
Income tax notice: Millions of taxpayers are on the income tax radar, they will have to pay a 200% penalty.
इनकम टैक्स विभाग टीडीएस ओर टीसीएस में गड़बड़ी को जांच के लिए 16 चरणीय रणनीति तैयार की है। डाटा एनालिटिक्स यूनिट के जांच के लिए पहचान किए गए टैक्सपेयर्स को लंबी फेहरिस्त तैयार की है।
इनकम टैक्स विभाग की तरफ से टैक्स चोरी रोकने के लिए लगातार कई प्रकार के सतर्कता अभियान शुरू किए जा रहे हैं। विभाग करतातों को जागरूक करने के लिए समय-समय पर अभियान भी चल रहा है। इसके बावजूद भी भारी संख्या में गड़बड़ी मिल रही है ।इसी क्रम में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टीडीएस और टीसीएस में गड़बड़ी को व्यापक सत्र पर जांच शुरू कर दी है।
विभाग ने टैक्सपेयर्स की बनाई लिस्ट
इनकम टैक्स की एक रिपोर्ट के अनुसार फाइनेंशियल ईयर 2022-23 और 2023- 24 के समय क्लेम किए गए टैक्स कटौती के आधार पर लाखों करदता की जांच की जाएगी।
टीडीएस फाइलिंग में हो रही गड़बड़ियों को पहचानने के लिए एक व्यापक 16 चरणीय रणनीति तैयार की गई है इसमें डाटा एनालिटिक्स यूनिट के जांच के लिए पहचान किए गए टैक्सपेयर्स की लंबी लिस्ट तैयार की गई है।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने अभी करदाताओं को बड़ा तोहफा दिया है। लेकिन यह छूट अभी से लागू नहीं मानी जाएगी। आयकर में यह छूट ठ अगले वित्त वर्ष 2025- 26 के लिए दी गई है। यह 1 अप्रैल से लागू होगी। परंतु चालू वित्त वर्ष और पिछले साल के मामलों में आयकर विभाग ताबड़तोड़ नोटिस भेज रहा है। आयकर विभाग के नियमों के मुताबिक 200% की पेनल्टी भी देनी होगी।
आयकर विभाग इन दस्तावेजों की जांच कर रहा है
आयकर विभाग फर्जी दस्तावेजों के मामलों पर सख्ती से पेश आ रहा है। आयकर विभाग की नजर में मकान किराए पर लेने की रसीद, सरकारी ड्यूटी के लिए सहायक रखने की रसीद, और होम लोन पर चुकाए ब्याज की रसीद। ऐसी कई फर्जी दस्तावेजों धोखाधड़ी के मामले जांच मैं सामने आए है।
इस प्रकार की धोखाधड़ी पर कितना लगेगा जुर्माना
अगर कोई भी व्यक्ति टैक्स बचाने के लिए संस्था को फर्जी बिल जमा करता है तो यह मामला सीधे तौर पर आए छुपाने का बनता है। ऐसे मामले सीधे तौर पर आय छिपाने के होते हैं। ऐसे मामले में आयकर विभाग जांच करते हैं व आपके बिल की रसीद मांग सकते हैं । और आपको इसकी प्रामाणिकता का प्रमाण भी देना होगा। अगर आप ऐसा करने में असमर्थ होते हैं तो आप पर धारा 270 ए के अनुसार 50% दर से जुर्माना लगाया जा सकता है वहीं अगर कोई जानबूझकर फर्जी बिल जमा करता है तो 200% तक का जुर्माना लगाया जाता है।