ज्ञानवापी के व्यासजी तहखाने में मिली थी सबसे अधिक मूर्तिंयां, ASI सर्वे रिपोर्ट में हुआ है अहम खुलासा
वाराणसी,05 फरवरी(इ खबर टुडे)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित व्यासजी तहखाने यानी दक्षिणी दिशा में स्थित तहखाने में पूजा- पाठ शुरू हो गई है। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश के 31 जनवरी के आदेश के बाद इस तहखाने में पूजा- पाठ शुरू कराई गई है। इस तहखाने में 4 दिसंबर 1993 से पहले पूजा- पाठ होती थी। लेकिन, मुलायम सिंह यादव की सरकार ने यहां पूजा- पाठ बंद करा दिया था। तहखाना सील कर दिया गया। इसका स्वामित्व ज्ञानवापी मस्जिद की प्रबंधन समिति अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद को दे दिया गया। अब कोर्ट के आदेश पर रिसीवर वाराणसी डीएम ने वहां पूजा पाठ शुरू कराया है। वहीं, मस्जिद के एएसआई वैज्ञानिक सर्वे में भी व्यासजी तहखाने का जिक्र है। यहां पर एएसआई की टीम ने सबसे अधिक मूर्तियां पाई थी। इसके अलावा कुछ ऐसे साक्ष्य पाए थे, जो यहां वर्षों से पूजा होने के सबूत देते हैं। इस तहखाना में एएसआई की टीम ने सर्वे के दौरान पौराणिक सामग्रियां पाई थी।
ज्ञानवापी एएसआई सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, व्यासजी तहखाने में सबसे अधिक देव प्रतिमाएं, वास्तु शिल्प से जुड़ी कलाकृतियों वाले पत्थर, शिलालेख के साथ अलग- अलग शासकों के समय में जारी सिक्के पाए। व्यासजी के तहखाने में एएसआई की टीम को आठ शिवलिंग मिले थे। परिसर में कुल 259 सामग्रियां मिलीं, इसमें देव प्रतिमा, शिवलिंग, शिलालेख आदि शामिल हैं। 259 सामग्रियों में से पश्चिमी दीवार की तरफ 115 और दक्षिणी तहखाना व्यासजी तहखाने वाले हिस्से में 95 देव प्रतिमाएं वास्तु शिल्प से जुड़ी सामग्रियां मिली हैं। 259 में से 55 देव प्रतिमाएं और शिवलिंग थे। इन 55 देव प्रतिमाओं में से 25 व्यासजी के तहखाने वाले हिस्से में मिले थे।
66 धातु की सामग्रियां और मूर्ति
व्यासजी के तहखाना में मिली मूर्तियों में आठ शिवलिंग, दो विष्णु प्रतिमा, एक मकर, एक भगवान कृष्ण, दो भगवान गणेश, दो हनुमान प्रतिमा, एक द्वारपाल और अन्य हिंदू पौराणिक प्रतिमाएं शामिल हैं। यहां दो टेराकोटा की प्रतिमाएं भी मिली थी। इसके अलावा तक इसी तहखाना में देवी- देवता की संयुक्त एक प्रतिमा और मानव की एक मूर्ति मिली थी। वहां तांबे की 65 सामग्रियां भी पाई गई। व्यासजी तहखाना वाले हिस्से में ही धातु की सामग्रियां भी सबसे अधिक मिली। पूरे परिसर में मिले कुल 113 में से व्यासजी के तहखाना वाले हिस्से में 66 धातु की सामग्रियां पाई गई। इसमें लोहे की एक और तांबे की 65 सामग्रियां हैं।
व्यासजी तहखाने में मिले 64 सिक्के
ज्ञानवापी परिसर में 93 सिक्के मिले। इनमें से 64 सिक्के व्यासजी तहखाना में मिले। ज्ञानवापी परिसर से अलग-अलग शासकों के समय में जारी किए गए 93 सिक्के पाए गए। व्यासजी तहखाने में ईस्ट इंडिया कंपनी के समय के 36, विक्टोरिया क्वाइन 20 और विक्टोरिया इंपीरियर के आठ सिक्के मिले हैं। अन्य हिस्से में मिले सिक्कों में शाह आलम बादशाह द्वितीय, एडवर्ड सप्तम, किंग जॉर्ज षष्टम के काल के आधा आना, आधा पैसा, 12 आना, एक पैसा, दो पैसा, तीन पैसा, पांच पैसा, 10 पैसा, 25 पैसा, दिरहम खलीफा के सिक्के शामिल हैं।