loudspeaker in mosque/ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा: मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाना मौलिक अधिकार नहीं, याचिका खारिज
प्रयागराज, 06मई(इ खबर टुडे)। मस्जिदों व अन्य धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने के योगी सरकार के फैसले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी है। कोर्ट ने मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति मांगने की याचिका को खारिज करने के साथ ही कहा कि मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाना किसी का भी मौलिक अधिकार नहीं है। यह कहते हुए हाईकोर्ट ने बदायूं की नूरी मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति की मांग वाली याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि मस्जिद पर लाउडस्पीकर लगाकर अजान देना किसी का मौलिक अधिकार नहीं है। इसको लेकर बदायूं के एसडीएम ने मस्जिद पर लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति न देने के उचित कारण भी बताए। यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने इरफान की याचिका पर दिया है।
कोर्ट ने बदायूं के बिसौली तहसील में धोरनपुर गांव की नूरी मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाकर अजान देने की अनुमति न देने के आदेश के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है। याची का कहना था कि एसडीएम बिसौली का आदेश अवैध है। इससे याची के मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाकर अजान पढऩे के मूल अधिकारों व कानूनी अधिकार का हनन किया गया है। इसी कारण से एसडीएम का तीन दिसंबर 21 का स्पीकर लगाने की अनुमति न देने का आदेश रद किया जाए। याची ने 20 अगस्त 21 को अर्जी दी थी जिसे एसडीएम ने निरस्त कर दिया है।
निशाने पर राज ठाकरे
उधर, महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर का मुद्दा उठाने वाले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे विरोधियों के निशाने पर हैं। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने राज ठाकरे के मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के आह्वान पर निशाना साधा और कहा कि किसी को भी सरकार के साथ ‘अल्टीमेटम की भाषा’ नहीं बोलनी चाहिए।
पवार ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला महाराष्ट्र में सभी पूजा स्थलों पर लागू होता है, और कहा कि राज्य सरकार कानून और संविधान के अनुसार चलती है। राकांपा के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि अगर कोई कानून तोड़ने की कोशिश करेगा तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष श्री ठाकरे ने पहले राज्य सरकार को 3 मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का अल्टीमेटम दिया था।