदस्यों का समर्थन चाहिए। वर्तमान में शिवराज सिंह चौहान सरकार यानी बीजेपी के पास 107 विधायक हैं। यानी सत्ता में बने रहने के लिए उसे 9 सीटें जीतनी होंगी। इससे कम सीटें मिलीं तो बीजेपी को अन्य और निर्दलीय विधायकों पर निर्भर रहना होगा।
कांग्रेस के लिए मुश्किल है वापसी की राह
कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस के विधायकों की संख्या महज 87 है। हाल ही में एक कांग्रेस विधायक के इस्तीफे के बाद कुल 29 सीटें खाली हैं और इनमें से 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है। ऐसे में कांग्रेस को सत्ता में वापसी के लिये 28 में से 25 सीटों पर जीत जरूरी है। ऐसा होने पर शिवराज सरकार पलट सकती है।