High Court Direction : गणेश चतुर्थी पर हुई पुलिस क्रूरता के मामले में हाईकोर्ट ने दिए सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित करने के निर्देश,अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को
रतलाम/इन्दौर,1 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। गणेश चतुर्थी की रात पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज और पुलिस पिटाई में एक युवक की मौत के मामले में प्रशासन के विरुद्ध दायर की गई याचिका की सुनवाई करते हुए इन्दौर उच्च न्यायालय ने आयुष्मान हास्पिटल और स्टेशर रोड पुलिस थाने के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित करने के निर्देश दिए है। हाईकोर्ट ने शासकीय अधिवक्ता को निर्देशित किया है कि वे घटना से सम्बन्धित सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित करें जिससे कि याचिका की सुनवाई के दौरान उनका उपयोग हो सके।
उल्लेखनीय है कि गणेश चतुर्थी की रात गणेश प्रतिमा के जुलूस पर पथराव किया गया था और इस पथराव का विरोध करने वाले गणेश भक्तों पर बाद में पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया था। इस लाठीचार्ज में जहां प्रकाश मईडा नामक एक युवक की अगले दिन आयुष्मान हास्पिटल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। इसके अलावा लखन रजवानिया,महेन्द्र सिंह सोलंकी और काजल किन्नर बुरी तरह घायल हो गए थे। इस मामले में हिन्दू समाज के विरोध प्रदर्शन के बाद जिला प्रशासन द्वारा घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए थे।
इस घटना के बाद घटना में मृत हुए प्रकाश मईडा के भाई अमन कटारा,लखन रजवानिया,महेन्द्र सिंह और काजल किन्नर की ओर से इन्दौर उच्चन्यायालटय में घटना की सीबीआई जांच कराने,दोषी अधिकारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाने और घटना के पीडीतों को मुआवजा दिलाने जैसी मांगों को लेकर याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं ने इस याचिका में राज्य शासन के प्रमुख सचिव गृह,पुलिस महानिदेशक,कलेक्टर रतलाम,एसपी रतलाम,एडीएम,एसपी जेल,टीआई स्टेशन रोड और सिविल सर्जन को पक्षकार बनाया है।
याचिकाकर्ताओं के अभिभाषक वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील जैन और वाल्मिक सकरगाए ने मंगलवार को उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संजीव कलगांवकर के समक्ष अपना पक्ष रखा। शासन की ओर से उपस्थित अधिवक्ता अमित रावल ने शासन से विस्तृत दिशा निर्देश प्राप्त करने के बाद उत्तर प्रस्तुत करने की प्रार्थना की जिसे माननीय न्यायमूर्ति ने स्वीकार कर लिया। इस पर याचिकाकर्ता के अभिभाषकों ने मांग की कि घटना से सम्बन्धित आयुष्मान हास्पिटल और स्टेशनरोड पुलिस थाने के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने के निर्देश विरोधी पक्ष को दिए जाए। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति श्री कलगांवकर ने याचिकाकर्ताओं की मांग को स्वीकार करते हुए घटना से सम्बन्धित सीसीटीवी फुटेज एकत्रित और सुरक्षित करने के निर्देश भी जारी किए। मामले की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को की जाएगी।