ईरान की धमकी, नतांज़ परमाणु संयंत्र पर ‘इसराइल’ के हमले का बदला लिया जाएगा
ईरान ,12 अप्रैल (इ खबरटुडे)। ईरान के विदेश मंत्री जव्वाद ज़रीफ़ ने कहा है कि उनका देश नतांज़ भूमिगत परमाणु संयंत्र पर हुए हमले का बदला लेगा. ईरान के मुताबिक़ इस हमले के पीछे इसराइल का हाथ था. रविवार को ईरानी अधिकारियों ने बताया था कि नतांज़ यूरेनियम संवर्द्धन संयंत्र ‘परमाणु आंतकवाद’ के निशाने पर आ गया.
हालांकि शुरुआती ख़बरों में कहा गया था कि वहां बिजली की आपूर्ति ठप हुई थी. हाल ही में वहां यूरेनियम संवर्द्धित करने वाले नए आधुनिक सेंट्रीफ़्यूज़ लगाए गए थे.
इसराइल ने आधिकारिक तौर पर तो किसी पर इस हमले का आरोप नहीं मढ़ा है. हालांकि वहां के सरकारी रेडियो ने ख़ुफ़िया सूत्रों के हवाले से दावा किया कि इस घटना के पीछे इसराइली ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद का हाथ था. उसने यह भी बताया कि ईरान ने जितना बताया है उससे कहीं ज़्यादा गंभीर नुक़सान हुआ है.
वहीं अमेरिकी ख़ुफ़िया अधिकारियों ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया है कि नाभिकीय संयंत्र पर एक बड़ा धमाका हुआ. इससे भूमिगत संयंत्र के भीतर स्थापित सेंट्रीफ़्यूज़ों को बिजली पहुँचाने वाला पावर सिस्टम पूरी तरह बर्बाद हो गया. उनका अनुमान है कि इस धमाके के बाद वहां फिर से यूरेनियम का संवर्द्धन शुरू होने में कम से कम नौ महीने लग जाएंगे.
हाल ही में इसराइल ने ईरान को चेताया था कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को दोबारा न शुरू करे. दूसरी ओर अमेरिका में जो बाइडन के सत्ता में आने के बाद उन्होंने ईरान के साथ 2015 में हुए क़रार को फिर से लागू करने की कोशिश शुरू कर दी है. इसके लिए पिछले हफ़्ते वियना में बातचीत भी हुई.
हालांकि ईरान की माँग है कि वह उच्च गुणवत्ता वाले यूरेनियम का संवर्द्धन तभी बंद करेगा जब उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंध ख़त्म कर दिए जाएंगे. उधर अमेरिका पहले परमाणु कार्यक्रमों को रोकने की माँग करता है. वैसे समझौते में अमेरिका के अलावा चीन, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी सहित कुल छह देश शामिल हैं. यूरोपीय संघ इस मामले में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है.